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धर्म और रिलीजन अंतर : Yogesh Mishra

प्राय: देखा गया है कि भारतीय भाषा के शब्द धर्म को मजहब, पंथ, मत या संप्रदाय, रिलीजन के समकक्ष माना जाता है ! जबकि धर्म का अर्थ समाज का वह नियम समूह जिसे समाज ने सामान्य स्वीकृति से धारण अर्थात…

हारा हुआ व्यक्ति अज्ञानी व्यक्ति से अधिक खतरनाक है : Yogesh Mishra

किसी भी व्यक्ति के जीवन में हार की वजह उसके द्वारा संसार की क्रिया विधि को सही तरह से न समझ पाना ही है ! प्राय: हम लोग यह मानते हैं कि हम संसार की क्रिया विधि को पूरी तरह…

बाबा की कैश लैस इकनामी : Yogesh Mishra

भारत एक ऐसा देश है, जिसमें यदि आपने मात्र भगवा पहन रखा है, तो आप खुले आम हजार अपराध करके भी लोक प्रिय बने रह सकते हैं ! फिर चाहे आप देशी गाय के घी के नाम पर पामआयल बेच…

हिंदुत्व की नई परिभाषा ने देश बेच दिया : Yogesh Mishra

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखिया सर संघचालक मोहन भागवत ने मध्यप्रदेश-यात्रा के दौरान एक बयान द्वारा हिंदुत्व शब्द की परिभाषा को ही बदल दिया है ! वैसे यह वही हैं जो गौ रक्षा और हिन्दू राष्ट्र निर्माण की बात…

वैष्णव की शिवरात्री : Yogesh Mishra

इतिहास से अनजान डोलक मजीरा बजाने वाले वैष्णव लोग आज शिवरात्री का भी व्रत उपवास आदि रख रहे हैं ! जबकि इन्हीं के तथाकथित भगवानों ने बहुत बड़ी मात्रा में शिव भक्तों को योजना बद्ध तरीके से हत्या करवा कर…

क्या भगवान शिव नशेड़ी थे : Yogesh Mishra

कल भगवान शिव की मैरेज एन्वर्सरी है ! जिसे हिन्दू शिवरात्रि के नाम से जानते हैं और नशा प्रधान राज्य पंजाब ही नहीं पूरा देश कल शिवरात्रि के उत्सव को मनाने के लिए भांग, गांजा, अफीम, चिलम की तलाश कर…

1857 के क्रांति की मुख्य वजह : Yogesh Mishra

गाजीपुर जिले में लगभग 45 एकड़ जमीन में वर्ष 1820 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित हुए अफीम कारखाना 1857 के क्रांति की मुख्य वजह थी ! इस कारखाने में दो कंपाउंड, कई कोर्टयार्ड, पानी की अनेक टंकीयों की मदद से लोहे…

धन का लक्ष्मी से कोई संबंध नहीं है : Yogesh Mishra

आज दुनिया के किसी भी संपन्न देश में कोई भी संपन्न व्यक्ति हिंदुओं को छोड़कर लक्ष्मी की पूजा नहीं करता है ! फिर भी पूरी दुनिया की संपन्नता का 80% पैसा ऐसे लोगों के पास है, जिन्होंने कभी भी लक्ष्मी…

आधुनिक शिक्षा एक घातक हथियार है : Yogesh Mishra

शिक्षा का तात्पर्य समग्र विकास है किन्तु विशेषज्ञता की शिक्षा के बहाने आज जो पढ़ाया जा रहा है वह हमें शिक्षित तो करता है पर हमारा समग्र विकास नहीं करता है ! जैसे एक गले का डाक्टर दन्त के विषय…

स्वार्थी वैष्णव देवताओं की धूर्तता : Yogesh Mishra

मात्र 31 वर्षीय अथर्व के पुत्र महर्षि दधीचि की हड्डियों वज्र बने के लिये इंद्र महर्षि दधीचि के जीवित ही उनके शरीर से निकल लीं थी ! जिससे उनके उनकी मृत्यु के बाद उनका तपोबल से अर्जित तेज कहीं उनकी…