नॉलेज का सामान्य अर्थ सूचना की जानकारी होना है और विजडम का तात्पर्य सूचना के संदर्भ में विवेक पूर्ण अनुभूति होना है ! नॉलेज सामान्य सूचना प्राप्ति और मस्तिष्क का विषय है ! जबकि विजडम आंख, नाक, कान, मस्तिष्क, के अतिरिक्त अनुभूति और विवेक पूर्ण चिंतन का भी विषय है …
Read More »स्वयं से संवाद की कला : Yogesh Mishra
स्वयं से संवाद सनातन जीवन शैली का मूल आधार है ! जो व्यक्ति स्वयं से संवाद करना नहीं जानता वह कभी भी न तो संसार में सफल हो सकता है और न ही मृत्यु के उपरांत मुक्ति को प्राप्त कर सकता है ! क्योंकि “स्व”यं 2 शब्दों से मिलकर बना …
Read More »स्त्रियाँ जल का प्रतीक क्यों हैं : Yogesh Mishra
भगवान शिव की बहन मां सरस्वती जो कि ब्रह्म संस्कृति की जननी और पालनकर्ता थी ! जिनके प्रतीक रूप में अफगानिस्तान में प्राचीन काल में सरस्वती नदी बहा करती थी अर्थात सरस्वती जल के समान निर्मल थी ! जो विद्या, बुद्धि, संगीत, कला, वाणी, मातृत्व, आध्यात्मिकता, विद्या, ज्ञान, ग्रंथ, मन्त्र, …
Read More »क्या फिलॉसफी और दर्शन अलग अलग हैं : Yogesh Mishra
क्या फिलोसोफी दर्शन का अनुवाद है ! ऐसा नहीं है, दोनों अलग अलग हैं ! दुनिया में कोई भी दो शब्द पूरी तरह से एक दूसरे के पर्यायवाची नहीं हो सकते हैं ! दर्शन शब्द भारतीय परंपरा ने गढ़ा है और दर्शन का जो मूल शब्द है वह “दृश्” धातु …
Read More »मात्र विद्या से विनय नहीं बल्कि अहंकार आता है : Yogesh Mishra
एक सूक्ति है “विद्या ददाति विनयम” अर्थात “विद्या से विनय की प्राप्ति होती है ! लेकिन यह सूक्ति गलत है ! विद्या से विनय की प्राप्ति नहीं होती है विद्या से अहंकार की प्राप्ति होती है ! जब व्यक्ति विद्या अर्थात सूचनाओं को संग्रहित कर लेता है, तो सदैव अपने …
Read More »समृद्ध जीवन कैसे जियें : Yogesh Mishra
जब हम अपने जीवन की छोटी छोटी खुशियों में बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं, तो प्रकृति अपने बड़े बड़े खजाने हमारे लिये स्वत: खोल देती है ! तब हमें जीवन में अपार धन, सम्पदा, यश आदि स्वत: प्राप्त होने लगते हैं ! जिसे तलाशने की हमें कोई अतिरिक्त …
Read More »ईश्वरीय कैसे हमारी रक्षा करता है : Yogesh Mishra
प्रायः लोग मुझसे यह प्रश्न करते हैं कि जब भारत कितना बड़ा आध्यात्मिक देश था, तो भारत अलग-अलग समय में विभिन्न विधर्मियों के अधीन गुलाम कैसे हो गया ! इस रहस्य को जानने के लिए यह परम आवश्यक है कि हम यह जाने के ईश्वरीय ऊर्जायें कैसे कार्य करती हैं …
Read More »जीवन क्या है ? : Yogesh Mishra
बड़े-बड़े मनीषी, चिंतक, विचारक, आध्यात्मिक गुरु और समाज के आम लोग जीवन भर यही चिंतन करते रहते हैं कि आखिर जीवन क्या है ? यह एक बहुत गहरा प्रश्न है और व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर इंद्रियों के माध्यम से खोजना चाहता है ! इसीलिए व्यक्तियों को पूरा जीवन जी …
Read More »मुक्ति और मोक्ष में अंतर : Yogesh Mishra
वैसे तो महाभारत के वन पर्व में लोमश ऋषि युधिष्ठिर को अष्टावक्र और राजा जनक के संवाद की कथा सुनाते हैं ! इसी संवाद को कालांतर में अष्टावक्र गीता के नाम से जाना गया ! जो अद्वैत वेदान्त अर्थात शैव उपासना पध्यति का ग्रन्थ है ! जनक का संबोधन यहाँ …
Read More »राजा जनक के तीन शाश्वत प्रश्न : Yogesh Mishra
राजा जनक ने ब्राह्मण पुत्र अष्टावक्र से आत्मकल्याण के लिये तीन मौलिक प्रश्न किये ! 1. ज्ञान कैसे प्राप्त होता है? 2. मुक्ति कैसे होगी? और 3. वैराग्य कैसे प्राप्त होगा? और यह तीनों प्रश्न ही समस्त अध्यात्म का सार है ! अर्थात कहने का तात्पर्य है कि आज चार …
Read More »