क्या हिटलर ने राजनीति में तंत्र का सहयोग लिया था : Yogesh Mishra

पूर्व युद्ध जर्मनी में दो गुप्त संगठन थे जो बारीकी से मिलकर काम करते थे ! क्योंकि उनकी विचारधारा पूरी तरह से हिटलर के अनुरूप थी ! थूले और वृल ! इन दोनों ने फूहरर संगठन बनाया और हिटलर के राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा किया !

हालांकि सभी शक्तियां केवल हिटलर के हाथों में ही केंद्रित नहीं थी ! फिर भी दोनों रहस्यमय संगठन राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ा रहे थे ! जिनका उद्देश्य एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्व सरकार की स्थापना करना था !

सबसे पहले ! हम अपने ऑपरेशन के बारे में आम तौर पर उपलब्ध और परिचित जानकारी से शुरू होने वाले थूले पर ध्यान केंद्रित करेंगे ! और फिर उन लोगों को देख रहे हैं जो इतने व्यापक नहीं हैं !

थुले सोसायटी युरोपीय पुरातन तंत्र-मंत्र आधारित ऐसे लोक समूह का प्रतिनिधित्व करता था ! जिनके पूर्वज पूर्व में एक पौराणिक नॉर्डिक देश के लिये कार्य करते थे ! यह संगठन विशेष रूप से श्रमिक पार्टी के साथ जुड़ा हुआ था ! जिसे एडॉल्फ हिटलर के नेतृत्व के बाद एन.एस.डी.एपी. नाजी पार्टी में बदल दिया गया था !

थुले का प्राथमिक चिंतन आर्य वंश पर आधारित था ! थुले सोसायटी नाजी रहस्यवादी संगठन की धुरी था ! जो ग्रीनलैंड और आइसलैंड के आस पास के क्षेत्र में साधनायें करते थे ! जहाँ कभी आर्यों तांत्रिक साधना करते थे ! जिनमें “हेलेना ब्लावात्स्क्य” तांत्रिक का नाम सबसे प्रसिद्द था ! थुले थियोसोफिकल सोसायटी ने हिटलर की अभूतपूर्व सफलता के लिये ब्लावत्स्की को स्थायी तांत्रिक नियुक्त किया था ! जिसने हिटलर के लिये ग्यारह वर्ष तक साधना की ! किन्तु जब इसकी जानकारी ब्रिटेन को हुई तो ब्रिटेन ने ब्लावत्स्की को मरवा दिया ! तब थुले सोसायटी के लोगों ने अनेक तांत्रिकों को नियुक्त किया किन्तु उतने अच्छे परिणाम नहीं मिले !

वृल थूल के बाहर के काम करता था ! जो स्कैंडिनेवियाई देवताओं और देवी के तांत्रिकों के साथ काम करता था ! इन तांत्रिकों की नॉर्डिक भाषा थी ! जो 11 000 वर्षों से अधिक पुरानी थी ! इस तंत्र की दैवीय खेलों से तुलना की जा सकती है ! जिनमें युद्ध और विभिन्न आपदायें शामिल हैं ! यह काल क्रम के परिवर्तन में पारंगत थे ! जो सभी जीवित प्राणियों के अतीत, वर्तमान और भविष्य के कार्यों के क्रम को परिवर्तित कर सकते थे ! इनका प्रयोग नेपोलियन ने भी किया था ! जिसका प्रायः गूढ़ साहित्यों में उल्लेख मिलता है !

इस गुप्त तांत्रिक संगठन में एडॉल्फ हिटलर, अल्फ्रेड रोसेनबर्ग, हेनरिक हिमलर, हरमन ग्रिंग और हिटलर के व्यक्तिगत चिकित्सक डॉ थिओडोर मोरेल ही शामिल थे ! शेष अन्य को इस संगठन की भनक तक नहीं थी ! यह पूरा का पूरा संगठन तिब्बत के साधकों के निर्देश पर चलता था ! कहते हैं इस मीटिंग में गुप्त वायु मार्ग से आये अजीब से लोग भाग लेते थे !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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