
जानिए तंत्र के विशिष्ट साहित्य और आचार्य कौन कौन है | Yogesh Mishra
तन्त्र साहित्य अत्यन्त विशाल है ! प्राचीन समय के दुर्वासा, अगस्त्य, विश्वामित्र, परशुराम, बृहस्पति, वशिष्ठ, नंदिकेश्वर,…

तन्त्र साहित्य अत्यन्त विशाल है ! प्राचीन समय के दुर्वासा, अगस्त्य, विश्वामित्र, परशुराम, बृहस्पति, वशिष्ठ, नंदिकेश्वर,…

तंत्र भारतीय उपमहाद्वीप की एक वैविधतापूर्ण एवं सम्पन्न आध्यात्मिक परिपाटी तक ही सीमित नहीं है !…

“गोस्वामी तुलसीदास” ने चित्रकूट, अयोध्या और बनारस में रह कर एक से एक 23 रचनाएँ कीं…

माना जाता है कि जबसे सृष्टि का निर्माण हुआ तभी यह झील भी बनी ! 9,100…

हम सभी का जीवकोपार्जन कुंडली की ग्रह स्थिती के अनुसार ही होता है ! अत: जीवकोपार्जन…

कैंसर शब्द या रोग से आज हर कोई परिचित है ! इसका नाम सुनते ही हाथ…

पंचम भाव में चंद्रमा संतान सुख देता है ! आपके बच्चे आपको ख़ुशी प्रदान करेंगे इसमें…

देवभूमि में है देश का एकमात्र राहु मंदिर, राहु शांति के लिए देश-विदेश से पहुंचते हैं…

अनिश्चितता के कारक राहु की प्रवृत्ति को समझना मुश्किल ही नहीं करीब करीब नामुनकिन है !…