विश्व सत्ता के निशाने पर भारत की अगली पीढ़ी : Yogesh Mishra

मेरे पूर्व के कई लेखों को पढ़कर आप लोग यह तो समझ ही चुके होंगे कि भारत इस समय “विश्व सत्ता” के उद्देश्य की पूर्ति के लिये एक भयंकर “जैविक युद्ध” की चपेट में है ! जिस युद्ध को जानबूझकर लंबे समय तक चलाने का प्रयास किया जा रहा है !

इस युद्ध का एक मात्र उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण है ! जिसके लिये तीन महत्वपूर्ण तरीके अपनाये गये हैं !
पहला व्यक्ति को गुमराह करके अस्पताल तक पहुंचा देना !
दूसरा अस्पताल में गलत चिकित्सा करके व्यक्ति की हत्या कर देना और
तीसरा आने वाली पीढ़ी की प्रजनन क्षमता खत्म कर देना !
जिससे भारत के आने वाले पीढ़ियों को संतान ही न हो और भविष्य में भारत एक असहाय राष्ट्र बन कर रह जाये ! जिससे भारत के संसाधनों पर विश्व सत्ता का कब्जा आसानी से हो सके ! इसी क्रम में अब भारत के नौनिहालों के विरुद्ध करोना के नाम पर विश्व सत्ता द्वारा एक भारी षडयंत्र शुरू होने जा रहा है !

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट और संक्रामक रोगों के एक्सर्ट्स का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू कर देना चाहिये ! अगर सरकार ने इस संबंध में जल्दी कोई कदम नहीं उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिये घातक साबित हो सकती है ! कोरोना वैक्सीन को ही इस समय कोरोना से बचने का सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है लेकिन भविष्य में उसके क्या परिणाम होंगे कोई नहीं जानता है !
एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि कोरोना का नया संक्रमण भले ही बच्चों में किसी भी तरह की गंभीर समस्या पैदा नहीं कर रहा हो, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे बीमार जरूर हो रहे हैं ! पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में मुंबई, पुणे समेत कई शहरों में बच्चे ज्यादा संक्रमित हुए हैं ! ऐसे में अगर तीसरी लहर आई तो फिर बच्चों के लिये खतरा होगा ! ऐसे में बच्चों के लिये भी अब वैक्सीनेशन की जरूरत आ गई है !

फाइजर कंपनी का दावा है कि 12-15 साल के 2260 बच्चों पर ट्रायल किए गए ! 31 मार्च 2021 को कंपनी ने बताया कि वैक्सीन बच्चों पर 100 फीसदी इफेक्टिव है ! मार्च महीने में 6 महीने से 11 साल के बच्चों पर भी क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ ! ट्रायल के पहले फेज में कंपनी ने बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा है ! 6 महीने से 2 साल, 2-5 साल और 5-11 साल के बच्चों का ट्रायल ! सबसे पहले 5-11 साल के बच्चों के लिये डोज तय किया जाएगा ! फाइजर का दावा है कि सितंबर तक ट्रायल्स के नतीजे मिल जाएंगे ! अमेरिका में मॉडर्ना कंपनी ने भी ट्रायल्स शुरू किए, संभव है कि नतीजे जुलाई तक आ जाएंगे !

अब प्रश्न यह है कि जिस वैक्सीन का फाइनल ट्रायल ही नहीं हुआ ! उसको लगाने के लिये इतना दबाव हर तरफ से क्यों बनाया जा रहा है ! दूसरी बात जिन लोगों ने पूर्व में वैक्सीन ली थी ! उनमें से कितने लोग करोना से बचे और कितने मर गये ! इसका डेटा संग्रह कर जनता के समक्ष आज तक क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया ! तीसरी बात वैक्सीन लगाने के बाद भी जो लोग मर गये ! उनको आज तक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों या शासन सत्ता द्वारा किसी भी प्रकार की क्षति पूर्ति क्यों नहीं दी गई ! इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट भी क्यों मौन है !

क्या संसद के अंदर बैठे हुये लोग मूर्ख, लापरवाह या राष्ट्रद्रोह हैं ! जो हर विषय पर सुप्रीम कोर्ट बिना तथ्यों को समझे हुये अनावश्यक रूप से दिशा निर्देश जारी करता रहता है ! यह एक विश्वव्यापी षड्यंत्र है ! जो विश्व सत्ता के इशारे पर चलाया जा रहा है ! इस षड्यंत्र को समझ कर ही अपनी और अपने राष्ट्र की रक्षा है की जा सकती है ! जिसके लिये न तो वकीलों के पास वैज्ञानिक समझ है और न ही जजों के पास !

यह कार्य मात्र राष्ट्रभक्त डॉक्टर और वैज्ञानिक ही कर सकते हैं ! इसलिए उन्हें समस्त सुविधाएं दी जानी चाहिये ! जिससे वह किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें ! जिस दिशा में अभी तक कोई कार्य नहीं हो रहा है ! उसी का परिणाम है कि पूरा का पूरा समाज अव्यस्थित और दिशाहीन हो गया है ! जोकि हमारे ही नहीं राष्ट्र के भविष्य के लिये भी घातक है !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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