क्या हम नर पिशाचों के साथ जी रहे हैं : Yogesh Mishra

विषय बड़ा अजीब सा है ! लेकिन अब हमें चिंतन करना होगा कि क्या “वसुधैव कुटुम्बकम्” या “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की संस्कृति वाले देश में अब नर पिशाचों ने कब्जा कर लिया है ! जैसा कि क रोना काल में स्पष्ट दिखाई दे रहा है !

पूरी दुनिया को शांति और सहयोग का संदेश देने वाला भारत अब विशुद्ध रूप से अपनों को ही लोगों को ठगने पर उतारू है ! इस क रोना काल में जब हर घर में मौत हो रही है ! तब समाज में एक वर्ग वह भी है जो नर पिशाचों की तरह पूरे समाज को नष्ट करने पर लगा है !

जीवन रक्षक औषधियां बाजार में नकली मिल रही हैं ! औषधियां को उनके वास्तविक मूल्य से 1000 गुना अधिक मूल्य तक बेचा जा रहा है ! व्यक्ति के जीवित रहने की प्रथम आवश्यकता ऑक्सीजन के सिलेंडर लोगों ने अपने घरों और गोदामों में छिपा कर रख लिये हैं और जो बेच भी रहे हैं, वह उनके वास्तविक मूल्य से 500 गुना अधिक मूल्य पर !

अस्पतालों में डॉक्टर मानव अंगों की तस्करी में व्यस्त हैं ! कुछ डॉक्टर तो जानबूझकर दवा या ऑक्सीजन की सप्लाई में इस तरह का घालमेल कर रहे हैं कि जिससे अधिक से अधिक मनुष्यों की मौत हो सके ! एक घटना तो यह भी प्रकाशित हुई कि एक डॉक्टर ने मरीज की पत्नी के पास यह प्रस्ताव रखा कि यदि उसे अपने पति की जीवन रक्षा करना है और उसके पास पैसा नहीं तो उसे रात में उस डाक्टर के साथ सोना होगा !

एंबुलेंस जो सेवा कार्य के प्रतीक मानी जाती है शायद इसीलिये सभी तरह के टैक्स से मुक्त रखी गयी हैं ! वह भी लाशों को ढोने के लिये अपने वास्तविक किराये से 100 गुना अधिक किराया वसूल रही हैं ! शमशान पर लकड़ियां अपने वास्तविक मूल्य से 100 गुना अधिक मूल्य पर बिक रही हैं ! शमशान पर चिता को जलाने के लिये जो धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती गई है उसको ले लेने के बाद भी लोग लाशों को बिना जलाये ही नदियों में फेंक दे रहे हैं ! वैक्सीन के नाम पर सभी जगह-जगह मन चाही लूट मची है !

दूसरे शब्दों में कहा जाये तो करोना काल बहुत से नर पिशाचों के लिये कमाई के अवसर का काल है !
कहां गया वह तपस्वी ऋषियों मुनियों का भारत जिसमें एक गाय की रक्षा के लिये राजा दिलीप अपने अंगों को काट-काट कर दान कर देते हैं या असुरों से विजय दिलाने के लिये महर्षि दधीच अपनी हड्डियां देवराज इंद्र को दान में दे देते हैं ! हमारी संस्कृति कभी इतनी गन्दी न थी ! क्या यह सब आधुनिक शिक्षा और धन का प्रभाव है !
यदि आधुनिक शिक्षा और धन ने इंसान से नर पिशाच बना देता है, तो ऐसी शिक्षा और धन को समाज से यथाशीघ्र दूर कर दिया जाना चाहिये ! जिससे हम यदि भगवान तो नहीं बन सकते तो कम से कम इंसान तो बने रहें !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Check Also

सुपरबग क*रोना से भी ज्यादा खतरनाक होगा : Yogesh Mishra

आधुनिक चिकित्सा जगत की सबसे महत्वपूर्ण और शोध परक पत्रिका “लांसेट” ने अपने शोध के …