जानिए भारतीय प्रशासनिक सेवा में अचानक मुसलमानों की बाढ़ क्यों ! : Yogesh Mishra

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का ख्वाब दिखाने वाले वाले आज भारत की प्रशासनिक सेवा में मुसलमानों को भरने पर उतारू है !

पिछले 4-5 सालों (2015) से कश्मीरी मुस्लिम युवक संघ लोक सेवा आयोग में बहुत सेलेक्ट हो रहें ! इसका कारण जानना चाहते हैं ! कश्मीरी ही नहीं बल्कि पूरे भारत से मुस्लिम युवक भी बड़ी मात्रा में संघ लोक सेवा आयोग की बाजी मार रहे हैं ! पहले इनका चयन 3% से भी कम था !

आप इसमें एक पैटर्न देखेंगे बस मेरी बात सावधानी से समझने की कोशिश करियेगा ! जो मुस्लिम उर्दू साहित्य विषय को रखेगा जाहिर है कि हिन्दू तो उर्दू नही पढ़ते नहीं हैं ! उर्दू की कापी जाँचने वाला भी मुस्लिम ही होगा और वह चाहेगा उसकी कौम का बन्दा अधिक से अधिक अधिकारी बने ! ताकि बाद में सत्ता पर प्रेशर ग्रुप बना जा सकें !

ऐसा लगता है कि यह उर्दू से संघ लोक सेवा आयोग जैसी परीक्षाओं में मुस्लिम और कश्मीरी युवकों को देश के उच्च पदों पर बिठाने की साज़िश है ! जिससे जब भी हिन्दू मुस्लिम गृह युद्ध हो तो यह कट्टर मुल्ले अपनी कोम का साथ दें और ओवेसी जैसे लोगों की मनशा पूरी हो सके ! देश को आसानी से मुसलमानों के कब्जे में कर सकें !

अभी आप देखेंगे तो पायेंगे कि प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में आप उर्दू ही रख सकते हैं ! ऐसा तमाम वेबसाइट्स आपको दिखायेंगी लेकिन एक न्यूज़ चैनल पर मैंने कुछ दिन पहले जब रिजल्ट आया था तो उसमें किसी कश्मीरी के बारे में बता रहा था ! उसने प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में विषय बताया था कि उर्दू और इस्लामिक स्टडीज से उसने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की थी !

क्या ऐसा कुछ संघ लोक सेवा आयोग में शामिल हुआ है ? खोजने का प्रयास कीजियेगा ! इसमें कितनी सत्यता है ! किसी को पता हो तो कमेन्ट सेक्शन में जरूर बताइयेगा ! अगर इस्लामिक स्टडी शामिल हुआ है तो मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूँ ! लेकिन यह जानकारी केवल उस न्यूज चैनल पर एक झलकी पर आधारित है ! इसकी सत्यता मैं बिलकुल नही जानता हूँ !

अब एक बात और गौर करने वाली है ! कि इस्लामिक शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थान की भारत में भरमार है !
जो अपने छात्रों में अलग ही संस्कार विकसित करते हैं ! उनमें से कुछ निम्न हैं !

1.अल अमीन एजुकेशनल सोसाइटी ! बैंगलोर
2. जामिया सल्फ़िया ! वाराणसी
3. अल बरकत इंस्टिट्यूट ! अलीगढ
4. आलिहा यूनिवर्सिटी ! कोलकाता
5. अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
6. अल फलाह यूनिवर्सिटी ! फरीदाबाद
7. अंजुमान हमी ए मुसलमीन ! भटकल
8. अंजुमन ए इस्लाम ! मुंबई
9. अंसार अरेबिक कालेज ! मल्लपुरम
10. अल जामिया अल इस्लामिया ! मल्लपुरम
11. वीमेन इस्लामिया कालेज ! मल्लपुरम
12. चौधरी नियाज मुहम्मद कालेज ! बैसूली बदायूँ
13. दारुल हुदा इस्लामिक यूनिवर्सिटी
14. हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली
15. जमाल मोहम्मद कालेज
16. इब्न सीना अकैडमी
17. जामिया अर्फ़िया ! कौशाम्बी
18. जामिया मिलिया इस्लामिया
19. जामिया नूरिया अरबिया
20. मदरसा अल बकीयत अल सहलात ! वेल्लूर
आदि आदि इत्यादि ये सारे मुस्लिम स्पेशल इंस्टिट्यूट हैं ! यहाँ हिन्दू मिलेंगे नही ! मिलेंगे भी तो नाम मात्र के !

वह भी कुछ जगह जो केंद्रीय बड़ी यूनिवर्सिटी हैं जैसे अलीगढ या ओस्मानिया हैदराबाद ! बाकी हजारों इंस्टिट्यूट जहाँ हिन्दू झाँकने भी नहीं जाता है ! यह मात्र अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी/कालेज के अंतर्गत चल रहे हैं ! सरकार से पैसा पाते हैं और पढ़ाते हैं इस्लामिक स्टडीज !

एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी इस देश में है जहाँ हिंदुत्व या वैदिक कल्चर की पढ़ाई होती हो ? जहाँ वेद पढ़ाये जाते हों ?

इस इस्लामिक स्टडीज से पढ़ा हुआ आई.ए.एस. बनाना मतलब असंतोष और प्रेशर ग्रुप का निर्माण करना है ! आज 40 करोड़ की आबादी वाले दंगाई अभी भी अपने को माइनॉरिटी ही कहते हैं ! जब यह अब अल्पसंख्यक नहीं तो क्यों नहीं इनसे सारे अल्पसंख्यक अधिकार लिये जाने चाहिये ! आज भारत का मुस्लिम बहुसंख्यक समुदाय है ! इंडोनेशिया के बाद विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में ही है !

सरकार को चाहिये कि संघ लोक सेवा आयोग में प्रशासनिक सेवाओं जैसी उच्च पद की परीक्षाओं को केवल हिंदी जो कि भारत की राष्ट्रभाषा है और इंग्लिश जो कि संवैधानिक भाषा है इसी में होनी चाहिये !

जिससे भविष्य के भारत को देश भक्त पदाधिकारी मिले न कि देशद्रोही ! इसके अलावा इतने उचे पद पर जाने वाले अधिकारियों को कम से कम हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान तो होना ही चाहिये ! क्योंकि भविष्य में उर्दू में किसी भी आफ़िस में काम नही होगा !

इस लिये शीघ्र अति शीघ्र उर्दू को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा से बाहर करना चाहिये ! वर्ना कल यही उर्दू से नियुक्त हुये प्रशासनिक अधिकारी ISIS के ऐजेंट बन कर देश के लिये समस्या खड़ी कर सकते हैं !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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