यह त्रेता युग के उस समय की घटना है, जब वैष्णव आक्रांताओं द्वारा छल और बल से शैवों को इस पृथ्वी पर पूरी तरह से नष्ट करके वैष्णव साम्राज्य स्थापित करने का षड्यंत्र अपने चरम पर था ! वैष्णव आक्रांताओं से शैव संस्कृति की रक्षा के लिए परशुराम जी अकेले …
Read More »भारत की न्याय व्यवस्था भारतीय समाज के अनुरूप नहीं है !! Yogesh Mishra
हमारा न्याय और उनका न्याय दो विपरीत अवधारणा है ! जो किसी भी रूप में राष्ट्र के अनुकूल नहीं है !! न्याय बड़ा खूबसूरत शब्द है ! साथ में सम्मानित भी ! परंपरा में वह शब्दों का ‘अभिजन’ है ! इसीलिए जो व्यक्ति ईमानदार और न्यायकर्ता है, जिसके पास न्याय …
Read More »संविधान में परिवर्तन क्यों जरुरी है ? Yogesh Mishra
झूठ बोलने वाले शासक से मौन शासक फिर भी अच्छा है, कम से कम वह जनता को गुमराह तो नहीं करता ! लोकतंत्र से राजतंत्र फिर भी अच्छा था ! राजाओ के शासन काल में भारत के लोग ज्यादा सुखी थे, वो राजा राज्य की प्रजा को अपनी संतान के …
Read More »भारतीय संविधान के अनुसार भारत के 98% राजनीतिज्ञ चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं रखते हैं ! Yogesh Mishra
भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार भारत के नागरिक के मतदाता होने की कुछ निर्धारित शर्तें हैं ! जैसे कि मतदाता को 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिये ! उसे भारत का नागरिक होना चाहिये साथ ही वह पागल, अपराधी, भ्रष्ट या अवैध आचरण करने वाला …
Read More »क्या भारत में मनोरोगी (पागल) भी सदन का सदस्य हो सकता है ? Yogesh Mishra
भारतीय चुनाव आयोग भारत में दो तरह के चुनाव नियंत्रित करती है ! पहला लोकसभा और दूसरा राज्यों की विधानसभा के चुनाव ! इन चुनावों को लड़ने के लिए चुनाव प्रत्याशियों का भारत का नागरिक होना आवश्यक है ! इसके साथ ही वह व्यक्ति जो चुनाव प्रत्याशी के रूप में …
Read More »क्या आप जानते है ? प्रधानमंत्री का चुनाव रैलियों में जाना संविधान विरुद्ध है !! Yogesh Mishra
“हमारे खर्चे पर ही हमको हरवाने के लिये आते हैं प्रधानमंत्री” – एक जन प्रतिनिधि चुनाव प्रत्याशी की व्यथा कथा जैसा कि भारतीय संविधान की व्यवस्था है कि भारत का प्रधानमंत्री भारत की कार्यपालिका का प्रमुख होने के नाते भारतीय संविधान के अनुसूची 3 के अनुसार यह शपथ लेता है …
Read More »लोकतंत्र का हत्यारा है “व्हिप” का काला कानून | Yogesh
यह देश की पुनः गुलामी का कारण बनेगा !! राजीव गांधी ने 1985 में इसा काला कानून बनाया कि हमारे लोकतंत्र का प्रत्याशी हमेशा-हमेशा के लिए पोलिटिकल पार्टियों की गुलामी करने के लिये मजबूर हो गया ! सन 1600 में ब्रिटेन से एक कंपनी निकली थी ! जिसने भारत को …
Read More »चुनावी घोषणापत्र पर हो जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिये !! Yogesh Mishra
हमारे देश में, चुनावी घोषणापत्रों को सचमुच कोई नहीं पढ़ता है ! घोषणापत्र मतदाताओं को बमुश्किल ही प्रभावित कर पाते हैं या राजनीतिक दलों के लिए वोट जुटा पाते हैं ! इसके बजाय यह कहना उचित होगा कि यह एक राजनैतिक बौद्धिक या वैचारिक कसरत से अधिक कुछ नहीं है …
Read More »जानिये कैसे प्रधानमंत्री द्वारा विशेष राजनैतिक दल के चुनाव प्रत्याशियों के लिये वोट मांगना संविधान विरुद्ध है !Yogesh Mishra
भारतीय संविधान में यह व्यवस्था है कि जब भी कोई व्यक्ति भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेता है, तो उसे भारतीय संविधान के अनुसूची 3 के अंतर्गत निम्नलिखित शपथ लेनी पड़ती है ! संघ के मंत्री के लिए पद की शपथ का प्ररूप ‘मैं, अमुक, ईश्वर की शपथ …
Read More »जानिये किस प्रकार हमारा संविधान मंदिरों की धार्मिक व्यवस्था पर हमला करता है | Yogesh Mishra
वैसे तो ब्राह्मणों को सभी शूद्र गली देते हैं लेकिन यदि मौका मिले तो ब्राह्मण बनने में शूद्र पीछे नहीं हैं ! राजनैतिक दलों ने अपने राजनैतिक लाभ के लिये तिरुमला तिरुपति बोर्ड ने 447 दलितों को मंदिर का ब्राह्मण पुजारी बना कर वामपंथियों के मुंह पर करारा थप्पड़ मरने …
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