क्या हम विश्व सत्ता की ओर बढ़ रहे हैं ! : Yogesh Mishra

4 दिसम्बर 2019 बुधवार को कैबिनेट द्वारा पारित किये गये “पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल” के तहत भारतीयों का कुछ डाटा को विदेश में स्टोर करने की अनुमति दी गई है ! उस डाटा में क्या क्या होगा यह नहीं बतलाया गया है ! इस डाटा की कॉपी भारत में होना जरूरी नहीं है और इसे डाटा के मालिक की रजामंदी से इस्तेमाल किया जा सकेगा ! इससे पहले के बिल के ड्राफ्ट में लिखा गया था कि सारा पर्सनल डाटा भारत में ही स्टोर किया जायेगा ! इस प्रावधान की आलोचना विदेशी तकनीक कंपनियों और सिविल सोसायटी स्टेकहोल्डर्स ने की थी ! लेकिन उनके विरोध को कुचल दिया गया है !

हालांकि इस बिल में भी संवेदनशील पर्सनल डाटा को भारत में ही रखना जरूरी है ! इस संवेदनशील डाटा में वित्तीय, स्वास्थ्य, सेक्शुअल ओरिएंटेशन, बायोमीट्रिक, जेनेटिक, ट्रांसजेंडर स्टेटस, जाति और धार्मिक मान्यताएं शामिल हैं ! यह डाटा सिर्फ कुछ शर्तों पर पर ही विदेश में प्रोसेस किया जा सकता है और इसके लिये भी डाटा प्रोटेक्शन एजेंसी (डीपीए) का अप्रूवल लेना जरूरी होगा !

इसके अतिरिक्त क्रिटिकल पर्सनल डाटा को भारत में ही स्टोर और प्रोसेस करना जरूरी है ! इस प्रावधान से गूगल, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसी कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा, जो फिलहाल भारत से संबंधित डाटा विदेश में स्टोर करती हैं ! नए बिल में एक और बदलाव किया गया है, जिसके तहत कंपनियों को किसी भी गैर-निजी डाटा का एक्सेस सरकार को देना होगा ! इसमें ट्रैफिक पैटर्न और डेमोग्राफिक इंफॉर्मेशन शामिल है ! इस डाटा का इस्तेमाल कंपनियां अपने बिजनेस मॉडल को फंड करने के लिये करती हैं !

इस बिल के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को अपना खुद का यूजर वेरिफिकेशन मेकेनिज्म तैयार करना होगा ! बिल में यह प्रावधान भी दिया गया है कि किसी खास सूरत में अहम कारण से बिना यूजर की अनुमति लिये उसके डाटा को प्रोसेस किया जा सकेगा ! इनमें राज्य की सुरक्षा, किसी गैरकानूनी गतिविधि या फ्रॉड के बारे में पता लगाने के लिये या स्वास्थ्य आपातकाल के लिये, क्रेडिट स्कोर जैसे कारण शामिल हैं !

इस बिल में डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी का प्रावधान दिया गया है, साथ ही जुर्माने का प्रावधान भी दिया गया है ! किसी छोटे उल्लंघन के लिये कंपनी के वैश्विक टर्नओवर का 2 फीसदी या पांच करोड़ रुपए और गंभीर उल्लंघन के लिये कंपनी के वैश्विक टर्नओवर का 4 फीसदी या 15 करोड़ रुपए हो सकता है ! इसके अलावा कंपनी के एक्जीक्यूटिव-इंचार्ज को तीन साल के लिये जेल हो सकती है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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