स्वाहा का उच्चारण क्यों?
किसी भी शुभ कार्य में हवन होते हमने देखा है कि अग्नि में आहूति देते वक्त स्वाहा का उच्चारण किया जाता है।
स्वाहा शब्द का अर्थ है सु+आ+हा
सु-अर्थात सुरो यानि अच्छे लोगों को
आ-अर्थात अग्नि का प्रज्जवलन कर
हा- अर्थात दिया गया आहार ।
उसमें औषधियुक्त (खाने योग्य घी मिश्रित) की आहूति देकर क्रम से देवताओं के नाम का उल्लेख कर उसके पीछे स्वाहा बोला जाता है
अर्थात मैं अमुक ईश्वर को आहुति प्रदान करता हूँ ।यजुर्वेद में स्वा हा शब्दा का बहुत प्रयोग हुआ है क्योंईकि इसमें यज्ञ करने की रीति बतायी गयी है.