रेग्यूलेटिंग एक्ट जल्दबाजी में पारित किया गया था ! अतः लागू होने के कुछ समय पश्चात् ही इसके दोष स्पष्ट रूप से प्रकट होने लगे थे ! मद्रास तथा बम्बई की प्रेसीडेन्सियों पर बंगाल का पर्याप्त नियंत्रण नहीं था, जिसके कारण कम्पनी को अनावश्यक युद्धों में उलझना पड़ा था ! …
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