ज्योतिषीय दृष्टिकोण में हरे पौधों का प्रतिनिधित्व “बुध” ग्रह करता है, बुध को हरे पौधों का कारक माना गया है पौधों का पालन और रक्षण करने से हमारी कुंडली में बुध ग्रह संतुलित और सकारात्मक होता है तथा बुध से सम्बंधित अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं !
बुध हमारे “स्नायुतंत्र” को नियंत्रित करता है इसलिए घर में हरे पौधे लगाना उनकी देख–भाल करना तथा हरे पौधों के आस–पास रहने से हमारा स्नायु–तंत्र , मष्तिष्क, सोचने–समझने की शक्ति, याद्दाश्त और बौद्धिक क्षमता अच्छे बने रहते हैं !
बुध बुद्धि और कैचिंग–पावर का कारक होने से पढाई–लिखाई में अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए बच्चों को पेड़ पौधों के सम्पर्क में रहने की आदत डालनी चाहिए और उन्हें बचपन से ही पौधों का महत्व समझाना चाहिए हरे पौधों के संपर्क में रहने से बच्चों का मष्तिष्क अच्छा कार्य करता है यहाँ एक गहन बात और भी है पेड़ पौधों का पालन और रक्षण करने से बुध तो संतुलित होता ही है !
साथ ही चन्द्रमाँ जल अर्थात पानी का कारक होता है तो जब आप पेड़ पौधों में पानी देते हैं तो आपका चन्द्रमाँ भी मजबूत बनता है चन्द्रमाँ मन का स्वामी भी है अतः पौधों में पानी डालने से आपके मन को भी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है तो पेड़ पौधों का महत्व जहाँ हम स्थूल रूप में देखते हैं वहीँ इसमें बहुत सी गहनता भी छुपी हुई है !
छोटे पौधों को घर के पूर्व, उत्तर या ईशान–कोण में लगा सकते हैं परन्तु ऊँचे, बड़े, या घने पेड़ कभी भी पूर्व, उत्तर और ईशानकोण में नहीं लगाने चाहिए ! बड़े या ऊँचे पेड़ पौधे हमेशा घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही लगाने चाहिए !
ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिये फल या सब्जी के पौधे लगाने चाहिये ! कैक्टस या ऐसे पौधे जिनमे केवल काँटों की प्रधानता होती है उन्हें घर में कभी नहीं लगाना चाहिए !