जानिए कैसे बिकता है प्रतिबंधित कीटनाशक : Yogesh Mishra

आपसे बेहतर इस तथ्य को कौन समझ सकता है कि खेती के मामले में जहर पर हमारी निर्भरता कितनी बढ़ चुकि है ! फसल उगाने से पहले खेत में जहर डालना शुरू करते हैं तो भण्डारण तक डालते रहते हैं…

आपसे बेहतर इस तथ्य को कौन समझ सकता है कि खेती के मामले में जहर पर हमारी निर्भरता कितनी बढ़ चुकि है ! फसल उगाने से पहले खेत में जहर डालना शुरू करते हैं तो भण्डारण तक डालते रहते हैं…

लौकी, खीरा, कद्दू, तरबूज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है यदि कडवी हो तो इसका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है वनस्पति शास्त्र में यह कुकुरबिटेसी खानदान में आती है कुकुरबिटेसी खानदान के फल काम्प्लेक्स यौगिक बनाते है इस घटना से…

दुनिया के अन्य महाद्वीपों के लोग जब वर्षा, बादलों की गड़गड़ाहट के होने पर भयभीत होकर गुफाओं में छुप जाते थे ! जब उन्हें एग्रीकल्चर का ककहरा भी मालूम नहीं था ! उससे भी हजारों वर्ष पूर्व महर्षि पाराशर मौसम…

हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह समस्त ब्रह्मांड को प्रभावित करते हैं ! प्रत्येक ग्रह की अपनी विशेषताएं हैं ! शनि को दुख और अभाव का कारक ग्रह माना जाता है ! किंतु जन्म के समय यदि वह बलवान हो…

आजकल प्रमुख असाध्य और जानलेवा रोगों में जिनका नाम आता है वे हैं हृदय रोग, स्ट्रोक, केटारेक्ट, पार्किंसन्स रोग और कैंसर इत्यादि ! इन रोगों का सबसे प्रमुख कारण है शरीर में ज्यादा मात्र में फ्री रेडिकल्स का बनना !…

आयुर्वेद, अवसाद, चिंता और ओसीडी जैसे विकारों में उपचार के रूप में काफी महत्त्वपूर्ण नतीजे देता है ! इस तरह के अध्ययन हुए हैं जिनमें पता चला है कि आयुर्वेद की दवा की खुराक को बढ़ाने के साथ मरीज में…

जीव का परम उद्देश्य है जीवत्व से मुक्त होकर शिवत्व में प्रवेश करना ! यह तभी संभव है जब जीव वस्तु स्थिति का ज्ञान का लेता है, वह अपनी आत्म स्थिति का अनुसंधान करते हुए उसमें अवस्थित हो जाता है…

तंत्रशास्त्र के सिद्धांतानुसार कलियुग में वैदिक मंत्रों, जपों और यज्ञों आदि का फल नहीं होता इस युग में सब प्रकार के कार्यों की सिद्धि के लिए तंत्रशास्त्र में वर्णिक मंत्रों और उपायों आदि से ही सफलता मिलती है ! तंत्र…

तन्त्र साहित्य अत्यन्त विशाल है ! प्राचीन समय के दुर्वासा, अगस्त्य, विश्वामित्र, परशुराम, बृहस्पति, वशिष्ठ, नंदिकेश्वर, दत्तात्रेय आदि ऋषियों ने तन्त्र के अनेकों ग्रन्थों का प्रणयन किया, उनका विवरण देना यहाँ अनावश्यक है ! ऐतिहासिक युग में शंकराचार्य के परम…

तंत्र भारतीय उपमहाद्वीप की एक वैविधतापूर्ण एवं सम्पन्न आध्यात्मिक परिपाटी तक ही सीमित नहीं है ! तंत्र के अन्तर्गत सम्पूर्ण विश्व के विविध प्रकार के विचार एवं क्रियाकलाप आ जाते हैं ! “तन्यते विस्तारयते ज्ञानं अनेन् इति तन्त्रम्” अर्थात ईश्वरीय…