राम राज्य से भी बेहतर था भरत का शासन : Yogesh Mishra

सामान्यतया जब कभी क्षेष्ठ शासन व्यवस्था की बात चलती है तो कहा जाता है कि समाज को राम राज्य चाहिए क्योंकि भगवान श्री राम के शासन नीतियों को इतना आदर्श माना गया है कि आज तक उन नीतियों की असहजता…
सामान्यतया जब कभी क्षेष्ठ शासन व्यवस्था की बात चलती है तो कहा जाता है कि समाज को राम राज्य चाहिए क्योंकि भगवान श्री राम के शासन नीतियों को इतना आदर्श माना गया है कि आज तक उन नीतियों की असहजता…
यह कथा उस काल की है ! जब वैष्णव जीवन शैली के पोषक देवता पूरी दुनियां में वैष्णव धर्म की स्थापना करना चाहते थे और शैव जीवन शैली के पोषक दानव के अपने अस्तित्व रक्षा के लिये विश्व व्यापी स्तर…
इतिहासकारों के अनुसार उत्तर कौशल प्रदेश की प्राचीन राजधानी अवध को कालांतर में अयोध्या और बौद्धकाल में साकेत कहा जाने लगा ! अयोध्या मूल रूप से मंदिरों का शहर था ! हालांकि यहां आज भी हिन्दू, बौद्ध एवं जैन धर्म…
भगवान शिव ही शैव तंत्र विज्ञान के अविष्कारक हैं क्योंकि आज विश्व में जो मानव संस्कृति दिखाई दे रही है इसके निर्माता, संरक्षक व निर्देशक भगवान शिव ही हैं ! सतयुग में समस्त सृष्टि पर भगवान शिव का ही एकाधिकार…
कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धि के शोध को “होशियार एजेंट” का अध्ययन माना जाता रहा है ! होशियार एजेंट अर्थात कोई भी ऐसा सयंत्र है जो अपने आसपास के वातावरण को देखकर, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करता…
आजादी के पश्चात भारत ने 18 मई 1969 को 8 बजकर 5 मिनट सुबह भारतीय वैज्ञानिकों के सहयोग से राजस्थान के पोखरण नामक स्थान पर सौ मीटर से भी अधिक गहराई में पहला भूमिगत परमाणु-विस्फोट किया था ! इस भूमिगत…
भारत को वित्तीय आत्मनिर्भर बनाने का पहला सूत्र यह है कि भारत में शिक्षा के साथ-साथ कम से कम एक अनिवार्य व्यवहारिक कौशल ज्ञान जरूर होना चाहिए ! जिससे व्यक्ति अक्षर ज्ञान के साथ-साथ जीविकोपार्जन के लिए भी प्रशिक्षण प्राप्त…
रावण एक ऐसा ज्ञानी व्यक्तित्व था ! जिसने स्वयं साक्षात भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे शैव तंत्र विज्ञान की दीक्षा ली थी ! उसी दीक्षा के प्रभाव के कारण उसने अपनी नाभि में अमृत स्थापित कर लिया था और…
मैने अपने निजी संज्ञान में वर्ष 2011 जनवरी से फेसबुक प्रयोग कर रहा हूं ! उस समय भारत में गिने-चुने बुद्धजीवी लोग ही फेसबुक का प्रयोग किया करते थे और जो लोग प्रयोग किया करते थे ! वह सामान्यतया समाज…
इस समय सम्पूर्ण विश्व में करोना काल का द्वितीय वर्ष चल रहा है ! अभी आगामी 3 वर्ष तक करोनाकाल का प्रभाव पूरे विश्व में रहेगा ! यह हम भारतीयों के लिए एक सुनहरा अवसर है ! विश्व विजेता बनने…