आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विश्व सत्ता द्वारा मनुष्य के सर्वनाश की तैयारी तो नहीं है ! : Yogesh Mishra

आज सम्पूर्ण विश्व में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) का डंका जोरों शोरों से बज रहा है ! कंप्यूटर साइंस की इस विधा को विश्व के बेहतरीन भविष्य के लिये गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है ! विभिन्न देशों में विविध सामाजिक / प्रशासनिक / औद्योगिक / वैज्ञानिक प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर उपयोग अभिनव तरीकों से किया जा रहा है ! मानवता विरोधी इस षडयंत्र को समझने के लिये इस पृष्ठभूमि में यह जानना अत्यंत रोचक और ज्ञानप्रद होगा कि विश्व के विभिन्न देशों में से कौन से देश इस सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के अग्रणी दावेदार हैं ! और कौन-कौन से देश इसमें सबसे आगे है !

इस सन्दर्भ में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कहते हैं ! कि “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” भविष्य है और जो देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नेता बनेगा ! वही दुनिया का शासक बनेगा” ! चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अनुसार “चीन 2030 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में विश्व का नेता बनना चाहता है” ! अमेरिकी व्हाइट हाउस प्रशासन पहले ही घोषणा कर चुका है कि “अमेरिका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वैश्विक नेता रहा है ! और ट्रम्प प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि हमारा महान राष्ट्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वैश्विक नेता बना रहे” ! भारत के नीति आयोग द्वारा प्रकाशित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की राष्ट्रीय रणनीति में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस–फॉर-ऑल” सबसे महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है !

उपरोक्त कथनों से स्पष्ट हैं कि ए.आई. के क्षेत्र में वर्चस्व की दौड़ ने पहले से ही बहुत तेज गति पकड़ रखी है और ए.आई. ने मुख्यधारा की राजनीति और विश्व के नेताओं को एक शानदार तरीके से प्रभावित करने में कामयाबी हासिल की है ! जो आने वाले वैश्विक सरकार का अहम् अंग होगा !

अब प्रश्न यह है कि इस नई वैश्विक सरकार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उस सरकार को चलाने में कितनी सहायक हो सकती है और क्या आगामी वैश्विक सरकार को चलाने वाले हमारे आपकी तरह आम आदमियों की जरुरत नहीं होंगी ! विश्व स्तरीय योजनाओं को देखकर तो यही लगता है कि अब आने वाली नई वैश्विक सरकार को मनुष्य से ज्यादा कंप्यूटरों पर विश्वास होगा ! क्योंकि कंप्यूटरों के कार्य करने की क्षमता मनुष्य से कई गुना तेज और विश्वसनीय है ! यह कोई वेतन भत्ता सुविधायें भी नहीं मंगाते हैं और मनुष्य के मुकाबले ऊर्जा का उपयोग भी कम करते हैं ! प्रदूषण भी नहीं फैलाते हैं ! इन्हें चलने के लिये बस आवश्यकता है एक सही सॉफ्टवेयर की !

वैसे भी इस विश्व के अंदर 195 देश हैं ! जिनमें लगभग 800 करोड़ लोग रहते हैं ! इसको एक साथ नियंत्रित करना सामान्य मनुष्य के नियंत्रण का विषय भी नहीं है ! इन सभी देशों की प्रशासनिक व्यवस्था, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, राजनीतिक, पारिवारिक, औद्योगिक आदि आदि किसी एक समाज को चलाने के लिये जितनी भी आवश्यकतायें हैं ! वह सभी जब किसी एक धुरी से या केंद्र से नियंत्रित की जायेगी ! तब पूरे विश्व का संचालन किसी व्यक्ति विशेष या मनुष्य के द्वारा संभव नहीं है !

ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से यह एक सत्य है कि आने वाला वैश्विक सरकार का युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ही निर्भर होगा ! दूसरी तरफ ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि बहुत जल्दी ही प्राकृतिक संसाधनों के अनुरूप विश्व में मनुष्यों की संख्या भी निर्धारित कर दी जायेगी और इस विश्व में जो अवांछित नागरिक हैं ! उन्हें इस धरती से विदा कर दिया जायेगा ! जिन्हें हम सामान्य भाषा में अनपढ़, जाहिल, मूर्ख या अनुपयोगी कह सकते हैं ! इसके लिये तरह-तरह के रासायनिक और कीट हथियारों की तैयारी में विश्व की महाशक्तियां लगी हुई हैं ! इसलिये अगर अपने अस्तित्व को बचाना है तो विश्व सत्ता को समझो और उसके लिये उपयोगी बनो ! वर्ना इस पृथ्वी से अपने विदाई की भी तैयारी करे !

आज जो विश्व की महाशक्तियां हैं ! उनमें एक होड़ सी लगी हुई है कि आने वाले वैश्विक सरकार में वर्चस्व किसका होगा ! क्योंकि आज के देशों की संपन्नता और अस्तित्व इसी बात पर निर्भर करता है कि आने वाले वैश्विक सरकार में वर्तमान के किस देश का, कितना नियंत्रण होगा ! भैयर हाल वर्ष 2050 में वैश्विक योजनाओं के अनुसार पूरे विश्व की आबादी मात्र 50 करोड़ ही होगी ! जिसके शिक्षा, सुरक्षा, पोषण, चिकित्सा और रोजगार की जिम्मेदारी विश्व सरकार की होगी !

विश्व सत्ता के भावी योजनाकारों का कहना है कि विश्व में जितने भी ऊर्जा के स्रोत हैं और प्राकृतिक संसाधन हैं ! आने वाले युग में इन सभी पर नियंत्रण वैश्विक सरकार का होगा ! पूरी दुनिया में एक धर्म, एक सत्ता, एक प्रशासन, एक भूमि, एक मुद्रा और एक ही सरकार की तैयारी पूरे विश्व में अपने-अपने तरीके से लागू करने की बहुत तेजी से चल रही है !

ध्यान दें ! विश्व में यह कोरोना वायरस आक्रमण एक स्वस्थ प्रतियोगिता नहीं है ! यह अस्तित्व प्रतियोगिता है ! कोई भी संभव नैतिक या अनैतिक प्रयास के द्वारा आपको अपने आप को इस प्रतियोगिता में बचाना है ! और ऐसी ही अनेक प्रतियोगितायें और भी होने वाली हैं ! जो जीतेगा वही बचेगा ! वर्ना अनुपयोगी मनुष्य को इस पृथ्वी पर विश्व सत्ता रख कर करेगी भी क्या !

इसलिये विश्व सत्ता में अपने अस्तित्व रक्षा के लिये भारत के नौजवानों को भी तकनीकी दिग्गजों और प्रमुख तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर भारत सरकार के सहयोग से भारतीय स्टार्टअप कंपनियों द्वारा जारी ए.आई. क्षेत्र में किये गये नवोन्मेषों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिये !

हालाँकि वैश्विक मीडिया ने इस विश्व सत्ता के विषय को अभी तक ज्यादा प्रचारित नहीं किया है ! लेकिन मेरा विश्वास कीजिये ! यह बहुत जल्द ही होने जा रहा है ! आप देखिये अब भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कई शानदार चीजें होने लगी हैं और पूरी दुनिया इसके परिणाम आने वाले कुछ वर्षों में देखेगी !

अब विश्व सत्ता की तैयारी में भारत में भी आई.टी. पेशेवर विशाल संख्या में निर्मित किये जा रहे हैं ! जो बीसवीं सदी के आठवें दशक की तत्कालीन कंप्यूटिंग प्रणालियों से लेकर इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक की नवीनतम प्रणालियों तक की आई.टी. यात्रा के सहचर हैं ! उनमें से कई डेटा वैज्ञानिक और ए.आई. इंजीनियर हैं और बचे हुये पेशेवरों का भी एक बड़ा समूह खुद को डेटा विज्ञान में परिपक्व बनाने में लगा हुआ है !

किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अधिक से अधिक डेटा वैज्ञानिकों का उत्पादन करना बहुत आसान है क्योंकि हमारे इंजीनियर पहले से ही आई.टी. वातावरण में विकसित हो चुके हैं ! इसलिये उन्हें सक्षम डेटा वैज्ञानिकों में बदलना केवल कुछ ही प्रयास की बात है !

दूसरी बात यह है कि कोई भी तकनीकी ए.आई. प्रशिक्षण भारत में बहुत सस्ता और आसानी से उपलब्ध है ! हमारे पास अपने युवा उद्यमियों और महत्वाकांक्षी ए.आई. पेशेवरों को उचित सलाह देने के लिये कई फोरम हैं ! हमारे कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान डेटा विज्ञान और ए.आई. में नवीनतम पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं !

इसलिये भारत में ए.आई. के लिये दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में बेहतर फलने-फूलने के लिये एक अनुकूल वातावरण है ! भारत पहले से ही एक आई.टी. महाशक्ति है और इसमें ए.आई. महाशक्तियों की दौड़ में अव्वल आने की जबरदस्त क्षमता है !

अत: घबराने की कोई बात नहीं है ! बस आवश्यकता है विश्व सत्ता की भावी रणनीति को समझ कर उसके साथ काम करते हुये अपने अस्तित्व और उपयोगिता को सिद्ध करने की ! विश्व सत्ता में अपना दखल बनाये रखने का यही एक मात्र रास्ता है !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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