अब भारत को उठना होगा : Yogesh Mishra

भारतीय समाज में 3 वर्ग हैं ! पहला उद्यमी वर्ग, दूसरा नाकारा वर्ग, तीसरा भटका हुआ वर्ग !

जो उद्यमी वर्ग है वह निरंतर अपने लक्ष्य को निर्धारित करके अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिये उस दिशा में बराबर बढ़ता रहता है !

उनका एक मात्र उद्देश्य निरंतर अपना विकास करना है ! यह वर्ग राष्ट्र प्रेम की बात तो करता है किंतु जब व्यवसायिक लाभ की बात होती है तो सारा राष्ट्र प्रेम किनारे रख देता है और जहां से भी व्यवसायिक लाभ मिल सकता है, उस ओर मुड़ जाता है !

यह वर्ग अवसर पाते ही विदेशी षड्यंत्रकारिर्यों के साथ मिल कर अपना निजी लाभ उठाने के अवसर को नहीं छोड़ता है ! बैंकों से लोन लेकर उसे हड़प जाना ! भारत में व्यापार प्रारंभ करके जनता का पैसा लेकर पूंजी सहित विदेश भाग कर बस जाना !

विदेशों में अपने स्वार्थ के अनुरूप लड़के या लड़कियों से संबंध स्थापित करके उनसे शादी कर वहां की नागरिकता प्राप्त कर लेना और विदेशी योजनाकारों के साथ मिलकर भारत को अंदर ही अंदर खोखला बना देना और समाज में प्रतिष्ठित उद्यमी के रूप में कार्य करना आदि आदि ! इनका एक मात्र उद्देश्य निजी लाभ प्राप्त करना होता है !

दूसरा वर्ग नाकारा समाज ! यह वर्ग निरंतर हरामखोरी में लगा रहता है ! कहां पर मुफ्त का राशन मिल रहा है ! कहां पर मुफ्त का डाटा मिल रहा है ! किस तरह धोखाधड़ी करके दूसरे का पैसा हड़प आ जा सकता है ! किसकी संपत्ति कहां पर हड़पी जा सकती है !

किस बड़े घर की बहू बेटी को कैसे अपने नियंत्रण में करके उससे भया दोहन कर अपना काम निकाला जा सकता है ! बड़े घर के बिगड़े हुए किस लड़के से दोस्ती करके उससे पैसा ऐंठा जा सकता है ! कहां से फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी प्राप्त की जा सकती है वगैरा-वगैरा !

इन लोगों का दिमाग इस तरह के हथकंडे में चौबीसों घंटे लगाता है और यह लोग खुद भी अपराध करते हैं और समाज को भी अपराध में झोंक देते हैं !

अब बात करते हैं तीसरे सबसे महत्वपूर्ण वर्ग की ! जो राष्ट्रप्रेम और प्राचीन परम्पराओं से ओतप्रोत है ! उद्यमी है किंतु सही मार्गदर्शन के अभाव में भटक रहा है और अपने जीवन के कार्य करने की उम्र जो 25-30 वर्ष की होती है वह इसी भटकाव में सही मार्गदर्शन न मिलने पर गुजार देता है और अवसाद का शिकार हो जाता है !

प्रायः ऐसे लोग धार्मिक और राष्ट्र प्रेम के कारणों से गोपालन, जैविक कृषि, आयुर्वेद, मर्म चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, प्राकृतिक चिकित्सा आदि पर कार्य करते हैं या कोई स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद बना कर अपना जीवन यापन करने लगते हैं ! किंतु यह लोग सही मार्गदर्शन के आभाव में कभी भी विश्वव्यापी दृष्टि से अपने लक्ष्य को स्थापित नहीं कर पाते हैं !

ऐसा नहीं है कि यह लोग कर नहीं कर सकते हैं लेकिन इस वर्ग के मार्गदर्शन के लिए पिछले 70 सालों में कभी कोई योजना ही नहीं बनाई गई और न ही समाज ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करता है !

परिणाम यह है कि ऐसे लोग जो वास्तव में समाज को कुछ दे सकते हैं ! वह लोग अपने जीवन के 25-30 वर्ष बिना मार्गदर्शन के भटक कर अपने जीवन में अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं फिर या तो सन्यास के मार्ग पर चले जाते हैं और या फिर आत्म केंद्रित हो जाते हैं !

ऐसे व्यक्तियों को एक सही मार्गदर्शन देने के लिए सनातन ज्ञान पीठ ने एक विस्तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना आयोजित की है ! जिसमें राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत उद्यमी व्यक्तियों को 4 माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ! इसके बाद उनको उनके उद्यम में पूरा सहयोग भी किया जाएगा ! देश विदेश में जहां भी वह अपना कार्य करना चाहते हैं, उसमें सही मार्गदर्शन प्राप्त हो इसके लिए भी एक विस्तृत योजना कार्य योजना बनायीं जा रही है ! विशेष समिति के द्वारा उन्हें सही मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा !

इस संपूर्ण कार्य का उद्देश्य भारत को महाशक्ति बनाना है ! जिसमें जन सहयोग व जनभागीदारी से भारत की आने वाली पीढ़ी को तैयार किया जा सके ! इस हेतु सनातन ज्ञान पीठ अपना विशेष प्रशिक्षण सत्र आरंभ करने जा रहा है ! जिसमें जो लोग भागीदारी करना चाहते हैं वह कृपया कमेन्ट बाक्स में अपना नाम नम्बर लिखें तथा कार्यालय में संपर्क करें !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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