आज दिनांक 5 अप्रैल 2020 है ! रात्रि में 9:00 बजे पूरा देश एक साथ दीप प्रज्वलन करेगा ! इस दौरान सभी लाइटें बंद कर दी जायेंगी ! ऐसी स्थिति को यदि ज्योतिषीय गणना के अनुसार देखा जाये तो उस समय तुला लग्न होगी ! सिंह राशि होगी और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण का समय होगा ! लग्न का राजा शुक्र तुला राशि का स्वामी, सूर्य राशि का स्वामी, शुक्र नक्षत्र का स्वामी और नक्षत्र के चरण का स्वामी चंद्रमा होगा !
उस समय चतुर्थ भाव में बैठे हुये भाव का स्वामी शनि की राशि में शनि स्वयं विद्वान होंगे ! साथ में नीच का बृहस्पति और उच्च का मंगल भी होगा ! जो शासन सत्ता के दशम भाव को पूर्ण दृष्टि से देख रहा होगा ! यह शुभ संकेत है !
ऐसी स्थिति में जनसामान्य का पूर्ण सहयोग शासन सत्ता के पदाधिकारियों को निश्चित रूप से मिलेगा ! शासन सत्ता अपने उद्देश्य की प्राप्त हेतु इस काल में जो भी निर्णय लेगी ! उसे आम जनमानस हर्ष के साथ स्वीकार करेगा ! दशम भाव का स्वामी चंद्रमा अपने से द्वितीय स्थान पर ग्यारहवें भाव में सूर्य की राशि में गोचर कर रहा होगा ! यह स्थिती अनुष्ठान के पूर्ण सफल होने का एक शुभ संकेत है !
किंतु लग्न के स्वामी शुक्र का उस समय गोचर में अपने से आठवें स्थान पर अपनी स्वराशि में बैठना कुछ संघर्ष के लक्षण दिखलाता है ! साथ ही नवम भाव में मिथुन राशि पर उच्च के राहु का गोचर करना निर्णयों में त्रुटि का सूचक है ! साथ ही पराक्रम भाव में उच्च के केतु का गोचर करना पराक्रम की पूर्ण सफलता को इंगित करता है !
प्रशासनिक ग्रह स्वामी सूर्य अपने से आठवें स्थान पर और प्रश्न कुंडली के छठे स्थान पर गुरु की मीन राशि में गोचर कर रहा है ! यह किसी वर्ग विशेष के द्वारा प्रशासनिक निर्णयों में अवरोध का सूचक है अर्थात समाज का एक वर्ग शासन प्रशासन के निर्णयों को हठधर्मिता के कारण नहीं मानेगा !
बुध ग्रह पंचम स्थान पर शनि की राशि कुंभ में गोचर कर रहा होगा ! यह बाल बुद्धि ग्रह मंद गति से अनिच्छा पूर्वक प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शासन के आदेश की आपूर्ति को इंगित कर रहा है !
जिस दिन अग्निहोत्र क्रिया करना हो ! उस दिन अग्नि निवास जरुर देखना चाहिये ! इसके लिये उस तिथि और वार की संख्या को जोड़कर 1 संख्या और जोड़ दें ! फिर कुल जोड़ को 4 द्वारा भाग दें ! यदि शेष शून्य हो या 3 बचें तो अग्निवास पृथ्वी पर होगा ! इस दिन होम करना कल्याणकारक होता है ! यदि शेष 2 बचे तो अग्निवास पाताल में होता है ! इस दिन होम करने से धन का नुक्सान होता है ! यदि 4 का भाग देने से 1 शेष बचे तो आकाश में अग्निवास होता है ! इसमें होम करने से आयु का क्षय होता है ! वार की गणना रविवार से तथा तिथि की गणना शुक्ल प्रतिपदा से करनी चाहिये ! तदुपरांत ग्रह के मुख आहुति चक्र का विचार करना चाहिये ! आज अग्निवास पाताल में है तथा मंगल उच्च का गोचर कर रहा है ! अत: राष्ट्र को ग्रीष्म काल में अनावश्यक अग्निकाण्ड से तथा अन्य छद्म आक्रमणों से बड़ी आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ेगा !
अतः कुल निष्कर्ष यह निकलता है कि महूर्त ठीक है ! अनुष्ठान सफल होगा ! जन सहयोग मिलेगा ! लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की शिथिलता के कारण तथा समाज के एक वर्ग विशेष के विरोध के कारण लक्ष्य प्राप्त करने में अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ेगा तथा आज अग्निवास पाताल में होने के कारण राष्ट्र को अनावश्यक बड़ी आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ेगा !