क्या चीन पाक आतंकवादियों के संरक्षण के लिये युद्ध चाहता है ? Yogesh Mishra

आज चीन की बौखलाहट इसलिए नहीं कि भारत से सटे हुए सिक्किम सेक्टर क्षेत्र में भारत की सेना चीन को सड़क नहीं बनाने दे रही है बल्कि चीन की बौखलाहट इसलिए है कि पाकिस्तान के अंदर चीन ने जो अथक मेहनत करके कूटनीतिक रूप से समुद्र तट ब्लूचिस्तान तक योरोप और अफ्रीका के बाजार को हड़पने के लिये अपनी सड़क बनाकर वहां पर व्यवसायिक उत्पादन केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है ! वह उसे आज विफल होते दिख रही है !

आज भारत अमेरिका की इच्छा पर पाकिस्तान के आतंकवाद को खत्म करके ब्लूचिस्तान और सिन्ध को पाकिस्तान से अलग कर देना चाहता है ! चीन भारत के इस कदम से नाराज है क्योंकि यदि भारत इसमें सफल हो गया तो चीन का ब्लूचिस्तान में व्यावसायिक उत्पादन केंद्र के स्थापना का सारा प्रयास निष्फल हो जायेगा !

इधर भारत की सैन्य शक्तियों में भी इजाफा हुआ है ! जिससे पाकिस्तान के अंदर पलने वाले आतंकवादी घबराए हुए हैं ! जिन्हें कभी चीन ने कूटनीति के तहत पाला था ! इन्हीं पाकिस्तानी आतंकवादियों को संरक्षण देने के लिए चीन जानबूझकर भारत को दूसरी ओर से घेरने के लिए भूटान के निकट अपना राजमार्ग बनाने पर अड़ा हुआ है और तीसरी तरफ दक्षिण भारत के समुद्र में अपना जहाजी बेड़ा भेजकर भारत को दक्षिणी सिरे से भी घेरने की तैयारी में लगा हुआ है !

चीन के इस बढ़े हुए मनोबल का सबसे बड़ा कारण यह है कि चीन यह जानता है कि जिस दिन वह भारत के ऊपर आक्रमण करेगा ! उसी दिन भारत के अंदर “पाकिस्तानी विचारधारा वाले मुसलमान” और भारत के टुकड़े टुकड़े करने का ख्वाब रखने वाले “वामपंथी” विचारधारा के पोषक भारत के अंदर “लॉ एंड ऑर्डर” की व्यवस्था धवस्त करके चीन को सहयोग करेंगे ! इसीलिए आज चीन को अपने हथियारों से ज्यादा भरोसा इन विश्वासघाती तथाकथित भारतीयों पर है ! तभी वह भारत के पचास टुकड़े करने का दावा करता है !

अतः भारत के राजसत्ता में बैठे हुए लोगों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि भारत की सीमाओं की चौकसी के साथ-साथ भारत के अंदर “भारत विरोधी विचारधारा” रखने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर भी कड़ी नजर रखें और यदि कोई व्यक्ति या संस्था राष्ट्र विरोधी कार्य करती है तो उनके विरुद्ध कठोर त्वरित कार्यवाही के लिये भारत की विधि में विशेष प्रावधान बनाया जाना चाहिए !

युद्ध एक आपातकालीन स्थिती है ! इसमें सामान्य पुलिस या न्यायपालिका की प्रक्रिया के सहारे इन राष्ट्रघाती लोगों से नहीं निपटा जा सकता ! इसके लिए सामान्य पुलिस से ऊपर उठकर कोई अन्य विशेष बल का गठन किया जाना चाहिए और त्वरित न्याय के लिए न्यायपालिका की सामान्य प्रक्रिया से अलग हटकर किसी अन्य विशेष न्याय प्रक्रिया पर भी विचार किया जाना चाहिए !

अब वह वक्त आ गया है कि भारत या तो अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए पुनः “धर्म युद्ध” करे या अपने सर्वनाश के लिए स्वयं “चिता” की लकड़ियां ढूंढना शुरू कर दे ! आगामी 20 वर्ष भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यदि इन 20 वर्षों में भारत ने सही मार्ग का चयन किया तो नि:संदेह 20 वर्ष बाद भारत विश्व की सबसे बड़ी सत्ता होगा और यदि गलत मार्ग का चयन कर लिया तो भारत अन्य संस्कृतियों की तरह इतिहास के पन्नों में दर्ज मात्र पढ़ा जाने वाला एक इतिहास होगा !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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