क्या हम आधुनिकता के गुलाम हैं : Yogesh Mishra

आधुनिक युग को विद्वान एवं प्रौद्योगिकी का युग कहा जाता है ! नित नये आविष्कार हो रहे हैं और नई प्रौद्योगिकी बाजार में आ रही है है नए-नए मोबाइल, गाडियां, एवं अन्य इलेक्टोनिक वस्तुएं, रसोईघर में प्रयुक्त होने वाले उपकरण आदि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं ! अनाज हमारा बाजार और हमारे घर इन्हीं वस्तुओं से भरे पड़े है !

वर्तमान समय में यदि किसी व्यक्ति से अपने लिए एक घर की कल्पना करने के लिए कहा जाए तो नि:संदेह वह एक ऐसे घर का वर्णन बनेगा जहाँ भौतिक जगत की समस्त सुख-सुविधाएं विद्यमान हों ! आज टी.वी., फ्रिज, मोबाइल. कम्यूटर, इनवर्टर, एयर कण्डीशनर, गाडियां, गीजर, जेनेरेटर, वॉशिंग मशीन, मिक्सी, पंखा, कूलर, रसोई गैस, आदि सहित और भी बहुत सारी चीजे मनुष्य को आवश्यकता बनकर उसके जीवन, का एक अंग बन चुकी हैं ! यहीं तक कि आज के युग में इन समस्त चीजों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकतीं !

उदाहरण के लिये गर्मियों में थोडी देर के लिए भी यदि बिजली चली जाए तो हम कितने परेशान हो उठते हैं क्योकि बिजली के बिना न तो फ्रिज चलेगा, जिसके बिना हमें पीने के लिए ठण्डा पानी नहीं मिलेगा-, न कूलर, पंखा और एयर कण्डीशनर ही चलेंगे, जिनकी ठण्डी हवा के बिना हम थोडी देर भी नहीं बैठ सस्ते, न ही टी.वी. चलेगा, जिससे हमारा मनोरंजन और ज्ञान-वर्द्धन भी होता है ! अर्थात् कहने का तात्पर्य यह है कि बिजली के बिना हम उन समस्त सुख- सुविधाओं का उपभोग नहीं कर पाते, जिनकी हमें आदत हो गई है ! इन समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए यह कहा जा सकता है कि हम आधुनिक प्रौद्योगिकी पर इतने अधिक निर्भर हो गये हैं कि हम प्रौद्योगिकी के अभाव में जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते !

प्रौद्योगिकी पर मनुष्य की निर्भरता घरेलू जीवन अथवा सामानों तक ही सीमित नहीं है, अपितु उसके जीवन का प्रत्येक पक्ष प्रौद्योगिकी के रंगों से सरोबार है! बात चाहे देश को सुरक्षा व्यवस्था की हो, शिक्षा जगत, स्वास्थ्य सेवाओं, आर्थिक, राजनीतिक अथवा सामाजिक क्षेत्र की हो; सभी में नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है ! आधुनिक युग में युद्ध हाथी, घोडों और मनुष्यों द्वारा तीर-कमान और भाले से नहीं लड़े जाते वरन् रॉकेट, मिसाइलें, टैंक, हैलिकॉप्टर, इत्यादि जैसे नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित यंत्रों के माध्यम से लड़े जाते हैं ! इसके साथ ही परमाणु बम, अणु बम, जैविक हथियार आदि इन्हीं सामरिक यंत्रों की श्रेणी में खडे हो गये हैं ! स्पष्ट है कि, अपनी सुरक्षा हेतु हम प्रौद्योगिकी पर कितने निर्भर हैं !

सुरक्षा क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हम आधुनिक प्रौद्योगिकी पर ही निर्भर हैं ! आज हमारे सभी बड़े अस्पताल अत्याधुनिक चिकित्सा यंत्रों एवं मशीनों से अटे पड़े हैं ! जटिल से जटिल आपरेशन भी चिकित्सक कुछ घण्टों में ही कर लेते हैं ! एक्सरे और अल्ट्रासाउण्ड जैसी आधुनिक तकनीको के माध्यम से मानव शरीर की आंतरिक व्याधियों का समय पर पता लगाकर उसका समय पर उपचार क्रिया जा सकता है ! प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से आज़ कोई भी व्यक्ति अपने शरीर के किसी भी अंग को मनचाही आकृति दे सकता है अथवा बदसूरती के चिन्हों को मिटाकर मनचाही सुन्दरता को प्राप्त कर सकता है ! किन्तु आधुनिक उपकरणों के अभाव में अगर कोई भी जटिल आपरेशन करना तो दूर ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं !

शैक्षिक क्षेत्र में आज कम्यूटर शिक्षा का अतिमहत्वपूर्ण अंग बनता जा रहा है ! आज कम्प्यूट्रीकृत पुस्तकालयों और तकनीकी पढाई पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है ! शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से एजुसैट नामक उपग्रह का प्रक्षेपण क्रिया गया ! विज्ञान के विषयों में तो प्रेक्टिकल हेतु आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है ! केवल उच्च शिक्षा के ही नहीं, अपितु प्राथमिक शिक्षा भी आज कम्यूटर के माध्यम से ही देने की बात की जा रही है ! आज का हमारा विद्यार्थी साधारण जोड़, घटा, भाग, गुणा आदि के लिए कैलकुलेटर पर आश्रित हो गया है ! इसके अतिरिक्त शिक्षण-पद्धति को अधिक रुचिकर बनाने के लिए उसमें आधुनिक तकनीकी का समन्वय करने की भी बातें की जा रही हैं !

आर्थिक क्षेत्र में भी आज सभी वस्तुओं के उत्पादन में मशीनों की सहायता अधिक – से – अधिक ली जाती है ! व्यापार में आज ई-बिजनस, विंडो शॉपिंग जैसी चीजे आ रही हैं ! समस्त व्यापार के संचालन का केंद्र मात्र टेलीफोन और इण्टरनेट ही हैं, इस व्यवस्था को ई-कॉमर्स कहा जाता है ! बैंकिग के क्षेत्र में भी आज सभी बैंक कम्प्यूट्रीकृत हो चुके है! रुपए-पैसे निकालने और जमा कराने के लिए अब बैक के खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ता ATM कार्ड के माध्यम से हम यह कार्य चौबीसों घण्टे कर सकते हैं ! हमारा शेयर बाजार पूर्ण रूप से कम्यूटर और इण्टरनेट पर ही आश्रित है अर्थात् हमारी समस्त आर्थिक संक्रियाएं प्रौद्योगिकी पर ही निर्भर करती हैं !

परिवहन के क्षेत्र में भी आज क्रांतिकारी परिवर्तन हो चुके हैं ! यातायात के साधनों में होते नित नए सुधारों और आविष्कारों के कारण मनुष्य के लिए इस पृथ्वी के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचना अत्यंत सुगम हो गया है ! मनुष्य द्वारा पहले बैलगाडी के माध्यम से जो यात्रा घण्टों, दिनों अथवा महीनों में पूरी की जाती थी वहीँ यात्रा अब स्कूटर, कार, बस, रेल अथवा वायुयान के माध्यम से कुछ ही मिनटों, घण्टों अथवा दिनों में पूरी कर सकते है ! केवल इतना ही नहीं आज मनुष्य अंतरिक्ष में भी घुसपैठ कर रहा है, जिसके लिए उसने अनेक उपग्रह एवं अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में छोड़े हैं, जो कि उसके लिए चांद एवं मंगल ग्रहों पर जीवन की सम्भावनाएं तलाश रहे हैं ! इस प्रकार आज़ का मनुष्य किसी भी प्रकार के यातायात हेतु आधुनिक प्रौद्योगिकी पर पूर्णरूप से निर्भर हो गया है !

राजनीतिक क्षेत्र में भी निर्वाचनों के समय नेतागण जनन्तमूह को सम्बोधित करने हेतु नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित माइक्रोफोन का प्रयोग करते हैं ! इसके अतिरिक्त चुनावों में प्रचार हेतु हेलीकॉप्टरों, टेलिविजन, रेडियों आदि का भी प्रयोग क्रिया जाता है !

उल्लिखित विवरण से स्पष्ट है कि आज मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र- सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, आदि- में आधुनिक प्रौद्योगिकी पर ही आश्रित हो गया है ! आधुनिक मानव वर्तमान संसाधनों के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता ! यद्यपि एक ओर इन भौतिक सुख-सुविधाओं ने मानव को जालसी और अकर्मण्य बना का उसे रोगों का घर बना दिया है वहीं दूसरी ओर इन आधुनिक सुविधाओं के उपभोग में उसने प्रकृति का भी अन्धाधुन्ध दोहन किया है, जिसने परिणामस्वरूप उसे सूनामी लहरों, भूकम्प, भू-स्खलन आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है!

इसके अतिरिक्त आधुनिक युग में जिस प्रकार से एक के बाद एक नई प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है और मनुष्य जिस प्रकार से आधुनिक भौतिक संसाधनों के संग्रहण में रत है अथवा इन समस्त साधनों को प्राप्त करने के लिए मनुष्य जिस प्रकार से हिंसा, अपराध एवं गलाकाट प्रतिस्पर्धा में अंधी दौड़ लगा रहा हैं, उसे दृष्टिगत रखते हुए यह कहा जा सकता है कि आधुनिक प्रौघोगिकी ने मनुष्य को निसंदेह अपना दास बना लिया है ! इस दासत्व से मनुष्य की मुक्ति तभी सम्भव हो सकती है, जब वह इन साधनों पर अपनी आश्रितता थोडी कम कर ले, जो कि कम-से-कम निकट भविष्य में तो सम्भव नहीं लगता है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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