भारत के आदर्शतम प्रधान मंत्री : Yogesh Mishra

94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया ! बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था ! बूढ़े ने मालिक से किराया देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया ! पड़ोसियों को भी बूढ़े आदमी पर दया आयी, और उन्होंने मकान मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए कुछ समय देने के लिए मना लिया ! मकान मालिक ने अनिच्छा से ही उसे किराया देने के लिए कुछ समय दिया !
बूढ़ा अपना सामान अंदर ले गया !

रास्ते से गुजर रहे एक पत्रकार ने रुक कर यह सारा नजारा देखा ! उसने सोचा कि यह मामला उसके समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए उपयोगी होगा ! उसने एक शीर्षक भी सोच लिया, ”क्रूर मकान मालिक, बूढ़े को पैसे के लिए किराए के घर से बाहर निकाल देता है !”

फिर उसने किराएदार बूढ़े की और किराए के घर की कुछ तस्वीरें भी ले लीं !

पत्रकार ने जाकर अपने प्रेस मालिक को इस घटना के बारे में बताया ! प्रेस के मालिक ने तस्वीरों को देखा और हैरान रह गए ! उन्होंने पत्रकार से पूछा, कि क्या वह उस बूढ़े आदमी को जानता है?
पत्रकार ने कहा, नहीं !

अगले दिन अखबार के पहले पन्ने पर बड़ी खबर छपी ! शीर्षक था, *”भारत के पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा एक दयनीय जीवन जी रहे हैं” !* खबर में आगे लिखा था कि कैसे पूर्व प्रधान मंत्री किराया नहीं दे पा रहे थे और कैसे उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था !

टिप्पणी की थी कि आजकल फ्रेशर भी खूब पैसा कमा लेते हैं ! जबकि एक व्यक्ति जो दो बार पूर्व प्रधान मंत्री रह चुका है और लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री भी रहा है, उसके पास अपना ख़ुद का घर भी नहीं ?

दरअसल गुलजारीलाल नंदा को वह स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण रु ! 500/- प्रति माह भत्ता मिलता था ! लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इस पैसे को अस्वीकार किया था, कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के भत्ते के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई नहीं लड़ी ! बाद में दोस्तों ने उसे यह स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया यह कहते हुए कि उनके पास जीवन यापन का अन्य कोई स्रोत नहीं है ! इसी पैसों से वह अपना किराया देकर गुजारा करते थे !

अगले दिन तत्कालीन प्रधान मंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों को वाहनों के बेड़े के साथ उनके घर भेजा ! इतने वीआइपी वाहनों के बेड़े को देखकर मकान मालिक दंग रह गया ! तब जाकर उसे पता चला कि उसका किराएदार, श्री गुलजारीलाल नंदा, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री थे !
मकान मालिक अपने दुर्व्यवहार के लिए तुरंत गुलजारीलाल नंदा के चरणों में झुक गया !

अधिकारियों और वीआईपीयों ने गुलजारीलाल नंदा से सरकारी आवास और अन्य सुविधाएं को स्वीकार करने का अनुरोध किया ! श्री गुलजारीलाल नंदा ने इस बुढ़ापे में ऐसी सुविधाओं का क्या काम, यह कह कर उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया !

गुलजारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को हुआ था ! लजारीलाल नंदा वहीँ हैं जिन्होंने देश की संकट की घड़ी में कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री पद का कार्यभार भी संभाला, जीवन भर किराये के साधारण से मकान में रहे !

जी हाँ, कहा जाता है एक बार वह अपने किराए के घर का किराया नहीं दे पाये थे और उस समय मकान के मालिक ने उनका सामान बाहर फिंकवा दिया था ! जी हाँ, आपको हम यह भी बता दें कि बैंक में भी वह अपने पीछे मात्र और मात्र दो हजार चार सौ चौहत्तर रुपये ही छोड़ के गये थे !

वर्ष 1921 में गुलजारीलालजी नंदा ने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया था और सत्याग्रह आंदोलन के दौरान 1932 में और भारत छोड़ो आंदोलन के समय 1942-1944 में इन्होंने जेल यात्रा कर सभी को हैरान किया था ! वहीँ से वह मुंबई की कांग्रेस की ओर से विधानसभा में 1937 से 1939 तक और 1947 से 1950 तक विधायक भी रहे थे !

वर्ष 1947 में इंटक की स्थापना हुई और इसका श्रेय नंदाजी को जाता है ! दरअसल भारत के योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर भी यह 1950-1951, 1952-1953 और 1960-1963 में रहे और वह केंद्र में गृहमंत्री और श्रम व रोजगार मंत्री भी रह चुके थे !

वर्ष 1997 में देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारतरत्न’ और दूसरा सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान ‘पद्मविभूषण’ दिया गया था ! इन महापुरुष की मृत्यु 15 जनवरी 1998 को अहमदाबाद गुजरात में हुई थी !

वह अंतिम श्वास तक एक सामान्य नागरिक की तरह, एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी बन कर ही रहे ! 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व एच. डी. देवगौड़ा के मिलेजुले प्रयासो से उन्हें “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया ! किन्तु इन्हें आज समाज याद भी नहीं करता है !

वर्तमान के हिंदुत्व से ओतप्रोत राष्ट्रवादी राजनीतिक पार्टी के मुखिया जो अपने प्रपोगंडा के लिए पैतृक निवास से लेकर विदेश तक कैमरा लिये घूमते हैं ! उन्हें ऐसे महापुरुष से सादा जीवन के लिए प्रेरणा लेनी चाहिये !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter