देश के हर कोनों से ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि इस गंभीर महामारी के काल में जो लोग अपना पैसा लगाकर अपना घर, मकान, जेवर आदि बेचकर दूसरों की सेवा कर रहे हैं या दूसरों को जिंदा रखने के लिए ऑक्सीजन, दवा, आदि मुहैया करा रहे हैं ! उनको अब जेलों में बंद किया जा रहा है !
यह नितांत दुखद है यदि इस महामारी के काल में शासन, सरकार जब संसाधनों के अभाव में आम जनमानस का जीवन नहीं बचा पा रही है तो क्या भारत के आम नागरिक को यह अधिकार भी नहीं है कि वह अपने हित मित्र, हितैषी, रिश्तेदार, माता-पिता या परिवार के लोगों की रक्षा के लिए समुचित प्रयास करे !
मानवता के इतिहास में शायद यह पहली बार हो रहा है कि एक व्यक्ति यदि दूसरे व्यक्ति की मदद करता है तो उसे अपराधी घोषित कर जेल में डाला जा रहा है !
मेरा कहना यह है कि आखिर यह स्थिति पैदा ही क्यों हो रही है ! जब भारत का आम आवाम निश्चित समय पर सरकार को पर्याप्त “कर” देता है ! इसके बाद भी सरकारी अव्यवस्था के कारण इस दुख की घड़ी में आम जनमानस की जीवन रक्षा के लिए सरकार पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने में अक्षम है ! जिससे बहुत बड़ी मात्रा में लोगों की मृत्यु हो रही है ! श्मशान घाट और कब्रिस्तान भरे पड़े हैं ! उस अवस्था में यदि भारत का आम आवाम अपने देश के दूसरे नागरिकों की जीवन रक्षा के लिए यदि कोई प्रयास करता है तो वह कृत्य अपराध की श्रेणी में कैसे आ सकता है ?
और दूसरी तरफ डॉक्टर, दवा विक्रेता, ऑक्सीजन विक्रेता, एंबुलेंस चलाने वाले जिनको सरकार द्वारा अधिकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं ! वह लोग इलाज और सुविधा के नाम पर आम जनमानस को खुले आम लूट रहे हैं और उनके खिलाफ कहीं कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही है !
इससे स्पष्ट होता है कि विश्व सत्ता के इशारे पर भारत की राजनीति में लोगों का राष्ट्र के सर्वनाश के लिए खुले तौर पर नंगा नाच चल रहा है !
यह स्थिति भारत के आम आवाम के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए घातक है ! इस संदर्भ में आम जनमानस को विचार करना चाहिए ! जिससे मनुष्य मनुष्य के काम आ सके !!