प्रश्न कुंडली से चोरी, गुम अथवा खोयी हुई वस्तु मिलेगी या नहीं ? प्राचीन काल से ही प्रश्न कुंडली के माध्यम से सभी समस्या का समाधान देने की परम्परा रही है! आज हम इस विषय पर चर्चा करने जा रहें है की खोया या चोरी हुई सामान मिलेगा या नहीं! ज्योतिष में इस प्रकार के प्रश्नों का समाधान कई प्रकार से देने की परम्परा रही है यथा :—
जिस दिन सामान गुम हुआ या चोरी हुई उस दिन के नक्षत्र के आधार पर खोई वस्तु के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है!
व्यक्ति जिस समय प्रश्न पूछता है की मेरा सामान मिलेगा या नहीं ? उस समय के प्रश्न कुंडली बनाकर !
प्रश्न कुंडली के आधार पर जाने सामान कब मिलेगा !
खोया हुआ सामान मिलेगा इसके लिए हमारे ऋषि मुनियों ने कुछ नियम बनाये है वह इस प्रकार है :—-
लग्न में शीर्षोदय राशि हो तथा लग्न पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो !
यदि लग्नेश सप्तम भाव में है और सप्तमेश से इत्थशाल करें !
लग्नेश सप्तमेश का परस्पर राशि परिवर्तन हो तो सामान मिलने की संभावनाएं होती है !
यदि लग्न को चंद्र तथा लग्नेश दोनों ही देखते हों तो सामान वापस मिलता है !
यदि अष्टमेश लग्न में है या लग्नेश अष्टम में है अथवा द्वितीयेश का अष्टमेश के साथ इत्थशाल हो तो सामान वापिस मिलता है !
यदि उदित प्रश्न लग्न के भाव 1, 4, 5, 7, 9 या 10 में शुभ ग्रह स्थित हो तथा कोई भी अशुभ ग्रह नहीं हो तो सामान वापस मिलता है !
यदि पूर्ण चन्द्रमा शुभ लग्न में हो !
नक्षत्र के आधार पर खोयी वस्तु की जानकारी
खोई हुई वस्तु अथवा सामान मिलेगी या नहीं ? इस बात का पता नक्षत्रों के आधार से भी लगाईं जाती है! ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र है तथा एक अभिजीत नक्षत्र मिलकर कुल 28 नक्षत्र होते है इनको मंद, मध्य, सुलोचन तथा अंध के नाम से चार बराबर भागों में बाँट दिया गया है ! इन नक्षत्रों के अनुसार चोरी के सामान के दिशा तथा फल ज्ञान के विषय में जो जानकारी प्राप्त होती है !
नक्षत्रों का लोचन ज्ञान
मंद लोचन में आने वाले नक्षत्र
अश्विनी, मृगशिरा, आश्लेषा, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढा़, शतभिषा.
मध्य लोचन में आने वाले नक्षत्र
भरणी, आर्द्रा, मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, अभिजित, पूर्वाभाद्रपद
सुलोचन नक्षत्र में आने वाले नक्षत्र
कृतिका, पुनर्वसु, पूर्वाफाल्गुनी, स्वाति, मूल, श्रवण, उत्तराभाद्रपद
अंध लोचन में आने वाले नक्षत्र
रोहिणी, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, विशाखा, पूर्वाषाढा़, धनिष्ठा, रेवती
नक्षत्रों के द्वारा जानिए
जब किसी व्यक्ति की कोई वस्तु चोरी होती है या गुम होती है तब सर्वप्रथम उस व्यक्ति से यह पूछना चाहिए की कब चोरी हुई या गुम हुई, उसके बाद यह देखे की उस समय कौन नक्षत्र था और वह नक्षत्र किस लोचन में स्थित है जिस लोचन में खोई है उसके अनुसार परिणाम बताया जाता है यथा :—
अंध लोचन :- इस लोचन में खोई हुई वस्तु पूर्व दिशा में शीघ्र ही मिल जाती है !
मंद लोचन :- इस लोचन में गुम हुई वस्तु दक्षिण दिशा में होती है और गुम होने के ४-5 दिन बाद बहुत ही कष्ट से मिलने की सम्भावना होती है !
मध्य लोचन :– इस लोचन में खोई हुई वस्तु पश्चिम दिशा की ओर होती है और गुम होने के एक दो माह के बाद उस वस्तु की जानकारी मिलती है तथा कई दिनों के बाद उस वस्तु के मिलने की संभावना बनती है वह भी निश्चित नहीं होती है !
सुलोचन नक्षत्र :- इस लोचन में गुम हुई वस्तु उत्तर दिशा की ओर होती है ! इस नक्षत्र में खोई वस्तु की मिलने की सम्भावना न के बराबर होती है !