क्या विश्व सत्ता के दस सूत्रीय हमें नष्ट कर देंगे : Yogesh Mishra

अमेरिका के जार्जिया स्टेट में 1980 में अज्ञात लोगों द्वारा स्थापित जार्जिया मोनोमेंट जो आठ पत्थरों से बना हुआ एक 20 फिट ऊँचा मोनोमेंट है ! जिस पर विश्व की आठ भाषा में भावी भविष्य के विश्व सत्ता की 10 सूत्रीय योजनायें लिखी हुयी हैं ! जो वर्ष 2020 से 2050 के मध्य लागू होनी हैं ! जिसकी शुरुआत हो चुकी है ! जो निम्नलिखित हैं !

1. सम्पूर्ण विश्व में एक ही सरकार हो ! जो पूरे विश्व के लिये एक ही वैश्विक कानून बनाये ! अर्थात पूरे विश्व के सभी संविधान व कानून रद्द कर दिये जायें तथा दुनिया के सभी देशों के कानून से ऊपर एक वैश्विक कानून होना चाहिये ! जो दुनिया के सभी देशों को नियंत्रित कर सके और विवाद होने की स्थिती में अंतराष्ट्रीय न्यायालय स्थापित करे ! जहाँ विश्व के सभी विवाद निपटाये जा सकें ! इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने कार्य भी आरम्भ कर दिया है !

2. विश्व के सभी देशों के सभी प्रकार के सभी बैंकों को और उनकी मुद्राओं को खत्म कर दिया जायेगा और उसके स्थान पर एक ही मुद्रा होगी अर्थात एक ही कैश लैस डिजिटल करेंसी पूरी दुनियां में चलेगी जिसका भुगतान हांथ में लगे सुपर R.D.F.I.नैनो चिप से ही किया जा सकेगा !

3. एक ही भाषा हो अर्थात पूरी दुनिया की सारी भाषाओं के साथ एक वैश्विक भाषा का निर्माण किया जायेगा ! जिस भाषा को विश्व के हर नागरिक को जानना परम आवश्यक होगा ! जिससे विश्व का हर नागरिक बिना किसी ट्रांसलेटर के दुनिया के किसी भी नागरिक से संवाद कर सके और इन नागरिकों के मध्य क्या संवाद हो रहा है ! इसको विश्व सत्ता कि नियंत्रक आधुनिक तकनीक द्वारा सुनकर समझ सकें ! क्योंकि अभी तक विश्व के अनेक नागरिकों द्वारा अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में जो बात की जाती है ! उसे विश्व सत्ता के नियंत्रक नहीं समझ पाते हैं ! जिससे सदैव विश्व सत्ता के विरुद्ध षडयंत्र की संभावना बनी रहती है ! और विश्व सत्ता के लोग सशंकित रहते हैं कि लोग आपस में क्या बात कर रहे हैं !

4. एक ही धर्म हो ! विश्व सत्ता के नियंताओं का यह मानना है कि विश्व में अनेक धर्म होने के कारण अनेक तरह के भावनात्मक विवाद पैदा होते हैं ! अतः विश्व में मात्र एक धर्म होना चाहिये और उसी मान्यता के अनुसार विश्व का प्रत्येक नागरिक ईश्वर में अपनी आस्था रखे और विश्व में विकसित पूर्व के सभी धर्मों को धीरे-धीरे करके नष्ट कर देना चाहिये ! जिससे धर्म की वजह से मनुष्य और मनुष्य के बीच वैचारिक मतभेद न हो !

जिस दिशा में विश्व सत्ता वैश्विक शिक्षा व्यवस्था के माध्यम से बहुत तेजी से कार्य आरंभ करने जा रही है ! जिसमें एक ही केंद्र से सम्पूर्ण विश्व में एक जैसी ही शिक्षा दी जायेगी और इस शिक्षा के साथ-साथ विश्व सत्ता द्वारा निर्धारित नवीनतम धर्म सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया जायेगा ! जिससे कि अन्य धर्म को मानने वाले धीरे-धीरे विलुप्त किये जा सकें !

5. लोगों की चाहत, इमान और परम्परा पर विश्व सत्ता का नियंत्रण होना चाहिये ! अर्थात दुनिया में अभी तक यह मान्यता रही है कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव और रूचि अलग अलग होती है और हर व्यक्ति अपने स्वभाव और रूचि के अनुसार जीवन यापन करने के लिये स्वतंत्र है !

किंतु अब विश्व सत्ता के नये निर्देशों के अनुसार व्यक्ति के स्वभाव और रुचि पर विश्व सत्ता का नियंत्रण होगा ! किसको क्या खाना है ! कहां जाना है ! किस तरह के कपड़े पहनने हैं ! किस समय सोना है ! किस समय जागना है ! किस से संबंध रखना है ! किससे नहीं रखना है ! कौन सी दवा लेनी है ! कौन सी नहीं लेनी है ! आदि आदि मनुष्य के स्वभाव और रूचि पर आधारित सभी विषयों पर अब विश्व सत्ता का नियंत्रण होगा ! जो उनके निर्देशों का पालन नहीं करेगा उसे दण्डित किया जायेगा !

6. पूरे विश्व की सभी समस्या युद्ध से नहीं बल्कि न्यायालय से हल करो क्योंकि उस न्यायालय के अंदर बैठा हुआ न्यायाधीश विश्व सत्ता का ही व्यक्ति होगा और वह विश्व सत्ता के ही द्वारा बनाये गये कानून के तहत विश्व सत्ता की इच्छा और मंशा के अनुरूप निर्णय देगा ! जिसकी आप अवहेलना भी नहीं कर सकेंगे क्योंकि वह न्यायालय का आदेश होगा !

ऐसी स्थिति में यदि आपका कोई भावनात्मक या परंपरागत किसी भी क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई भी निर्णय लेते हैं तो वह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की निगाह में अंतर्राष्ट्रीय विधि के सामने कोई महत्व नहीं रखेगा और आपको वही आदेश दिया जायेगा ! जो विश्व सत्ता के संचालक चाहते हैं !

7. बेकार कानून और अयोग्य अधिकारीयों को समाप्त करो ! यहां पर बेकार कानून से तात्पर्य उस कानून से है जो किसी भी देश ने अपनी सुरक्षा के लिये बना रखे हैं या अयोग्य अधिकारी का तात्पर्य किसी भी देश के उन अधिकारियों से हैं जो विश्व सत्ता के स्थान पर अपने देश को अधिक प्राथमिकता देते हैं !

ऐसी स्थिति में कोई भी ऐसा कानून जो विश्व सत्ता के मार्ग में अवरोधक हो, वह बेकार का कानून है और कोई भी ऐसा व्यक्ति जो विश्व सत्ता के उद्देश्यों की पूर्ति में बाधक हो, वह आयोग्य के अधिकारी घोषित कर दिया जायेगा !

इसके बाद विश्व सत्ता के लोग किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधनों का कानून बनाकर दोहन कर सकेंगे और उस दोहन में अवरोध करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को या तो कारावास में डाल दिया जायेगा और या फिर उसकी विधि के द्वारा हत्या करवा दी जायेगी ! जिसकी सुनवाई भी कहीं नहीं होगी ! यही विश्व सत्ता चलाने वालों की इच्छा है !

8. लोगों के अधिकार को कर्तव्यों के साथ नियंत्रित करो अर्थात व्यक्ति के कर्तव्य का आकार इतना बड़ा कर दो कि कोई व्यक्ति या राष्ट्र अपने अधिकारों के लिये विश्व सत्ता पर दबाव न डाल सके ! दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि विश्व सत्ता यदि किसी देश या व्यक्ति का शोषण करती है तो कानून बनाकर किसी भी देश या व्यक्ति के कर्तव्यों का इतना विस्तार कर दो कि वह व्यक्ति या देश अपने कर्तव्य निर्वहन में ही इतना उलझ जाये कि वह अपने अधिकारों की चर्चा ही करना बंद कर दे ! यह भी विश्व सत्ता की एक सोची समझी हुई रणनीति है ! जिसके तहत वह व्यक्ति ही नहीं राष्ट्र प्रमुखों के मुख पर भी ताला लगा देना चाहते हैं !

9. खूबसूरती, प्यार को इनाम दो ! पर योग्य बच्चे सोच समझ कर ही पैदा करो ! अर्थात आप अपने कामवासना के लिये किसी भी प्रकार के संसाधन का प्रयोग करें ! इससे विश्व सत्ता को कोई आपत्ति नहीं है किंतु संतान प्राप्त न करें क्योंकि विश्व सत्ता का उद्देश्य है कि विश्व की आबादी किसी भी स्थिति में 50 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिये !

इसीलिये समलैंगिकता और पर दंपत्ति गमन को विश्व सत्ता पूरे विश्व में लागू करना चाहती है ! जिससे व्यक्ति अपने कामवासना की पूर्ति तो कर ले पर परिवार और सन्तति का निर्माण न हो ! जिससे विश्व की आबादी भी नियंत्रित बनी रहे और विद्रोह भी न हो ! इसीलिये इस सिद्धांत को विश्व सत्ता ने विशेष महत्व दिया है !

विश्व सत्ता का तर्क है कि आबादी को प्रकृति के संसाधनों के अनुरूप रखों जिससे पूरे विश्व में इंसानों की आबादी 50 करोड़ के अन्दर ही रहे क्योंकि विश्व में 95% लोग अनुपयोगी उपभोगता हैं जो प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं !

10. विकास को महत्व दो और विस्थापित सिद्धान्त का उपयोग करो ! यह विशुद्ध रूप से विश्व के किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधनों को हड़पने की योजना है अर्थात अब विश्व सत्ता के लोग विकास का बहाना करके किसी भी समाज या व्यक्ति को उसके अनुवांशिक परंपरागत निवास स्थान से बेदखल कर सकते हैं !

और विस्थापित सिद्धांत के द्वारा किसी भी अन्य अनुपयोगी स्थान पर उन्हें पुनर्वास हेतु विस्थापित कर सकते हैं ! इसके लिये विधिवत एक कानून बना दिया जायेगा ! जिसमें विस्थापन हेतु एक निश्चित मूल्य या क्षतिपूर्ति का निर्धारण होगा तथा उस व्यक्ति या समाज के विस्थापन के उपरांत उस क्षेत्र के समस्त बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों पर विश्व सत्ता का नियंत्रण होगा ! जिससे विश्व सत्ता उस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर सकें !

यह विश्व सत्ता के 10 सूत्र अंग्रेजी, अरबी, संस्कृत, हिब्रू, स्पेन, रुसी, चीनी और स्वाहिली भाषा में सन्देश के रूप में प्रकाशित किया गया है !

इस मोनोमेंट के मध्य बने छेद से “ध्रुव तारा” जो चिर स्थिरता का प्रतिक है ! उसको देखा जा सकता है तथा सूर्य के केन्द्रस्त दिन जो “विश्व विजय” का प्रतीक है ! उस दिन के सूर्य उदय ओर सूर्य अस्त देखा जा सकता है !

इसी तरह छत पर बने छेद से विशेष ग्रहण काल में “कबाला तंत्र” की क्रिया के समय ग्रहण को देखा जा सकता है ! आज भी यहाँ पर ग्रहण काल में सफलता के लिये तांत्रिक अनुष्ठान होते हैं ! जिन्हें नर बलि देकर सफल बनाया जाता है !

अर्थात आज भी विशेष ग्रहण काल में यहाँ मानव बलि दी जाती है ! जिसके खून के निशान प्रवीन मोहन नामक व्यक्ति ने अपने ड्रोन कैमरे से लिये थे !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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