जानिये : कहीं गृह संपत्ति सुख नष्ट होने का योग तो नहीं है | Yogesh Mishra

शुक्र को ऐश्वर्य और वैभव का कारक है अतः यदि कुंडली में शुक्र बहुत बलि हो तो व्यक्ति को उच्चस्तरीय गृह संपत्ति का सुख मिलता है और ऐसा व्यक्ति अच्छी संपत्ति और वैभव को प्राप्त करता है। यदि कुंडली में चतुर्थ भाव तो अच्छा हो पर शुक्र कमजोर या पीड़ित हो तो ऐसे में व्यक्ति को घर की प्राप्ति तो हो जाती है परंतु जीवन में वैभव नहीं आ पाता, गृह संपत्ति या अपने घर के सुख को लेकर अति संघर्ष या सुख न मिल पाने की स्थिति तभी आती है जब कुंडली में चतुर्थ भाव, चतुर्थेश और शुक्र सभी घटक कमजोर हों दोनों में से एक घटक अच्छी स्थिति में हो और दूसरा कमजोर हो तो भी व्यक्ति अपने प्रयासों से अपने घर के सुख को प्राप्त कर लेता है।

कुण्डली में कुछ महत्त्व पूर्ण गृह संपत्ति सुख में बाधा के योग निम्नलिखित हैं :-

1. यदि कुण्डली में चतुर्थेश पाप भाव (6,8,12 भाव) में हो तो ऐसे में व्यक्ति को अपनी गृह संपत्ति या घर की प्राप्ति में बहुत बाधाएं और उतार चढाव का सामना करना पड़ता है।

2. चतुर्थेश यदि अपनी नीच राशि में हो तो भी व्यक्ति को अपने घर की प्राप्ति या सुख में संघर्ष का सामना करना पड़ता है।

3. यदि चतुर्थ भाव में कोई पाप योग (ग्रहण योग, गुरुचांडाल योग, अंगारक योग आदि) बन रहा हो तो ऐसे में व्यक्ति को अपने घर का सुख नहीं मिल पाता या बहुत संघर्ष के बाद ही व्यक्ति अपनी गृह संपत्ति अर्जित कर पाता है।

4. चतुर्थ भाव में पाप ग्रहों का नीच राशि में बैठना भी व्यक्ति को अपने घर या मकान का सुख नहीं मिलने देता।

5. यदि कुंडली में शुक्र नीच राशि (कन्या) में हो, अष्टम भाव में हो या पाप ग्रहो से अति पीड़ित हो तो भी व्यक्ति को अपने घर के सुख में बहुत बाधाये आती हैं।

इसी तरह के अनेक बहुत से योग होते हैं जो गृह संपत्ति के भोग में बाधा पहुचाते हैं |

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter