तंत्र के प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि ध्यान ही तीसरी आँख का भोजन है ! यह तीसरा नेत्र ध्यान के आभाव में जन्मों-जन्मों से भूखा है ! यही हमारे जीवनी ऊर्जा के पतन का कारण है !
यदि तुम उस पर ध्यान लगा कर उसकी भूख मिटाओगे तो वह तुम्हें अद्भुत जीवंत ऊर्जा देगा ! तुम्हारे नित्य ध्यान करने से उसे भोजन मिलेगा और इसी से ईश्वर द्वारा प्रदत्त तृतीय नेत्र को आनंद की प्राप्ति होती है !
एक बार यदि तुम इस दिव्य कला को जान जायें ! तो आनन्द तुम्हारी ओर स्वत: ही चुम्बकीय ढंग से आकर्षित होता रहेगा ! वैसे भी ध्यान को साधना कोई कठिन बात नहीं है ! व्यक्ति को बस ठीक बिंदु तक पहुँचने का अभ्यास करना होता है !
बस अपनी आंखें बंद करों, दोनों आँखो भ्रूमध्य में दिव्य बिंदु को अनुभव करो ! जब तुम उस बिंदु में स्थिर हो जाओ ! उस समय तुम्हारी वाह्य आँख जड़ हो जायेंगी ! तब उन्हें हिलाना भी कठिन हो जायेगा ! जब ऐसा हो जाये तो जानना कि तुमने ठीक बिंदु को पकड़ लिया है !
इस तरह अपने ध्यान को दोनों भौंहों के मध्य में लाओ और मन को ईश्वर के समक्ष आने दो ! यदि यह ध्यान लग जाये तो पहली ही बार तुम्हें एक अद्भुत अनुभव होने लगेंगे !
तब पहली बार में ही तुम दिव्य ऊर्जा को अपने समक्ष दौड़ता हुआ अनुभव करोगे ! तुम साक्षी हो जाओगे ईश्वरीय सत्ता के ! यह सब तुम्हारे अंत: पटल में एक फिल्म की तरह चलेगा ! तुम्हारे सामने तुम्हारे विचार दौड़ रहे होंगे और तुम एक साक्षी भाव से उन्हें घटता देख रहे होगे !
सामान्यतया हम विचार के प्रति साक्षी नहीं हो पाते हैं ! हम विचारों के साथ एकात्म हो जाते हैं ! यदि क्रोध आता है तो हम भी उसी क्रोध में रम जाते हैं ! कोई विचार उठता है तो हम तटस्त होकर उसके साक्षी नहीं हो पाते हैं !
यही से हमारा वैचारिक पतन शुरू होता है और यह पतन धीरे-धीरे यथार्थ रूप में परिवर्तित होकर हमारे सर्वनाश का कारण बन जाता है !
किंतु इसके विपरीत यदि तृतीय नेत्र पर तुम ध्यान लगाना शुरू करते हो तो धीरे-धीरे हमारा तृतीय नेत्र सक्रिय होकर हमारे अंदर त्रिकाल दर्शन की क्षमता पैदा कर देता है !
इससे हमारे व्यक्तित्व में भी अद्भुत परिवर्तन हो जाता है और हम इस संसार में क्रमश: सफल होते चले जाते हैं !
इसलिए तीसरे नेत्र के भोजन अर्थात ध्यान को अवश्य करना चाहिए ! जिससे हमारा तीसरा नेत्र पुष्ट होकर हमें संसार में सफल बनाएं तथा मृत्यु के उपरांत हमें मुक्ति के मार्ग पर भी हमारा मार्गदर्शन करे !!