यह दुर्लभ चंद्र ग्रहण सामान्य नहीं है : Yogesh Mishra

कोरोना की महामारी के काल में 26 मई 2021 को होने वाला दुर्लभ चंद्र ग्रहण सामान्य चंद्र ग्रहण नहीं है ! इसे ‘खूनी लाल सुपरमून’ चंद्र ग्रहण कहा जाये तो यही उचित रहेगा ! इस तरह के चंद्रग्रहण का प्रयोग “कबाला तंत्र” की सिद्धि के लिये किया जाता है !

याद रहे इस तरह जेष्ठ मास के ग्रहण पूरी पृथ्वी पर उथल-पुथल मचा देते हैं ! व्यक्ति अज्ञात बीमारियों से मरने लगता है ! जगह जगह भूकंप आंधी तूफान आदि की प्राकृतिक आपदाएं होने लगती हैं !

ऐसे स्थिती में ज्वालामुखी का भी सक्रिय होना पाया जाता है ! जगह जगह जन विद्रोह होने लगते हैं ! यह चंद्र ग्रहण अकाल मृत्यु का भी सूचक है ! इसलिये इसे विशेष गंभीरता से लिया जाना चाहिये !

लेकिन हमारा सौभाग्य यह है कि इस तरह का चंद्र ग्रहण जेष्ठ मास में ठीक श्रावण मास आरंभ होने के पहले पड़ा है ! अर्थात जो व्यक्ति इस सावन मास में भगवान शिव की सेवा करेगा उनका रुद्राभिषेक करेगा ! उनसे जीवनदान की प्रार्थना करेगा ! वह व्यक्ति इस चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से मुक्त रहेगा !

इसलिए अपने सभी शुभचिंतकों के लिये यह मेरा सुझाव है कि इस सावन मास में आप अवश्य भगवान शिव की आराधना करें और “पंच सिद्धि रूद्र अभिषेक” अवश्य करवायें ! यह यजुर्वेद के शुक्ल पक्ष में वर्णित है !

“मृत संजीवनी सिद्धि” के लिये इस रुद्राभिषेक का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है ! भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर आप सुखी, स्वस्थ और समृद्ध हों ! यही मेरी कामना है !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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