नशेड़ियों की शिव भक्ति : Yogesh Mishra

यह जो माथे पर टीका लगाकर उल्टे सीधे कपड़े पहनकर गले मे रुद्राक्ष जैसी परम पवित्र माला डालकर और नाम के आगे भक्त, महा भक्त, परमभक्त, शिव भक्त लगाकर लोग बैठ जाते हैं ! उन्हें गलती से कभी किसी भूत-प्रेत के भी दर्शन हो गया ! तो वह नकली शिव भक्त आश्रम ही नहीं अपना घर तक छोड़ कर भाग जायेंगे !

नाटक के तौर पर सुल्फे के साथ फोटो डालना या अपने साथ-साथ हमारे सनातन समाज और धर्म का भी अपमान करना ! भगवान शिव का सुल्फे के साथ फोटो बनाकर पेश करना आदि आदि मेरी नजर में शिव भक्ति नहीं बल्कि मानसिक रोग है !

अरे मूर्ख शिरोमणियों क्या ईश्वर को भूख प्यास लगती है ! क्या ईश्वर नशा करते है या ईश्वर मादक पदार्थो का सेवन करते हैं ! बिल्कुल नही ! वह तुम्हारी तरह बिल्कुल भी शराबी, भंगेड़ी, गंजेड़ी या चिलामबाज नहीं हैं !

यह सब झूठ है ! एकदम सरासर झूठ है ! इसे एक षडयंत्र के तहत प्रचारित प्रसारित किया गया और कुछ नशेड़ी और दिमाग से विकलांग लोगों ने धर्म के नाम पर शौक़ बना कर अपना लिया है ! अपने विकृत शौक को पूरा करने के लिये ! जिसे समाज में नशे का धंधा फैलाने वालों का सहयोग भी मिलता है ! जबकि सनातन धर्म में इसे तमस कहा गया है !

यदग्रे चानुबन्धे च सुखं मोहनमात्मनः।
निद्रालस्यप्रमादोत्थं तत्तामसमुदाहृतम्‌॥

यानी जो सुख भोगकाल में तथा परिणाम में भी आत्मा को मोहित करने वाला है, वह निद्रा, आलस्य और प्रमाद (नशा) से उत्पन्न सुख तामस कहा गया है !

इसके अलावा भी सनातन धर्म ग्रन्थों में हजारों जगह नशा न करने की ही सलाह दी गई है ! जो लोग शिव की बात करते हैं और कहते हैं कि शिव भी नशा करते हैं ! जैसे अघोरी बाबा आदि वह लोग दिन भर नशे में डूबे रहते हैं ! लेकिन वह लोग किसी भी श्लोक में या किसी भी ग्रंथ में यह नहीं बतला पाते हैं कि कहाँ लिखा है कि शिव भक्तों को नशा करते रहना चाहिये !

जहां तक शिव के शराब या नशा करने का तर्क दिया जाता है तो यह माना जाता है कि शिव ने सभी सांसारिक बुराइयों को अपने अंदर ले लिया था और इसीलिये उन्होंने संसार का जहर भी पी लिया था और इसीलिये वह नीलकंठ कहलाये थे ! पर कोई भी शिव भक्त जहर पीता तो नहीं दिखता हां अपने-अपने हिसाब से शिव भक्ति के नाम पर नशा करते जरूर मिला है !

हाँ अघोरी और तांत्रिक लोग दिमाग को अपने ध्यान समाधि योग से सीधा जोड़ने के लिये जरूरत पड़ने पर जरुर भांग अर्थात विजया का प्रयोग करते हैं पर वह भी हर रोज हर समय नही !

पर आज की नयी पीढ़ी भगवान शिव के नाम पर सुल्फा, भांग, गांजा, बीड़ी, सिगरेट, शराब का खुल कर प्रयोग करती है !

फेसबुक पर अपनी फोटो लाइक करवाने के लिये कपड़े बदल बदलकर और हाथ मे सुल्फा लेकर माथे पर उल्टा सुलटा त्रिपुंड बना कर बिना त्रिपुंड की महिमा जाने जो फोटो खिचते फिरते हैं ! वह लोगों धर्म के नाम पर बस सिर्फ नशेड़ीपन फैलारहे हैं और कुछ नहीं !

न तो वह शिव को ही जानते हैं और न उसकी महिमा को !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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