भस्म वस्तुतः आयुर्वेद के इन्जेकशन हैं।
भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यामित्क कारण भी हैं। भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। भस्मी त्वचा संबंधी रोगों में भी दवा का काम करती है।
जुकाम या सर्दी लगने पर अभ्रक भस्म दी जाती है।, जिससे रोगी जल्दी अच्छा हो जाता है।
काष्ठादि दवा के साथ रस या भस्म का प्रयोग बहुत ही चमत्कारिक फल दिखाता है।
पाण्डु संगहणी सोथ खून की कमी आदि में लौह या मण्डूर भस्म के मुकाबले लाभ करने वाली अन्य दवा नहीं है।
स्वर्ण भस्म के सिवा दूसरी किस दवा में इतना ताकत है कि राजयक्ष्मा से रोगी की रक्षा कर सके। हीरा, मोती या प्रवाल भस्म
के समान दिल को मजबूत करने वाली कौन सी दवा है।
प्रमेह और धातुपुष्टि के लिए बंगभस्म के समान दूसरी औषधि है ही नहीं। इसी प्रकार सभी भस्में रामबाण की भांति अचूक लाभ करने वाली होती हैं।