जानिए शमी के औषधीय लाभ हैं ! : Yogesh Mishra

खेजड़ी या शमी एक वृक्ष है जो थार के मरुस्थल एवं अन्य स्थानों में पाया जाता है ! यह वहां के लोगों के लिए बहुत उपयोगी है ! इसके अन्य नामों में घफ़ (संयुक्त अरब अमीरात), खेजड़ी, जांट/जांटी, सांगरी (राजस्थान), जंड (पंजाबी), कांडी (सिंध), वण्णि (तमिल), शमी, सुमरी (गुजराती) आते हैं ! इसका व्यापारिक नाम कांडी है ! यह वृक्ष विभिन्न देशों में पाया जाता है जहाँ इसके अलग अलग नाम हैं !

पांडवों द्वारा अज्ञातवास के अंतिम वर्ष में गांडीव धनुष इसी पेड़ में छुपाए जाने के उल्लेख मिलते हैं ! इसी प्रकार लंका विजय से पूर्व भगवान राम द्वारा शमी के वृक्ष की पूजा का उल्लेख मिलता है ! शमी या खेजड़ी के वृक्ष की लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है ! पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर शनि का प्रभाव होता है ! पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है, इसलिए इसे घर में लगाना संभव नहीं हो पाता ! वास्तु शास्त्र के मुताबिक नियमित रूप से शमी की पूजा करने और उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष और उसके कुप्रभावों से बचा जा सकता है !

सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है. शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है ! वास्तु शास्त्र के मुताबिक, नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा की जाए और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाया जाए, तो शनि दोष से कुप्रभाव से बचाव होता है ! उत्तर भारत में षमी वृक्ष अधिकतर घरों के दरवाजे के बाहर लगा हुआ मिलता है ! लोग किसी भी काम पर जाने से पहले इसके दर्शन करते और इसे माथे से लगाते हैं, ऐसे करने से उन्हें उस काम में कामयाबी मिलती है !

आयुर्वेद की दृष्टि में तो शमी अत्यंत गुणकारी औषधि मानी गई है. कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम आते हैं ! आयुर्वेद ने मानसिक विकार, स्कीजोफ्रेनिया, श्वसन पथ के संक्रमण, अत्यधिक गर्मी, दाद, ढीली गति, ल्यूकोरोहाइआ जैसे अनगिनत रोगों के उपचार की सिफारिश की जाती है ! शमी के पंचांग, यानी फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है !

शमी फल और अन्य भागों की राख या भस्म का इस्तेमाल शनि के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है ! शमी की छाल से घाव, ब्रोन्कियल अस्थमा और स्टामाटाइटिस का इलाज करते हैं ! छाल का पाउडर गले और दांतों के दर्द में और बाहरी अल्सर को ठीक करने में प्रभावी होता है ! शमी के बीज रक्त शर्करा के स्तर को कम करने सहायक है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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