जानिये किस प्रकार हमारा संविधान मंदिरों की धार्मिक व्यवस्था पर हमला करता है | Yogesh Mishra

वैसे तो ब्राह्मणों को सभी शूद्र गली देते हैं लेकिन यदि मौका मिले तो ब्राह्मण बनने में शूद्र पीछे नहीं हैं ! राजनैतिक दलों ने अपने राजनैतिक लाभ के लिये तिरुमला तिरुपति बोर्ड ने 447 दलितों को मंदिर का ब्राह्मण पुजारी बना कर वामपंथियों के मुंह पर करारा थप्पड़ मरने की रणनीति बनाई गई है ! तर्क दिया जा रहा है कि इससे ईसाई अब कोई धर्मान्तरण नहीं करवा सकेंगें और दलितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ कर शूद्रों के नाम पर हो रही राजनीति ख़त्म कर दी जाएगी !

इस पर जब तिरुपति मंदिर के ब्राह्मण पुजारियों ने विरोध किया तो तर्क दिया गया कि पुजारी दलित अब मन्दिर में नियुक्त होते ही ब्राह्मण बन गये हैं ! क्योंकि इन्होने अपना वर्ण “ब्राह्मण” चुन लिया है ! जब कि न तो धर्म में और न ही संविधान में किसी भी व्यक्ति को अपना वर्ण चुनने का अधिकार है !

कहने को तो ये सभी पुजारी “हिन्दू” हैं और पुजारी बनने के विभिन्न ब्राह्मणों के संस्कारों के परीक्षाओं को पास करके पुजारी बने हैं ! अत: यह सभी अब तिरुपति मंदिर तथा उससे जुड़े सैकड़ो मंदिरों में विभिन्न पूजा कर्म भी कराएँगे क्योंकि यह सभी अब ब्राह्मण वर्ण में है ! लेकिन संविधान के अनुसार यह सभी आज भी SC, ST हैं ! यह सभी पुजारी और इनके बच्चे आज भी “दलित” की सभी सुविधाओं का संवैधानिक सुविधा “आरक्षण” आदि का लाभ उठाएंगे !

आप जानिये कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, जिसे संक्षेप में टीटीडी के रूप में जाना जाता है, एक स्वतंत्र ट्रस्ट है ! इसमें लगभग 16,000 लोग कार्यरत हैं ! टीटीडी में लगभग सभी विभाग हैं जो उत्पादन में शामिल हैं, जिसमें लड्डू उत्पादन, इंजीनियरिंग (बांध और सड़कों), जल आपूर्ति, मानव संसाधन, परिवहन, खरीद और विपणन, वित्त और लेखा, जनसंपर्क, सूचना प्रौद्योगिकी, वन और उद्यान, शैक्षिक संस्थानों और अस्पतालों, राजस्व और सामान्य प्रशासन आदि आदि !

तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर की श्रंखला कुरुक्षेत्र ( हरयाणा ), देहरादून (उत्तराखंड ), चेन्नई (तमिलनाडु ), नई दिल्ली, मुजफ्फरपुर, पटना, गया, नालंदा, वैशाली, भागलपुर, बांका तथा ऑहियो (यू०एस०) में है ! जिसमें सभी जगह मिला कर लगभग दो लाख व्यक्ति प्रतिदिन दर्शन करता है !

यह दुनियां का सबसे संपन्न मन्दिर है ! इसके पास 50,000 करोड़ की संपत्ति है ! सालाना आय लगभग 650 करोड़ रूपए आंकी गई है ! 1993 में टीटीडी द्वारा स्थापित श्री वेंकटेश्वर सेंट्रल लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर (एसवीसीएलआरसी), मुख्य रूप से धर्म और दर्शन पर लगभग 40,000 खंडों की किताबें रखती है ! रिसर्च विंग हिंदू धर्म से संबंधित सामग्री का अध्ययन और प्रकाशन करने के लिए काम करता है, मूल संस्कृत ग्रंथों पर प्रामाणिक कागजात पैदा करता है, और क्षेत्रीय भाषाओं, हिंदी और अंग्रेजी में प्रमुख हिंदू कार्यों के अनुवाद प्रदान करता है !

मन्दिर द्वारा हिन्दू धर्म का प्रचार करने के लिए धर्म प्रचार परिषद की स्थापना की गई थी ! टीटीडी पारंपरिक मूर्तिकला और वास्तुकला, मंदिर नवीनीकरण और पुनर्निर्माण और हिंदू मूर्तियों की बहाली के क्षेत्रों में भारत की पुरानी सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में भी मदद करता है ! कॉम्प्लेक्स क्यूइंग एल्गोरिदम और उभरती प्रौद्योगिकियों का मूल्यांकन और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ बड़ी भीड़ का प्रबंधन करने के लिए मूल्यांकन किया गया है ताकि अन्य कंपनियों के साथ कतार प्रबंधन के लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आधारभूत संरचना को डिजाइन और कार्यान्वित किया जा सके !

मन्दिर द्वारा इतना सब करने के बाद भी शूद्रों को जब तक वहां का पुजारी ब्राहमण नहीं घोषित कर दिया गया तब तक राजनीतिज्ञों राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूरी नहीं हुई ! लेकिन यदि कोई ब्राह्मण शूद्र वर्ण अपनाना चाहता है तो उसके लिये धर्म और संविधान के सभी रास्ते बंद हैं ! उसे इसी को कहते हैं लोकतंत्र में संविधान द्वारा धर्म की हत्या !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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