जानिए नवार्ण मंत्र की शक्ति और लाभ : Yogesh Mishra

मेरी एक शिष्य का आग्रह आया है कि मैं “नवार्ण मंत्र” की शक्ति और लाभ” के विषय में लेख प्रस्तुत करूँ ! अतः में निम्नलिखित लेख प्रस्तुत कर रहा हूं !

ऋग्वेद में आदिशक्ति का कथन है- ‘मैं ही निखिल ब्रह्माण्ड की ईश्वरी हूँ, उपासकगण को धन आदि इष्टफल देती हूँ ! मैं सर्वदा सबको ईक्षण (देखती) करती हूँ, उपास्य देवताओं में मैं ही प्रधान हूँ, मैं ही सर्वत्र सब जीवदेह में विराजमान हूँ, अनन्त ब्रह्माण्डवासी देवतागण जहां कहीं रहकर जो कुछ करते हैं, वे सब मेरी ही आराधना करते हैं !’

कलियुग में देवी दुर्गा की आराधना तत्काल फल देने वाली बताई गयी है ! भगवती दुर्गा की यह उपासना उनके मूलमन्त्र (नवार्ण मन्त्र) के जप और देवी की वांग्मयी मूर्ति (श्रीदुर्गासप्तशती) के पाठ-हवन आदि करने पर शीघ्र ही सिद्धिप्रद होती है ! ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ की शक्ति अपार है ! इसमें मां जगदम्बा की शक्ति समाई हुई है !

इस मन्त्र का शाब्दिक अर्थ ‘हे चित्स्वरूपिणी महासरस्वती! हे सद्रूपिणी महालक्ष्मी! हे आनन्दरूपिणी महाकाली! ब्रह्मविद्या पाने के लिये हम हर समय तुम्हारा ध्यान करते हैं ! हे महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वतीस्वरूपिणी चण्डिके! तुम्हे नमस्कार है ! अविद्यारूपी रज्जु की दृढ़ ग्रन्थि खोलकर मुझे मुक्त करो !’

इसका अनुष्ठान करने वाले साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ! यह सरल है और शीघ्र सिद्ध होता है ! इस मंत्र में ‘ऐं’ मां सरस्वती का, ‘ह्रीं’ मां लक्ष्मी या भुवनेश्वरी का तथा ‘क्लीं’ मां काली का प्रतीक है ! इन बीज मंत्रों में इन देवियों की शक्तियां समाई हैं !

नवार्ण मन्त्र के जप का फल श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् के अनुसार

नमामि त्वां महादेवीं महाभयविनाशिनीम् !
महादुर्गप्रशमनीं महाकारुण्यरूपिणीम् ! ! (श्रीदेव्यथर्वशीर्षम्)

अर्थात्-महाभय का नाश करने वाली, महासंकट को शान्त करने वाली और महान करुणा की मूर्ति तुम महादेवी को मैं नमस्कार करता हूँ !

यह मन्त्र मनुष्य के लिये कल्पवृक्ष के समान है ! नवार्णमन्त्र उपासकों को आनन्द और ब्रह्मसायुज्य देने वाला है ! दुर्गा के तीन चरित्रों में महाकाली की आराधना से माया-मोह एवं वितृष्णा का नाश होता है !

महालक्ष्मी सभी प्रकार के वैभवों से परिपूर्ण कर बुराई से लड़ने की शक्ति देती हैं और महासरस्वती किसी भी संकट से जूझकर पार उतरने वाली बुद्धि और विद्या प्रदान करती हैं ! तीन चरित्रों के लिये प्रतिदिन एक-एक माला अर्थात् प्रतिदिन तीन माला इस बीज मन्त्र का जाप करने से मनुष्य के सारे विघ्नों का नाश हो जाता है तथा उसे मानसिक एवं शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है !

अत: नवार्ण मन्त्र के जप करने से ही भगवती मां दुर्गा के तीनों स्वरूपों को प्रसन्न कर मनोवांछित फल प्राप्त किए जा सकते हैं ! नौ अक्षर वाले इस अद्भुत नवार्ण मंत्र में देवी दुर्गा की नौ शक्तियां समायी हुई है, जिसका सम्बन्ध नौ ग्रहों से भी है ! नवार्ण मन्त्र के जप और मां दुर्गा की आराधना से सभी अनिष्ट ग्रह शान्त हो जाते हैं और मनुष्यों की दारुण बाधाएं भी शान्त हो जाती हैं !

नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है ! अनुष्ठान यदि बिना विशेष कामना के भी किया जाय तो मां दुर्गा साधक को सभी सुख स्वत: प्रदान कर देती हैं ! यदि इसकी मौन एवं दीर्घकालिक साधना की जाय तो वाक्सिद्धि प्राप्त होती है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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