कुण्डली की तरह गोचर में ग्रह युति भी जीवन को प्रभावित करती है जानिए । गोचर में ग्रह युतियों के क्या परिणाम होते है । Yogesh Mishra

गोचर में ग्रह युति के फल

कुण्डली की तरह गोचर में ग्रह युति भी जीवन को प्रभावित करती है गोचर में ग्रह युतियों के क्या परिणाम होते है वह अलग –अलग व्यक्तियों पर अलग –अलग प्रभाव डालते हैं | उनमे से कुछ निम्न है

चंद्र+मंगल- शत्रुओं पर एवं ईर्ष्या करने वालों पर, सफलता प्राप्त करने के लिए एवं उच्च वर्ग (सरकारी अधिकारी) विशेषकर सैनिक व शासकीय अधिकारी से मुलाकात करने के लिए उत्तम रहता है।

चंद्र+बुध-धनवान व्यक्ति, उद्योगपति एवं लेखक, सम्पादक व पत्रकार से मिलने या सम्बन्ध बनाने के लिए।

चंद्र+शुक्र-प्रेम-प्रसंगों में सफलता प्राप्त करने एवं प्रेमिका को प्राप्त करने तथा शादी- ब्याह के समस्त कार्यों के लिए, विपरीत लिंगी से कार्य कराने के लिए।

चंद्र+गुरु- अध्ययन कार्य, किसी नई विद्या को सीखने एवं धन और व्यापार उन्नति के लिए।

चंद्र+शनि- शत्रुओं का नाश करने एवं उन्हें हानि पहुंचाने या उन्हें कष्ट पहुंचाने के लिए।

चंद्र+सूर्य- राजपुरूष और उच्च अधिकारी वर्ग के लोगों को हानि या उसे उच्चाटन करने के लिए।

मंगल+बुध- शत्रुता, भौतिक सामग्री को हानि पहुंचाने, तबाह-बर्बाद, हर प्रकार सम्पत्ति, संस्था व घर को तबाह-बर्बाद करने के लिए।

मंगल+शुक्र- हर प्रकार के कलाकारों (फिल्मी सितारों) में डांस, ड्रामा एवं स्त्री जाति पर प्रभुत्व और सफलता प्राप्त करने के लिए।

मंगल+ गुरु- युद्घ और झगड़े में या कोर्ट केस में, सफलता प्राप्त करने के लिए, शत्रु-पथ पर भी जनमत को अनुकूल बनाने के लिए।

मंगल+शनि- शत्रु नाश एवं शत्रु मृत्यु के लिए एवं किसी स्थान को वीरान करने (उजाड़ने ) के लिए।

बुध+शुक्र- प्रेम-सम्बन्धी सफलता, विद्या प्राप्ति एवं विशेष रूप से संगीत में सफलता के लिए।

बुध+गुरु- पुरुष का पुरुष के साथ प्रेम और मित्रता सम्बन्धों में पूर्ण रूप से सहयोग के लिए एवं हर प्रकार की ज्ञानवृद्घि के ि‍लए नया पाठ, साइन्स सीखने के लिए।

बुध+शनि- कृषि एवं मेवा, सब्जी एवं इसकी वृद्घि के लिए, अच्छी फसल एवं किसी वस्तु की या किसी रहस्य (चोरी या कांड) को गुप्त रखने के लिए।

शुक्र+गुरु- प्रेम-सम्बन्धी आकर्षण एवं जनसमूह को अपने अनुकूल करने के लिए।

शुक्र+शनि- स्त्री जाति को हानि, परेशानी, दुर्भाग्य के समस्त कार्य के लिए। (सिर्फ विपरीत लिंगी के लिए)

गुरू+ शनि- हर प्रकार के विद्वानों के बुद्घिनाश हेतु, शास्त्रार्थ व विवाद पैदा करने हेतु एवं उनमें शत्रुता पैदा करने हेतु।

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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