भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का कब्जा : Yogesh Mishra

आज कल भारतीय शेयर बाजार में पुन: गिरावट के साथ क्लोजिंग हो रही है ! आज जहां सेंसेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ ! वहीं निफ्टी भी गिरावट के साथ ही बंद हुई है !

इसके अलावा बी.एस.ई. में कुल मात्र 3,672 कंपिनयों में ट्रेडिंग हुई ! इसमें से करीब 2,490 शेयर गिरावट के साथ बंद हुये ! इसके अलावा 23 स्टॉक अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर पर बंद हुए ! जिनमें प्रतिष्ठित कंपनियों के शेयर में लोअर सर्किट लग रहा है !

और आज शाम को डॉलर भी भारतीय रुपया के मुकाबले मजबूत होकर 80.07 रुपये के स्तर पर बंद हुआ !

कभी आपने विचार किया है कि ऐसा सब क्यों हो रहा है जबकि हमारा चौकीदार और उसके अंधभक्त चिलान्टू निरंतर भारत के आर्थिक रूप से विकसित और मजबूत होने की बात करते रहते हैं ! आइये आज हम इस पर चर्चा करते हैं !

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा अपने ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी की आशंका के बीच विदेशी निवेशकों ने इस महीने अभी तक भारतीय शेयर बाजार से 12,300 करोड़ रुपये निकाले हैं ! विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना, रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, घरेलू मोर्चे पर ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा निकलना आरम्भ कर दिया है !

भारतीय शेयर बाजारों से जुलाई 2022 तक एफ.पी.आई. ने लगातार छह महीने में 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं ! इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार निरंतर गिरता चला जा रहा है !

यदि यही हाल रहा तो अगले 6 महीने में भारतीय निवेशकों की शेयर बाजार में पूंजी आधे से भी कम हो जाएगी !
और हो भी क्यों न जब भारत में निरंतर भारत के विनाश के लिए नित्य नई आर्थिक नीतियां बनाई जा रही है !

नोटबंदी, जी.एस.टी. द्वारा भारतीय उद्योग व्यापार को नष्ट करने की योजना, भारतीय बैंकों का पैसा धूर्त पूंजीपति में राजनैतिक दबाव बना कर बंटा जाना, भारत में निवेश के लिये विदेशियों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुविधाएं जो सामान्यतया भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं हैं ! आदि आदि !

और सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की अर्थनीति पूरी तरह से क्षद्म और भारतीय समाज से छिपाकर मात्र अपने फर्जी राजनैतिक प्रपोगंडा के झंडे को ऊंचा करने के लिए निर्मित की जा रही है, लेकिन भारतीय समाज इस षड्यंत्र को समझना ही नहीं चाहता है ! इसी का परिणाम है कि भारतीय समाज अब कठिन आर्थिक नीतियों को भुगतेगा !

आज भारत अपनी कुल राष्ट्रीय आय का 85% पैसा कर्ज के ब्याज के रूप में विश्व बैंक तथा विश्व के दूसरे देशों को चुका रहा है !
विकास के नाम पर पिछले 8 वर्षों में राजनीतिज्ञों का पैसा विदेशी बैंकों में 3 गुने से अधिक हो गया है जबकि देश का चौकीदार भारत में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म हो जाने का दावा करता है !

वही दूसरी तरफ विश्व के दूसरे आर्थिक विश्लेषण यह दावा करते हैं कि भारत में भ्रष्टाचार पिछले 8 सालों में 3 गुने से भी अधिक बढ़ा है !

यदि हमें अपने देश को ही नहीं अपनी पूंजी को भी बचाना है तो हमें सरकार से यह अपेक्षा करनी चाहिए कि तत्काल विदेशी निवेशकों का जो भारतीय शेयर बाजार पर नियंत्रण हो गया है, उसके लिए कड़े से कड़े कानून बनाएं !
अन्यथा भारत को आर्थिक गुलाम बनाने के लिए किसी भी भारतीय आक्रांता को भारत में आने की जरूरत नहीं है ! वह अपने देश में बैठे-बैठे ही भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सकता है !

जिसके उदाहरण पिछले 6 महीने से भारतीय शेयर बाजार का निरंतर पतन होने से देखा जा सकता है !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter