यह हिंदू धर्म का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि कथा वाचकों ने अपनी दुकान चलाने के लिये भगवान के पुरुषार्थ की चर्चा के स्थान पर भगवान को एक चमत्कारी मदारी बना कर रख दिया है !
उसी का परिणाम है कि आज कोई कथा वाचक भगवान के पसीने से बच्चा पैदा कर रहा है ! तो कोई दूसरा कथावाचक खीर खिलाकर भगवान की माताओं को गर्भवती बना रहा है ! कहीं आग से संतान प्रगट हो रही है ! तो कहीं नवजात शिशु का सर काट के हाथी का सर लगाया जा रहा है ! कहीं घड़े में बच्चा पैदा हो रहा है तो कोई “दोने” में बच्चा पैदा कर रहा है !
अजीब विडंबना है कि इस तरह के गैर तार्किक कथाओं का खुलेआम कथावाचक मंचों से वाचन कर रहे हैं और हिंदू समाज जो अपने को अति बुद्धिजीवी समझता है ! वह मंत्रमुग्ध होकर इन धूर्त कथावाचकों की कथाओं पर तालियां बजा रहा है ! और इस तरह की काल्पनिक कथाओं पर लाखों रुपये खर्च कर रहा है ! जो मनोरंजक कथाओं के अतिरिक्त और कुछ नहीं हैं !
शायद यही वजह है कि हिंदू आज आत्मरक्षा के योजना की जगह ईश्वरीय चमत्कार का इंतजार कर रहा है ! जिससे हिंदुओं पर होने वाले बहुआयामी आक्रमणों से हिंदू निरंतर कमजोर होता जा रहा है !
वैसे इस तरह की मायावी कथाओं की शुरुआत धूर्त मुगल शासकों के काल में हुयी थी और उस को बढ़ावा अंग्रेजों के समय में दिया गया ! धूर्त मुगल शासक और अंग्रेजों ने मिलकर भारत के धर्म ग्रंथों में इसी तरह के चमत्कारिक, मायावी कथाओं का समावेश करवाया और हिन्दू धर्म ग्रंथों को मनोरंजक पुस्तकों में परिवर्तित करवा दिया और आज वही चमत्कार पूर्ण मजोरंजक धर्म ग्रंथ की काल्पनिक कथाओं को यथार्थ मानकर हिंदू पुरुषार्थ विहीन होकर उत्साह विहीन और नपुंसक हो गया है !
यह स्थिती सत्य सनातन हिंदू धर्म के रक्षार्थ अत्यंत भयावह है और अफसोस तो इस बात का होता है कि जब इस तरह के काल्पनिक चमत्कारों का खंडन किया जाता है या ईश्वर के पुरुषार्थ की चर्चा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से की जाती है ! तो तथाकथित हिन्दू बुद्धिजीवी तुरंत अपनी अज्ञानता में विरोध का झंडा लेकर खड़े हो जाते हैं !
यह वही मुर्ख हिंदू हैं जिनके पूर्वजों के इसी चरित्र के रहते सत्य सनातन हिंदू धर्म जो कभी पूरे विश्व में फैला था ! वह आज सिमट कर आधे अधूरे भारत में रह गया है ! अगर तुम्हारा भगवान इतना चमत्कारी है तो गजनी ने जब सोमनाथ मंदिर पर 16 बार आक्रमण किया था तो उसको ब्रेन हेमरेज या हार्ड अटैक क्यों नहीं हो गया या जब बाबर ने राम जन्मभूमि पर आक्रमण करवाया था तो बाबर को पैरालिसिस क्यों नहीं हो गया !
औरंगजेब ने जब विशेष सैनिक जत्था बनाकर एक अभियान के तहत सैकड़ों मंदिरों को नेस्तनाबूद कर दिया था तो औरंगजेब को कैंसर क्यों नहीं हो गया ! अंग्रेजों के शासन काल में जब ईसाइयत स्वीकार न करने पर जब हिन्दुओं को जिन्दा भून दिया जाता था तो ऐसे दुष्ट पादरी अपाहिज क्यों नहीं हो गये ! आदि आदि
इससे यह सिद्ध होता है कि भगवान के चमत्कार के नाम पर हिंदुत्व का झंडा लेकर घूमने वाले हिन्दू या तो मंदबुद्धि हैं या फिर वह धूर्त हैं ! जो हिंदुत्व के सर्वनाश के लिये भगवा कपड़े पहन कर चर्चा तो हिंदुत्व की करते हैं लेकिन अंतःकरण में उनकी यही कामना है कि हिंदू भगवान के चमत्कार के भरोसे बैठा रहे और विधर्मी हिंदुत्व का सर्वनाश कर दें !
यह स्थिती बहुत ही भयावह है क्योंकि भगवान के चमत्कार के भरोसे बैठने के कारण ही आज हिंदुत्व पूरी दुनिया में समिट कर नष्ट हो रहा है ! यही सही समय है कि यदि भगवान के चमत्कार के स्थान पर भगवान के पुरुषार्थ की चर्चा की जाये तो हिंदू समाज में पुन: नये उत्साह का नया संचार होगा और हिंदुओं को विधर्मी षड्यंत्रकारियों की ताकतों से लड़ने का एक श्रेष्ठ अवसर प्राप्त होगा !
पूर्व के तथाकथित साधु-संत, महात्मा, भगवाधारी, श्वेत वस्त्र पहनने वाले अंग्रेज और मुगलों के गुलाम धूर्त कथा वाचकों के द्वारा सत्य सनातन हिंदू धर्म को नपुंसक और पुरुषार्थ विहीन बनाने के लिये जो षडयंत्र रचा गया था उसका भी भांडा फोड़ होगा !
इसलिये यह बहुत आवश्यक है कि हिंदुत्व के रक्षार्थ इस समय नवजागरण की परम आवश्यकता है क्योंकि हिंदुत्व का सही स्वरूप ही हिंदुओं की रक्षा कर सकता है ! किसी भगवान के चमत्कार के भरोसे बैठे रहने से हिंदुओं के हाथ सर्वनाश के अतिरिक्त और कुछ नहीं लगेगा ! इसलिये हिंदुओं तुम संगठित हो ! शस्त्र धारण करो और शास्त्रों का सही विश्लेषण करो ! चमत्कारों को त्याग कर ईश्वर के पुरुषार्थ की चर्चा करो ! जिससे हिंदुत्व की रक्षा हो सके !!