गुरु की कृपा से भाग्य कैसे बदलता है ! : Yogesh Mishra

जैसे किसी देश में बहुत से महत्वपूर्ण स्थान होते हैं और जब किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर जाना होता है ! तो वह व्यक्ति विशेष रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर उस स्थान की ओर जाने वाली ट्रेन में बैठ जाता है और उस स्थान पर पहुंच जाता है ! जबकि देश के अंदर हजारों की संख्या में अलग-अलग स्थानों पर जाने के लिये ट्रेनें चल रही हैं !

ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि व्यक्ति सही समय पर, सही ट्रेन में यात्रा करें अन्यथा वह सही स्थान पर नहीं पहुंच पायेगा ! यदि व्यक्ति को सही ट्रेन और उसके सही समय की जानकारी नहीं है तो व्यक्ति अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिये निरंतर भटकता रहेगा और अपने जीवन का समय और ऊर्जा दोनों ही अनावश्यक रूप से नष्ट करता रहेगा !

अतः इस कष्ट से बचने के लिये व्यक्ति को रेल विभाग द्वारा जारी किये गये ट्रेनों के समय सारणी अर्थात टाइम टेबल से परामर्श लेना चाहिये ! जिससे उसे नियत स्थान पर जाने के लिये भटकना न पड़े !

इसी तरह जीवन में भटकने से बचने के लिये व्यक्ति को ज्योतिष का सहारा लेना चाहिये ! जैसा कि प्रायः सभी बड़े व्यवसाई व राजनीतिक व्यक्ति लिया करते हैं ! जिस व्यक्ति को स्वयं ज्योतिष का ज्ञान नहीं होता है वह किसी ज्योतिष के जानकार व्यक्ति से संपर्क स्थापित करता है ! ऐसी स्थिति में ज्योतिषी का भी यह कर्तव्य है कि जो व्यक्ति उससे परामर्श ले रहा है उसे सही परामर्श दे !

ठीक इसी तरह व्यक्ति को जन्म लेने के उपरांत सबसे पहले यह निर्धारित कर लेना चाहिये कि वह जीवन में करना क्या चाहता है अर्थात उसका लक्ष्य क्या है ! उसे जाना कहां है ! इसके बाद लक्ष्य और रूचि के अनुरूप व्यक्ति को सर्वप्रथम किसी संस्था या गुरु का निर्धारण करना चाहिये !

योग्य गुरु यह जानता है कि मेरे समक्ष जो व्यक्ति आया है और वह व्यक्ति जिस लक्ष्य पर पहुंचना चाहता है ! वहां पहुंचने की क्षमता इस व्यक्ति में है या नहीं है ! यदि क्षमता है तो वह गुरु उस व्यक्ति को सही दिशा दिखा देता है ! और यदि क्षमता नहीं है तो वह “गुरु” उस व्यक्ति के अंदर पहले क्षमता विकसित करता है फिर उसका मार्गदर्शन करता है !

अतः गुरु की कृपा अर्थात (मार्गदर्शन) प्राप्त करने के लिये व्यक्ति में विश्वास, धैर्य व समर्पण अवश्य होना चाहिये ! क्योंकि बहुत संभावना है कि व्यक्ति जिस लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहता है ! उस व्यक्ति में उस लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता ही न हो ! ऐसी स्थिति में गुरु सर्वप्रथम अपने साधना की आध्यात्मिक शक्ति से उस व्यक्ति में क्षमता विकसित करता है ! इसके उपरांत उस व्यक्ति का मार्गदर्शन कर उसे उस लक्ष्य की ओर बढाता है !

सही लक्ष्य प्राप्त करना जीवन की एक लंबी प्रक्रिया है ! यदि गुरु की कृपा के साथ व्यक्ति विश्वास, धर्य और समर्पण के साथ लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ता रहे तो निश्चित रूप से उसे वह लक्ष्य भी प्राप्त होते हैं जो सामान्यतया उसके भाग्य में नहीं होते हैं ! इसके शास्त्रों में अनेकों उदाहरण हैं !

अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि यदि गुरु की कृपा हो और व्यक्ति में विश्वास, धैर्य और समर्पण हो तो व्यक्ति भगवान द्वारा लिखे गये अपने प्रारब्ध को भी बदलने का सामर्थ प्राप्त कर लेता है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter