Tag Archives: yogesh mishra

‘जाग्रत सरस्वती यंत्र’ से पाइये जीवन में सफलता | Yogesh Mishra

आज प्रतियोगिता का दौर है ! समाज के मध्यम परिवार का व्यक्ति अपने जीविकोपार्जन के लिए तरह-तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं का सामना करता है ! प्राय: देखा जाता है कि व्यक्ति में योग्यता, क्षमता, प्रतिभा होते हुए भी वह प्रतियोगी परीक्षा में 1 या 2 नंबरों से रुक जाता है …

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“शिव लिंग” खड़ा और “वैष्णव लिंग” पड़ा क्यों होता है !!

क्या आपने कभी विचार किया कि मंदिरों में स्थापित शिव लिंग की बिटिया “ऊर्ध्व दिशा” के रूप में सीधी आकाश की ओर खड़ी क्यों होती है और वैष्णव लिंग अर्थात सामान्य बोलचाल की भाषा में “शालिग्राम” की बिटिया लेटी हुई अवस्था में क्यों होती है ? “लिंग” का तात्पर्य शास्त्रों …

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जानिये संस्कृत भाषा का अनकहा सत्य | Yogesh Mishra

देव भाषा “संस्कृत” विदेशी भाषा है ! ज्ञान की अनादि देवी कही जाने वाली “माँ सरस्वती” ही एक मात्र ऐसी देवी हैं जिन्होंने ने कोई भी अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं किये हैं और न ही कभी कोई युद्ध किया है ! वरना तो सभी देवी-देवताओं ने कोई न कोई अस्त्र-शस्त्र अवश्य …

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हनुमान जी बंदर नहीं थे | पढ़े पूरा सत्य | Yogesh Mishra

महर्षि गौतम की पत्नी अहल्या के साथ जब इंद्र ने छल किया, तब तक अहल्या को दो संताने प्राप्त हो चुकी थी ! उनमें से एक तो “शतानन्द” माता सीता के पिता राजा जनक के यहां राजपुरोहित घोषित हुये और दूसरी कन्या हनुमान की माता “अंजनी” जिनका विवाह सुमेरु पर …

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“हिन्दुओं” से “हिन्दुत्व” का अपरहण | Yogesh Mishra

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सी0आई0ए0 द्वारा जारी “वर्ल्ड फैक्ट बुक” की रिपोर्ट के अनुसार “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिये प्रयास रह एक “हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन” है ! जिसे आरo एसo एसo भी कहते हैं ! विश्व हिंदू परिषद इसी आरo एसo एसo की एक अनुषांगिक …

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कैसे मस्ती और अय्याशी के अड्डे बने “धार्मिक अखाड़े” !! Yogesh Mishra

आदि गुरू शंकराचार्य का जन्म आठवीं शताब्दी के मध्य में हुआ था ! तब भारतीय जनमानस की धार्मिक दशा और दिशा अच्छी नहीं थी ! भारत की धन संपदा से खिंचे आक्रमणकारी यहाँ से खजाना लूट लूट कर ले जा रहे थे ! कुछ भारत की दिव्य आभा से मोहित …

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”गोडसे” जैसों को आखिर क्यों हथियार उठाना पड़ता है | Yogesh Mishra

विश्व में जिस तरह “एडोल्फ हिटलर” को आज एक विलेन के रुप में देखा जाता है, उसी तरह भारत की राजनीतिक में राष्ट्रभक्त “नाथूराम गोडसे” को भी एक विलयन के रुप में देखा जाता है | प्रश्न यह है कि गोडसे जैसे लोग पैदा ही क्यों होते हैं ? स्पष्ट …

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गाँधीवध पर कांग्रेसियों द्वार ब्राह्मणों का सबसे बड़ा कत्लेआम ! Yogesh Mishra

मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठ पर पहुँचे गाँधी का 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे चित्तपावन ब्राह्मण ने राष्ट्र हित में नई दिल्ली के बिरला भवन में गोली मारकर वध कर दिया ! फिर क्या था गाँधी के अहिंसक गांधीवादी अनुयाईयों ने 31 जनवरी को दिन भर दंगे की योजना बनायी …

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रावण में स्वयं अपनी हत्या करवाने के लिए करवाई थी रामेश्वरम की स्थापना | Yogesh Mishra

रावण जैसा श्रेष्ठ ब्राहमण ही अपनी मृत्यु का संकल्प अनुष्ठान अपने शत्रु श्री राम को पूर्ण करवा सकता है ! बाल्मीकि रामायण और तुलसीकतृ रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की ‘इरामावतारम्’ मे यह कथा है। श्री रावण केवल शिव भक्त, …

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26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस | Yogesh Mishra

भारत में 26 जनवरी खास महत्व रखता है। इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था यानि देश में कानून के राज की शुरुआत हुई। 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है। हर साल इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत अपने गणतंत्र दिवस के …

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