महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 2 /10 / 2009 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया है ! यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं !
मनरेगा को “वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा में वृद्धि के उद्देश्य से शुरू किया गया था ! जिनके वयस्क सदस्य अकुशल मैन्युअल काम करने के लिए स्वयंसेवक हैं” ! मनरेगा का एक अन्य उद्देश्य है टिकाऊ संपत्तियां बनाना (जैसे सड़कों, नहरों, तालाबों और कुएं) ! आवेदक के निवास के 5 किमी के भीतर रोजगार प्रदान किया जाना है और न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना है ! यदि आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर काम प्रदान नहीं किया जाता है, तो आवेदक बेरोजगारी भत्ता के हकदार हैं ! इस प्रकार, मनरेगा के तहत रोजगार एक कानूनी हकदार है !
ठीक इसी तरह शिक्षित बेरोजगारों के लिए “मनरेगा” की तरह रोजगार गारंटी कानून बनाने की मांग जन अधिकार संगठन द्वारा की जानी चाहिये ! मेरा विचार है कि हर साल देश के हजारों शैक्षणिक संस्थाओं से लाखों विद्यार्थी अत्यधिक फ़ीस देकर स्नातक और परास्नातक करके निकल रहे हैं ! लेकिन उन्हें रोजगार और नौकरी नहीं मिल पा रही है ! इससे उनका पैसा और समय दोनों ही बर्बाद हो रहा है ! साथ ही परिवार में निराशा घर कर रही है और आर्थिक परेशानियां खड़ी हो रही हैं ! जिससे परेशान व्यक्ति प्रायः आत्महत्या कर ले रहा है !
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेरोजगार युवाओं की संख्या के मुकाबले पद काफी कम मात्र में होने के कारण भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है ! पिछले दिनों कई स्थानों पर चपरासी के पद पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी ! इसमें इंजीनियरिंग और परास्नातक पास उम्मीदवार भी बेरोजगारी के कारण शामिल हुये थे !
यह भयावह स्थिती न तो युवाओं के लिये ही उचित है और न ही देश के लिये ! यदि इस पर समय रहते विचार नहीं किया गया तो शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या के बढ़ते यह देश गृह युद्ध की ओर भी बढ़ सकता है ! इस लिये शिक्षित बेरोजगारों के लिये “मनरेगा” की तरह ही रोजगार गारंटी कानून बनाने के विषय पर अविलम्ब विचार किया जाना चाहिये ! जिससे राष्ट्र देश की युवा शक्ति का सही इस्तमाल कर सके !!