“नीलभ भद्राक्ष” बहुत से ग्रह दोषों का समाधान है ! : योगेश मिश्र |

भद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ का बीज है। भद्राक्ष के पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय और पश्चिमी घाट सहित कुछ और जगहों पर भी पाए जाते हैं।
अफसोस की बात यह है लंबे समय से इन पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल भारतीय रेल की पटरी बनाने में होने की वजह से, आज देश में बहुत कम भद्राक्ष के पेड़ बचे हैं। आज ज्यादातर भद्राक्ष नेपाल,बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया से लाए जाते हैं।

शिवपुराण, लिंगपुराण, एवं सकन्द्पुराण आदि में इस का विशेष रूप से वर्णन किया हुआ है|
भद्राक्ष का स्पर्श, दर्शन, उस पर जप करने से, उस की माला को धारण करने से समस्त पापो का और विघ्नों का नाश होता है ऐसा महादेव का वरदान है, परन्तु धारण की उचित विधि और भावना शुद्ध होनी चाहिए|

भोग और मोक्ष की इच्छा रखने वाले चारो वर्णों के लोगों को विशेष कर शिव भगतो को शिव पार्वती की प्रार्थना और प्रसंता के लिए भद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए|
भद्राक्ष मानव जाति को भगवान के द्वारा एक अमूल्य देन है। भद्राक्ष भगवान शिव का अंष है।

भद्राक्ष धारण करना भगवान षिव के दिव्य ज्ञान को प्राप्त करने का साधन है। सभी मनुष्य भद्राक्ष धारण कर सकते हैं । भारतीय संस्कृति में भद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि भद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है।
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भद्राक्ष श्वेतवर्ण, रक्तवर्ण, पीतवर्ण तथा कृष्णवर्ण के होते हैं ।

भद्राक्ष एक दिव्य औषधीय एंव आध्यात्मिक वृक्ष है । संसार में यही एक ऐसा फल है जिसको खायानहीं जाता बल्कि गुददे को निकालकर उसके बीज को धारण किया जाता है । यह एक ऐसा काष्ठ हैजो पानी में डूब जाता है । पानी में डूबना यह दर्शाता है कि इसका आपेक्षिक घनत्व अधिक है क्योंकि इसमें लोहा, जस्ता, निकल, मैंगनीज, एल्यूमिनियम, फास्फोरस, कोबाल्ट, पोटैशियम, सोडियम,सिलिका,गंधक इत्यादि तत्व होते हैं ।

जब कुण्डली में कोई भी रत्न या रुद्राक्ष कार्य नहीं कर रहा हो, तब भद्राक्ष को सटीक कार्य करते देखा गया है | यदि आर्थिक परेशानी का सामना करना पड रहा है, बार बार धनहानि हो रही है, व्ययाधिक्य से परेशान हैं , संपत्ति किसी विवाद में फंस गई हो, शासन सत्ता में कोई सुन नहीं रहा हो | कोर्ट या कारावास का भय हो | ग्रह स्थितियां अनुकूल नहीं है तो नीलभ भद्राक्ष धारण करना चाहिये |

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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