आपने देखा होगा कि मैंने शास्त्रों को प्रमाण मानते हुये कुछ लेख अपने फेसबुक पर डाले ! तो लोगों ने मुझे धर्म विरोधी, मुल्लों का दलाल, विधर्मी आदि न जाने क्या-क्या कह डाला ! लेकिन मैंने जो लिखा पढ़ा वह अक्षरस: शास्त्रों पर आधारित मेरे शोध का निष्कर्ष है और मेरा यह मानना है कि जब से हम लोगों ने शस्त्र और शास्त्र का त्याग कर दिया ! तभी से हमारा पतन प्रारंभ हो गया है ! जो आज तक निरंतर होता चला रहा है !
मुझे कुछ मूर्ख और धूर्त हिन्दू विधर्मी और मुल्लों का दलाल कहने वाले लोग यह बतलायें कि जब पूरी दुनिया में सत्य सनातन हिंदू धर्म था ! तब तो मैं नहीं था ! फिर यह सिकुड कर बस सिर्फ आधे अधूरे भारत तक ही सीमित क्यों रह गया है !
कभी ईरान, इराक, काबुल, गंधार तक जो हिंदू धर्म का साम्राज्य था ! वह इन कथावाचकों के उदारवादी और अवतारवादी दृष्टिकोण के कारण ही आज वहां से विलुप्त हो गया है ! वहां का मूल निवासी हिंदू या तो पलायन कर गया या फिर धर्मांतरण करके वह मुसलमान और ईसाई बन गया ! नहीं तो लाखों की संख्या में भगवान भक्त हिन्दू काट डाला गया ! पर भगवान का कोई चमत्कार कहीं नहीं हुआ ! अब तो यह धूर्त कथा वाचक भी वहां कथा करने भी नहीं जाते हैं !
आज से 400 साल पहले अफगानिस्तान, हिंदू कुश और तक्षशिला तक हिंदू राजाओं का साम्राज्य था ! जहां आज इस्लाम अपना परचम लहरा रहा है ! तुम जैसे हिन्दुओं की बहू बेटियां दो दो दीनार में भेड़ बकरियों की तरह हांका कर मुसलिम दरिन्दों के हाँथ बेच दी गयी ! अगर हिंदुओं को अपने भगवान पर इतना भरोसा था और कथावाचकों को उस मायावी ईश्वर पर इतना विश्वास था ! तो उन बच्चियों के बचाने क्यों नहीं गये और वह तुम्हारा सर्वशक्तिमान भगवान भी उन बच्चियों को बचाने नहीं आया !
इन्हीं मूर्ख हिंदू मातालंबियों के कारण हमें आज पाकिस्तान, बांग्लादेश यहां तक कि कश्मीर तक छोड़ना पड़ा और आज केरल और आसाम भी छोड़ने की नौबत आ गई है ! लेकिन आज भी यह तथाकथित धूर्त कथावाचक अवतारवाद की अवधारणा लेकर हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में अपनी कथायें करते हैं और वहीँ पर भी समरसता का नारा लगाते हैं और अल्ला-अल्ला, मौला-मौला किया करते हैं ! पर कहीं भी यह धूर्त कथावाचक मस्जिद या चर्च में राम कथा या भागवत कथा का पाठ नहीं करते हैं !
मेरा प्रश्न यह है कि आखिर यह मुर्ख हिंदू अपनी दुर्दशा की पराकाष्ठा को देखने के बाद भी अब कब संगठित होगा और कब उसके दिमाग से यह भ्रम निकलेगा कि भगवान की मदद के लिये भी पुरुषार्थ करना होता है ! तब भगवान आपकी मदद करते हैं !
धरती पर कहीं भी कोई भी चमत्कार स्वत: नहीं होता है ! चमत्कार बस उन्हीं व्यक्तियों के साथ होता है जो शास्त्र और शस्त्र का अध्ययन करते हैं और ईश्वर के आदेश का पुरुषार्थ के साथ पालन करते हैं !
लेकिन धूर्त राजनीतिक दलों के लोग और उनके कथावाचक एजेंट सत्य सनातन हिंदू धर्म के महापुरुषों की वीर गाथाओं के स्थान पर हमें उनकी कपोल कल्पित चमत्कारिक घटनाओं को सुना कर हमें नपुंसक बना रहे हैं ! शायद इसीलिये आज हम असंगठित होकर ईश्वर के भरोसे अपने सर्वनाश की प्रतीक्षा कर रहे हैं !
अभी भी वक्त है हिंदुओं संगठित हो जाओ ! किसी भी राजनीतिक दल, कथावाचक या धर्म आधारित सामाजिक संगठन पर विश्वास मत करो ! आपस में खुलकर संवाद करो और अपने आपको बचा लो वरना वह दिन दूर नहीं जब सत्य सनातन हिंदू धर्म भी उसी तरह विलुप्त सभ्यता में गिना जायेगा ! जैसे आज सैकड़ों विलुप्त सभ्यतायें गिनी जाती हैं !!