ग्रंथों में सत्य कहाँ है : Yogesh Mishra

सत्य और सिद्धांत सदैव सापेक्ष होते हैं ! इनका कोई निश्चित स्वरूप नहीं होता है ! एक काल में कहा गया वाक्य सत्य हो सकता है किंतु दूसरे काल में वही वाक्य असत्य हो जाता है ! इसी तरह कर्म…
सत्य और सिद्धांत सदैव सापेक्ष होते हैं ! इनका कोई निश्चित स्वरूप नहीं होता है ! एक काल में कहा गया वाक्य सत्य हो सकता है किंतु दूसरे काल में वही वाक्य असत्य हो जाता है ! इसी तरह कर्म…
गांधी की मानें तो युद्ध के दो कारण हैं ! हमारी नफरत और लालच बस ! यही हर युद्ध के मस्तिष्क का आधार है ! गांधी की बात इसलिये भी सही लगती है क्योंकि दुनिया में जो युद्ध हुये वह…
हर व्यक्ति अनादि काल से किसी न किसी योग्य गुरु का शिष्य बनना चाहता है ! पर अब तो उलटी गंगा बह रही है ! अब व्यक्ति शिष्य बनना चाहे या न चाहे गुरु ही यह दावा करते हैं कि…
जिसके अंदर कोई गहराई नहीं, उसे ही बाहर अपने विस्तार हेतु आडंबर की आवश्यकता है ! आडंबर भी विस्तार का ही एक रूप है ! दुनिया में सबसे कठिन का “यथास्थित” में स्थिर हो जाना है ! इसी को सहज…
आज पूरी दुनिया दो खेमे में बाँट गई है ! एक यह मानती है कि भगवान ही इस दुनिया को चला रहा है, यदि भगवान की कृपा प्राप्त न की जाये तो, इस दुनिया में जीना और सफल होना असंभव…
वैसे तो बहुत ही कम लोग जानते हैं कि धर्म और अध्यात्म दोनों अलग-अलग विषय है ! धर्म समाज को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए बनाये गये नियमों का समूह है और अध्यात्म विशुद्ध आत्म उत्थान का विषय है…
प्राय: कामसूत्र का नाम सुनते ही व्यक्ति घृणा और हीनता के भाव से भर जाता है, जबकि कि काम ही इस मैथुनिक सृष्टि का आधार है ! काम को विकृत, घृणा और हीनता के भाव से देखने की शुरुआत वैष्णव…
मानव ही नहीं समस्त जीव चेतना के तीन आयाम हैं ! एक आयाम गणित, विज्ञान और गद्य का है ! दूसरा आयाम प्रेम, काव्य, संगीत का है और तीसरा आयाम अनिर्वचनीय है ! न उसे गद्य में कहां जा सकता,…
प्रायः दिखाया जाता है कि भगवान राम, कृष्ण आदि जैसे महान योद्धा सामान्य तीर-कमान, चक्र, गदा, तलवार, आदि से बड़े-बड़े युद्ध किया करते थे ! जबकि दूसरी तरफ यह भी बतलाया जाता है कि जिन तीर कमानों से वह युद्ध…
ध्यान कोई जबरदस्ती लगाने की चीज बिल्कुल भी नही है ! आप जान बुझ कर जोर जबरदस्ती से ध्यान बिल्कुल भी नही लगा सकते हैं बल्कि व्यक्ति के एक विशेष मानसिक स्थिती में आने पर यह ध्यान तो एकाएक स्वत:…