हिंदू संस्कृति क्यों नहीं मिट सकती है : Yogesh Mishra

पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा लेखन हिंदू धर्म में ही हुआ है ! यह एक प्राचीन सभ्यता की लंबी महाश्रृंखला है या दूसरे शब्दों में कहा जाये तो हिंदू धर्म में लिखे गये ग्रंथों के मात्र नाम को ही यदि सूचीबद्ध किया जाये तो वह अपने आप में एक मोटा ग्रंथों हो जायेगा !

इसका तात्पर्य यह है कि हिंदू धर्म में अनादि काल से सभी तरह के चिंतन का महत्व रहा है ! इसीलिए पूरी दुनिया में एकमात्र हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें लेखक, चिंतक, विचारक, महाकवि आदि सभी को स्वतंत्र दृष्टि से अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया गया है !

गहराई से अध्ययन करने पर यह पता चलता है कि बहुत से ग्रंथकारों के विचार एक दूसरे से एकदम विपरीत हैं ! कोई ईश्वर को मानता है, तो कोई ईश्वर को नकार देता है ! कोई प्रकृति के शरण में गया है, तो कोई विज्ञान को महत्व देता है, कोई सामाजिक व्यवस्था को मानता है, तो दूसरा लेखक समाज को अस्वीकार कर देता है, आदि आदि !

शायद यही वजह है कि हिंदू धर्म में सैकड़ों देवी-देवताओं की कल्पना की गई है और उन सभी के आराधना, पूजा विधान करने की प्रक्रिया भी अलग-अलग है और ताज्जुब इस बात का है कि हिन्दू समाज ने हर तरह की पद्धति के पूजा विधान को मान्यता दी है ! फिर चाहे वह शमशान आराधना हो और चाहे मंदिर की देव आराधना !

हिंदू धर्म शास्त्रों में संपूर्णता के साथ ही वर्ग, जाति, वर्ण, संप्रदाय, समुदाय, पंथ, क्षेत्र, राज्य, राष्ट्र, विश्व, लोक और परलोक तक का विधान विभिन्न स्वरूपों में वर्णित है !

इसी तरह एक जगह जहाँ विश्व को मानवीय परिवार कहा गया है, वहीँ दूसरी तरफ हर व्यक्ति एक व्यक्तिगत स्वतन्त्र इकाई माना गया है ! जहां एक तरफ अहंकार, द्वेष, घृणा, युद्ध, प्रतिशोध को महत्व दिया गया है, तो वहीँ दूसरी तरफ प्रेम, स्नेह, करुणा, दया, सहकारिता, सहअस्तित्व आदि को महत्व दिया गया है !

ऐसा अद्भुत विराट लेखन विश्व के किसी भी संस्कृति में नहीं पाया गया है ! शायद यही वजह है कि विश्व की दूसरी संस्कृतियां जब संघर्ष करते करते मिट गई, तो भी हिंदू संस्कृति आज भी जीवित ही नहीं है बल्कि विकसित भी हो रही है !

लेकिन इस हिन्दू संस्कृति को मिटाने का प्रयास सदियों से होता चला आया है और आगे भी सदियों तक होता रहेगा ! आज तो तकनीक की मदद से भी बहुत तेजी से हिंदू संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है !

लेकिन हिंदू संस्कृति को मिटाने वाले यह नहीं जानते हैं कि अगर विश्व में सभी दर्शन और जीवन शैली को सहजता से स्वीकार करने वाली हिंदू संस्कृति मिट गई, तो इस विश्व की मानवता भी मिट जायेगी क्योंकि हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें हर वर्ग, हर वर्ण, हर दर्शन, हर जीवन शैली के व्यक्ति को सहज भाव में स्वीकार करने की व्यवस्था की गई है !

इसलिए हिंदू संस्कृति कभी नहीं मिट सकती ऐसा मेरा मत है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter