तबलीग़ी जमात इस्लाम का हिस्सा नहीं है ! : Yogesh Mishra

विश्व की सतह पर सुन्नी इस्लामी धर्म प्रचार आंदोलन है ! जो मुसलमानों की मूल इस्लामी पद्दतियों का प्रचार प्रसार करता है ! खास तौर पर धार्मिक तरीके, वेशभूषा, खानपान, रीतिरिवाज, त्यौहार, शिक्षा तथा वैयक्तिक गति विधियां आदि का प्रचार करना है ! माना जाता है कि इस चिन्तन पर कार्य वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से अधिक है ! जिसमें 150 से अधिक देश शामिल हैं !

इस आंदोलन को 1927 में मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के बाद उसी के तर्ज पर दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मस्जिद से शुरू किया था ! इस का मूल उद्देश्य इस्लाम का सही ज्ञान को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना है ! इस जमाअत के मुख्य उद्देश्य छ: सिधान्त हैं ! (कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग) हैं ! यह विश्व के मुसलमानों को एक साथ जोड़े रखने हेतु एक प्रचार आंदोलन है न कि मूल इस्लाम का हिस्सा !

जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियां हिन्दू धर्म का हिस्सा नहीं है ! ठीक उसी तरह की तबलीग़ी जमात की गतिविधियां इस्लाम का हिस्सा नहीं है ! यह मात्र एक जन चेतना आन्दोलन है !

आपको यह भी बतला दूँ कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीग़ी जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने पर अपराधिक मामला दर्ज़ किया है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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