आजादी के पश्चात भारत ने 18 मई 1969 को 8 बजकर 5 मिनट सुबह भारतीय वैज्ञानिकों के सहयोग से राजस्थान के पोखरण नामक स्थान पर सौ मीटर से भी अधिक गहराई में पहला भूमिगत परमाणु-विस्फोट किया था ! इस भूमिगत विस्फोट की शक्ति 15 किलो टन की थी ! यानी लगभग उतनी ही, जितनी उस अणुबम की थी, जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया था !
इस परमाणु-विस्फोट का समाचार पाते ही देश के निवासियों में आंनद की लहर दौड़ गयी क्योंकि भारत ने विश्व के पाँच परमाणु शक्तिसंपन्न देशों का एकाधिकार तोड़ दिया था और वह विश्व के परमाणु-मानचित्र पर छठी महाशक्ति के रूप में उजागर हो उठा था ! सबसे पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 1945 ई0 में अमेरिका ने पहला परमाणु-विस्फोट जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर किया था फिर चीन ने दूसरा परमाणु-विस्फोट 16 अक्टूबर, 1962 को किया था ! इसके बाद चीन ने अपनी सीमा का विस्तार शुरू किया और तिब्बत तथा भारत का उत्तरी हिस्सा निगल गया !
तब हमारे देशवासियों की लगातार यह माँग होती रही कि अब भारत सरकार को भी अपनी परमाणु नीति बदलनी चाहिये और परमाणु बम बनाने चाहिये ! विश्व की सभी पाँचों महाशक्तियों ने पहले वायुमंडल में परमाणु-विस्फोट किये, विकरण फैलाया और फिर अंत में जमीन के अंदर परमाणु-विस्फोट किये !
लेकिन भारत पहले ही बार में पर्यावरण का ध्यान रखते हुये जमीन के नीचे परमाणु-विस्फोट किया ! तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी तथा परमाणु ऊर्जा के अध्यक्ष डॉ0 होमी सेठना ने बार-बार दुहराया कि हम परमाणु-शक्ति का उपयोग सामरिक आयुधों के निर्माण में नहीं कर रहे हैं बल्कि शांतिपूर्ण मानवता के आधुनिक सयंत्रों के सञ्चालन के लिये उपयोग करेगें !
जबकि भारत के परमाणु परिक्षण पर जापान-सरकार ने अफसोस जाहिर किया ! इस पर कनाडा,पाकिस्तान और अमेरिका की भी प्रतिक्रियाएँ प्रतिकूल थी ! कनाडा ने तो अपना दुख जाहिर करते हुए सहायता बंद कर देने की धमकी दी ! पाकिस्तान ने कहा- भारत के परमाणु-विस्फोट पर पड़ोसी देशों में चिंता पैदा हुई है ! पाकिस्तान सरकार ने यहाँ तक गलत बात कही कि परमाणु-विस्फोट की रेडियो-सक्रियता उसके देश तक पहुँची है ! अमेरिका के एक पमुख पत्र (न्यूयार्क टाइम्स) ने लिखा- एक तरफ साठ करोड़ भारतीय गरीबी झेल रहे है,दूसरी तरफ भारत परमाणु हथियार संपन्न बनने का ख्वाब देख रहा है ! इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है !
फिर भारत पर अनेकों विश्वव्यापी प्रतिबन्ध लगने के कारण भारत ने इस अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया ! जिसे पुनः प्रधानमंत्री बनते ही अटल बिहारी बाजपेई सरकार ने आरम्भ किया और 11 और 13 मई, 1998 को पांच परमाणु परीक्षण कर अंततः भारत को परमाणु समपन्न राष्ट्र बना दिया ! भले ही इसके लिये अपने सरकार की आहुति देनी पड़ी !!