जिस तरह प्रत्येक मनुष्य के बुद्धि का अपना एक स्तर होता है ! ठीक उसी तरह समाज की सामूहिक बुद्धि का भी अपना एक स्तर होता है !
इन दोनों ही तरह के बुद्धियों को विकसित करने का एक क्रम है ! जिसकी अनिवार्य आवश्यकता समय है !
अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए कि कम समय में यदि व्यक्ति बुद्धि को अधिक विकसित करना चाहता है तो उसे अपने से विकसित व्यक्ति के बुद्धि का अनुकरण करना पड़ेगा !
यही हमारे यहां शिक्षा परंपरा का सार है !
इसीलिए शिष्य अपने से योग्य और विकसित गुरु के द्वारा दिए जाने वाले ज्ञान का अनुकरण करता है ! जिससे शिष्य का बौद्धिक स्तर समय के सामान्य प्रवाह से तेज विकसित हो सके !
किन्तु भारत का यह दुर्भाग्य है कि भारत में संविधान के लागू हो जाने के बाद लिखित तौर पर तो संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार व्यक्ति को दिया गया है ! लेकिन वास्तविक समाज में यदि कोई व्यक्ति अपना मत प्रचिलित मान्यताओं से अलग प्रकट करता है, तो उसके विचार को समाज के तथाकथित अनपढ़ जाहिल बुद्धिजीवी बिना सोचे समझे प्रतिबंधित लगाने की इच्छा व्यक्त करने लते हैं !
जिससे समाज का बौद्धिक विकास रुक जाता है !
इसलिए मेरा यह सुझाव है कि किसी भी क्षेत्र में चाहे वह राजनीति हो, अर्थशास्त्र हो, धर्मशास्त्र हो, समाजशास्त्र हो या कुछ भिन्न हो हर क्षेत्र में नव उदित विचारकों के चिंतन का स्वागत होना चाहिए !
भले ही वह विचार वर्तमान में अनुपयोगी लग रहा हों लेकिन भविष्य में वह आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शक हो सकते हैं ! यही हमारी परंपरा भी रही है ! इसीलिए हमारी ही परंपरा में जहां एक ओर वेदव्यास और शंकराचार्य जैसे चिंतक हुये हैं, वहीं दूसरी ओर बुद्ध, जैन, चार्वाक, ओशो जैसे भी चिंतक हुए हैं !
लेकिन इस परंपरा को अब हमारे समाज में तथाकथित अनपढ़, जाहिल, विचारहीन, कट्टर बुद्धिजीवियों द्वारा रोके जाने का प्रयास चल रहा है ! जो कि गलत है क्योंकि जिस समाज में चिंतन सीमित हो जाता है ! उस समाज का विकास क्रम रुक जाता है !
इसलिए हमें सभी तरह के विचार और चिंतन का स्वागत करना चाहिए और विवेक के अनुसार उच्च और अनुकूल विचार और चिंतन को स्वीकार करना चाहिए !!
The Sirt1 transgenic overexpression mice demonstrated enhanced pre meal activity after 5 days of dietary restriction that correlated with increased c Fos expression in several hypothalamic nuclei cialis online without ERО± and GAPDH internal control detection by Western blotting shows proteasome dependent degradation of ERО± upon E2 and SERDs stimulation
viagra cialis online Dairy Product Consumption and the Risk of Breast Cancer
viagra prednisolone mims classification At worst we get ourselves into a flustered mess of denials and self loathing rebuttals, only managing to shut down the whole ghastly business by shouting at the children or the dog in order to deflect attention real cialis no generic