विश्व सत्ता की जनसंख्या नियंत्रण नीति : Yogesh Mishra

वैसे तो विश्व सत्ता के षड्यंत्र पर मैंने दर्जनों लेख लिखे हैं ! जो आज मेरी वैबसाइट पर मौजूद हैं ! लेकिन आज उनकी कार्य पद्धती पर अपना यह लेख प्रस्तुत कर रहा हूं !

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अमेरिका के जॉर्जिया स्टेट में 1980 में विशेष ग्रह नक्षत्रों में तंत्र की सहायता लेकर विश्व सत्ता के कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एक शिलालेख की स्थापना की गई थी ! जिसके कार्य सिद्धि का जिम्मा पिशाचों को दिया गया है ! जिनका उद्देश्य पूरी दुनिया में एक धर्म और एक शासन की स्थापना करना है !
लेकिन इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये विश्व सत्ता को जो पूरे विश्व में जो सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ! वह यह है कि हर धर्म के मानने वालों की आबादी अत्यधिक है ! जो विश्व सत्ता को इस लक्ष्य प्राप्त करने में बहुत बड़ा अवरोध पैदा कर रही है !

अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये कि विश्व सत्ता के इन योजनाकारों ने यह महसूस किया कि इनका कार्य तभी सफल होगा जब पूरी दुनियां में व्यापक नरसंघार हो अर्थात अन्य धर्मों को मानने वालों की बहुत बड़े पैमाने पर हत्या हो ! इसलिये उन्होंने इस धरती की कुल जनसंख्या मात्र 50 करोड निधारित को जो आजकल 750 करोड़ से अधिक है !

इस व्यापक नरसंघार के लिये उन्होंने एक बहुत लंबी योजना बनानी शुरू की ! जिसमें वर्ष 2020 से 2030 के मध्य विश्व की आबादी को एक तिहाई से भी कम करना है ! इस कार्य के लिए उन्होंने विश्व के तीसरी दुनिया के देश के भावी राष्ट्र अध्यक्षों का चयन और निर्धारण किया फिर उन्हें आश्वस्त किया कि विश्व सत्ता के सहयोग से वह उन्हें अपने-अपने देशों के राष्ट्र प्रमुख के रूप में स्थापित कर देंगे किंतु इसकी शर्त यह होगी कि वह लोग विश्व सत्ता के आबादी नियंत्रण के उद्देश्य की पूर्ति करें !

यह कार्य तीन चरण में होगा !

पहला जैविक हमला करके बहुत से लोगों को मौत के घाट उतार दिया जायेगा और सत्ता अपने देश के लोगों को गुमराह करेगी !

दूसरा इस जैविक हमले के लिये जो धनराशि व्यय होगी ! वह उसी देश के मरते हुये नागरिकों से उनके चिकित्सा के नाम पर वसूली जायेगी ! जिसमें सत्ता कोई अवरोध नहीं करेगी !

इसके बाद भी मोटी रकम देकर अस्पतालों में चिकित्सा कराने के बाद भी जो व्यक्ति मर जायेंगे ! उन मरे हुए व्यक्तियों का कोई पोस्टमार्टम भी नहीं होगा और न ही उसका मृत शरीर उनके परिजनों को दिया जाएगा जो आज स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है !

यह जैविक हमला कई अलग-अलग क्रम में, कई वर्षों तक होंगे ! जिससे समाज की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो जायेगी ! व्यापार धंधे चौपट हो जाएंगे ! स्वरोजगार करने वाले दिवालिया हो जाएंगे और जिन्होंने पूर्व में कोई पूंजी संचित करके रखी थी ! वह समस्त पूंजी चिकित्सा के नाम पर अस्पताल और डॉक्टर आदि व्यक्तियों द्वारा हड़प ली जायेगी और इसमें सत्ता षडयंत्रकारियों का पूरा सहयोग करेगी ! यह योजना समाज के मध्यम वर्ग के लिये है ! जिसके पास थोड़ा बहुत मेहनत का पैसा है !

फिर इसके बाद शुरू होगा तीसरा चरण मे असली खेल ! जिसमें खाद्यान्नों का कृत्रिम अभाव पैदा किया जायेगा ! अनाज की कीमतें आसमान छूयेंगी ! जो व्यक्ति सरकार के मानक के अनुरूप प्रमाण पत्र लेकर अपना जीवन यापन नहीं कर रहा होगा ! उसे खाद्यान्न नहीं दिया जायेगा और इस तरह समाज का निम्न वर्ग भुखमरी फैला कर खत्म कर दिया जायेगा !

इस तरह विश्व की आबादी क्रमबद्ध तरीके से नियंत्रित की जाएगी और विश्व सत्ता आपके सत्ताधीशों के सहयोग से अपने 50 करोड़ की आबादी के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करेगी ! इस बीच आत्मरक्षा के लिये तरह-तरह की दवाइयां बाजार में आएंगी ! जिन दवाइयों के प्रभाव से व्यक्तियों में प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाएगी ! जिससे नयी पीढ़ी का निर्माण नहीं होगा और पुराने लोग चिकित्सा के नाम पर मार दिये जायेंगे ! जो बचेंगे वह भुखमरी से मर जाएंगे और भविष्य में प्रजनन क्षमता न होने के कारण नई संताने जन्म नहीं लेंगी ! इस तरह विश्व सत्ता के द्वारा विश्व की जनसंख्या नियंत्रित करने की एक विस्तृत योजना वर्तमान में चल रही है !

इस योजना की सफलता के बाद जो लोग बचेंगे ! वह मानसिक और नैतिक रूप से इतने कमजोर हो चुके होंगे कि उन्हें बौद्धिक गुलाम बनाकर विश्व सत्ता के नुमाइंदे पीढ़ी दर पीढ़ी अपना कार्य लेते रहेंगे ! यही उनका उद्देश्य है !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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