हिटलर तानाशाह नहीं बल्कि वह त्यागी और दयालू था ! : Yogesh Mishra

हिटलर तानाशाह नहीं बल्कि एक त्यागी, दयालु, शाकाहारी, धूम्रपान न करने वाला और अध्ययनशील व्यक्ति था ! उसने सितंबर 1933 में हिटलर के जर्मनी का वाइस चांसलर बनते ही उसने जर्मनी में बड़े पैमाने पर सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शुरू करवा दिये ! जिसे ‘विंटर हेल्प वर्क’ के नाम से जाना जाता है ! इस कार्यक्रम के तहत ठंड के समय में गरीब लोगों की मदद की जाती थी ! फंड जुटाने के लिये नाजी पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के दरवाजे पर जाते थे और उन्हें दान देने के तरीके समझाते थे ! जिसमें कभी कभी स्वयं हिटलर भी शामिल होते थे !

हिटलर शुद्ध शाकाहारी, पशु प्रेमी और धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति थे ! उसके बंकर में नियमित रूप से सब्जियां पहुंचाई जाती थीं ! कई बार किसी ने हिटलर को ज़हर देने की कोशिश की थी ! जिसके बाद से ही हिटलर के खाने की जांच कर के उसे परोसा जाता था !

उनसे जानवरों पर किये जाने वाले प्रयोग बंद करवा दिये थे ! इतना ही नहीं जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कई कानून बनाए गएं और यदि कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता था तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता था !

इसी तरह तंबाकू से नाजी सरकार को अच्छी आमदनी होने के बाद भी हिटलर ने सार्वजनिक स्थल, सिनेमा हॉल और स्कूलों में भी सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था ! उनका मानना था कि तंबाकू का इंसानों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और फेफड़ों के कैंसर के लिये यही जिम्मेदार है !

हिटलर के शासन काल में ही जर्मनी में सड़कों का जाल बनाने की महत्वकांक्षी परियोजना शुरू हुई थी ! इसकी देखादेखी बाकी देशों को भी प्रेरणा मिली और लोगों की यात्रा का तरीका ही बदल गया ! यह एक क्रांतिकारी प्रणाली थी और आज दशकों बाद भी जर्मनी के पास तीसरी सबसे घनिष्ठ ऑटोबहन प्रणाली है, पहले और दूसरे नंबर पर अमेरिका और चीन है ! इस प्रोजक्ट से करीब 1 लाख 30 हजार लोगों को रोज़गार भी मिला था !

हिटलर की नौकरानी रही रोजा मिटरेर का कहना है कि हिटलर एक बहुत अच्छे मालिक थे ! इस समय 91 वर्षीया रोजा 1930 के दशक में जर्मनी के बावहरिया स्थित पहाड़ पर बने शानदार आवास में नौकरानी के रूप में काम करती थीं !

वर्ष 1932 में मात्र 15 वर्ष की आयु में रोजा क्रुअटेनबाखर हिटलर की नौकरी करने गई थीं ! उनकी बहन एनी ने भी हिटलर के लिये 1920 के दशक में हिटलर के बरखटेसगाडेन रिट्रीट में कुक के रूप में नौकरी की थी ! अपनी बहन के कारण वह हिटलर के बंगले पर नौकरी करने गई थीं ! हिटलर ने ही उनकी बहिन से कहा था कि उसे एक नौकरानी की जरूरत है !

बंगले के किचन में ही हिटलर और रोजा का पहली बार आमना सामना हुआ था ! जब उन्होंने बताया कि वह एनी की बहिन हैं तो हिटलर सुनकर मुस्कराया था क्योंकि एनी उसकी प्रिय नौकरानियों में से एक थी ! जब उनसे पूछा जाता है कि हिटलर कैसा था तो उनका यही कहना है कि ‘आप उसे चाहे जैसा मान सकते हैं लेकिन मैंने उन्हें सदा ही एक दयावान आदमी के रूप में पाया था ! इतना नही नहीं वह एक परफेक्ट बॉस थे !’

रोजा का कहना है कि बंगले में उनका कमरा हिटलर के कमरे के ठीक ऊपर था ! उन्हें अच्छी तरह याद है जबकि पहली बार हिटलर ने उन्हें काम बताया था ! वह घर में पोर्सलिन के कप सुखा रही थीं कि सामने की सीढ़ियों से हिटलर उतर कर आये और उन्होंने बड़ी शालीनता से कहा – हेलो, आपको तकलीफ देने के लिये माफी चाहता हूँ कि क्या आप कुछ कॉफी बनाकर और थोड़े से जिंजरब्रेड बिस्क‍िट्‍स मेरे स्टडी रूम में ला देंगी ?

हिटलर के प्रभावशाली व्यक्तित्व से वह इतना प्रभावित थी कि उनके इतने पास आकर यह बात कहने भर से रोजा को लगा कि वह बेहोश हो जायेंगी ! लेकिन वह जल्दी ही बरगॉफ में अपने जीवन की आदी हो गईं ! वह रोज सुबह 5 बजे उठकर सबसे पहले अपने तीन जर्मन शेफर्ड कुत्तों को खाना देते थे ! जिनके नाम वूल्फ, मक और ब्लाँडी था !

हिटलर अपने स्टडी रूम में ही सोते थे ! साधारण से उनके कमरे में लोहे का एक पलंग, एक वार्डरोब, एक मेज, दो कुर्सियाँ और एक शू-बॉक्स था ! इस कमरे में बहुत थोड़ा सा फर्नीचर था और कमरे में बिस्तर के पास उनकी माँ की एक तस्वीर टँगी रहती थी !

रोजा का कहना है कि बरगॉफ में काम करने के लिये उन्हें नाजी पार्टी का सदस्य या कुछ और होने की जरूरत नहीं थी ! थोड़े दिन बाद वह भी बंगले में सहज, सामान्य हो गईं ! वह कहती हैं कि यह हिटलर के आदेश थे कि एनी और रोजा को प्रत्येक रविवार को चर्च ले जाया जाये क्योंकि वह धर्म का बहुत सम्मान करते थे !

उन्हें अच्छी तरह याद है कि जब दूसरी बार हिटलर किचन में आये तो उन्होंने रोजा को देखा और हँस कर कहा, ‘अरे, मैं देख रहा हूँ कि हमारी छोटी वाली थोड़ी मोटी हो गई है !’ रोजा का काम था कि वह चिट्‍ठियों को छाँटे और उन्हें हिटलर की मेज तक पहुँचाये ! जिन्हें हिटलर स्वयं देखते थे ! जबकि यह पत्र हजारों की संख्या में आया करते थे !

बंगले में बड़ी संख्या में सिगार, जैम के भरे जार, फूल और तस्वीरें होती थीं ! जिन्हें हिटलर प्राय: पास में रहने वाले गरीब किसानों के परिवारों में बाँट दिया करते थे ! बंगले में काम करते हुये रोजा को हिटलर की प्रेमिका इवा ब्राउन को भी देखने का मौका मिला ! जिन्हें हिटलर ने अपने शासन काल के दौरान लोगों की निगाह से पूरी तरह अलग रखा ! वह कहती हैं कि इवा कोई बहुत अधिक सुंदर नहीं थी !

वर्ष 1935 में जब मेरी बहन एनी एक स्थानीय कारोबारी जोसेफ एमोर्ट्‍स के प्रेम में पड़ गईं और उन्होंने नौकरी छोड़ने का नोटिस दे दिया ! तब उनसे कहा गया था कि वह तुरंत ही नौकरी छोड़कर जा सकती हैं ! इसके बाद एनी और हिटलर मात्र एक और बार मिले ! 10 दिसंबर, 1936 को एनी ने बरगॉफ के मैनेजर हरबर्ट डोहरिंग से विवाह किया था ! तब हिटलर चांसलर होने के बाद भी पूर्व नौकरानी के विवाह में आया था और उसने कहा कि जीवन में कोई जरुरत हो तो बतलना !

वर्ष 1939 में रोजा का विवाह हो गया और उन्होंने तीन बेटियों को जन्म दिया ! बाद में उन्होंने एक और विवाह किया और अब वह म्युनिख में रहती हैं ! युद्ध के बाद उन्होंने अपने मालिक के बारे में और हॉलोकास्ट के बारे में जाना ! वह कहती हैं कि उसने ऐसे भयानक आदेश दिये होंगे पर मुझे तो इस पर विश्वास ही नहीं होता ! अभी भी मुझे उसके जीवन के उन पहलुओं की याद आती है जो कि मेरे लिये आकर्षक और आदर्श रहे हैं !

इससे स्पष्ट है कि हिटलर वास्तव में इतना बुरा इंसान नहीं था ! जितना साम्राज्यवादियों और पूंजीवादियों ने समाज में उसकी छवि खराब करने के लिये प्रपोगंडा मचाया ! समाज के राष्ट्रघातियों और देशद्रोहियों को दंड देने के लिये यदि उसने कोई कदम उठाया तो वह शासक का कर्तव्य था ! इसलिये हिटलर के नाम के आगे “तानाशाह” शब्द लगाना सर्वथा अनुचित है ! वह एक राष्ट्रभक्त, अनुशासन प्रिय, भावुक, अध्ययनशील और दयालु व्यक्ति था !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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