देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति इलाहाबाद के रेड लाइट एरिया में लगेगी। पंडित जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद में उनके जन्म स्थान मीरगंज में लगेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दखल के बाद इस ‘बदनाम’ इलाके में लगेगी पंडित नेहरू की मूर्ति लगेगी।
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति इलाहाबाद में एक ऐसे जगह पर लगने जा रही है जहां कोई भी सभ्य आदमी जाना तक पसंद नहीं करता, लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहर में जिस्मफरोशी के लिए बदनाम मीरगंज मोहल्ले के रेड लाइट एरिया में उनकी मूर्ति लगेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बाबत शहर के डीएम को चार हफ्ते में जरूरी कदम उठाए जाने का आदेश दिया है।
कृप्या अब ध्यान से पढ़ें ।
दरअसल जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू अधिक पढे लिखे व्यक्ति नहीं थे . कम उम्र में विवाह के बाद जीविका की खोज में वह इलाहबाद आ गये थे. उसके बसने का स्थान मीरगंज था,ये मीरगंज वही स्थान है जहां एक समय तुर्क और मुग़ल अपहृत हिन्दू महिलाओं को अपने मनोरंजन के लिए रखते थे. मोतीलाल नेहरू तीसरी पत्नी के साथ जीविका चलाने के लिए वेश्यालय में शाम को हुक्का पेशी का कार्य करने लगे
.वहीं इनका परिचय उच्च न्यायलय में एक प्रसिद्द वकील मुबारक अली से हुआ जिन्होंने दिन के समय मोतीलाल नेहरू से कचहरी में मुख्तार का काम लेना शुरू कर दिया | इसी बीच मोतीलाल नेहरू की तीसरी पत्नी ने भारत के प्रथम प्रधान मंत्री को मीरगंज के वेश्यालय में कोठा नम्बर 44 में जन्म दिया | जैसे ही जवाहर पी एम् बना वैसे ही तुरंत उसने मीरगंज का वह मकान तुडवा दिया ,और अफवाह फैला दी की वह आनद भवन (इशरत महल) में पैदा हुआ था जबकि उस समय आनंद भवन था ही नहीं।
इसी विषय को ले कर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेहरू के जन्म स्थान से जिस्मफरोशी का धंधा बंद कराकर यहां पंडित नेहरू की मूर्ति लगाने, जन्म स्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के साथ मीरगंज मोहल्ले का सौंदर्यीकरण कराकर इसे नई पहचान दिलाने की मुहिम चला रखी थी जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना निर्णय दे दिया है ।