Category Dharmik Mahtav

मंदिरों के विशेष वास्तु और स्वरूप | बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख | Yogesh Mishra

मंदिरों के विशेष वास्तु और स्वरूप मंदिरों को उनकी विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर पांच आदेशों में वर्गीकृत करते हैं: नागारा, द्रविड़, वेसर, अंडाकार और आयताकार ! प्रत्येक के लिए वर्णित योजना वर्ग, अष्टकोणीय और apsidal शामिल हैं ! उनकी…

जानिये उपनिषद क्या हैं ! ये वेदों की कुंजी कैसे हैं | Yogesh Mishra

वेद का वह भाग जिसमें विशुद्ध रीति से आध्यात्मिक चिन्तन को ही प्रधानता दी गयी है और फल सम्बन्धी कर्मों के दृढ़ानुराग को शिथिल करना सुझाया गया है, वह ‘उपनिषद’ कहलाता है ! वेद का यह भाग उसकी सभी शाखाओं…

श्रीभागवतानंद ने रचा था “श्रीराम तांडव स्तोत्रम्” : Yogesh Mishra

श्रीराम तांडव स्तोत्रम् कहने को तो “तांडव” शब्द शैव उपासकों का शब्द है ! पर इसे वैष्णव श्री भगवान श्री राम के लिये भी एक भक्त ने प्रयोग किया है ! “राम तांडव स्तोत्र” संस्कृत के राम कथानक पर आधारित…

सबके ईश्वर सबकी मदद एक जैसी ही करते हैं ! Yogesh Mishra

ईश्वर क्योंकि मानवीय समझ का विषय है, इसलिए जिस व्यक्ति की समझ जिस तरह से, इतनी विकसित होती है उसका ईश्वर उस तरह का होता है ! मतलब मेरे कहने का तात्पर्य है कि यदि कोई ईसाई व्यक्ति ईश्वर के…

हम नकली “गीता” तो नहीं पढ़ रहे हैं ! 700 नहीं 745 शलोक है असली गीता में | Yogesh Mishra

यदि महाभारत का युद्ध धर्म युद्ध था तो युद्ध समाप्त होने के बाद सतयुग अर्थात सत्य का युग आना चाहिये कलयुग अर्थात कलुषित युग क्यों आ गया ! इससे सिद्ध होता है कि महाभारत युद्ध धर्म की स्थापना के लिये…

भगवान श्री कृष्ण के तेजस्वी व्यक्तित्व को नष्ट करने के लिये अकबर ने शुरू करवाई थी “रासलीला” !

भगवान श्री कृष्ण के जीवन परिचय के संदर्भ में दो ही प्रमाणिक ग्रंथ माने जाते हैं, जो कि उनके समकालीन श्री वेदव्यास द्वारा रचित हैं ! पहला प्रमाणिक ग्रंथ श्रीमद्भागवत पुराण है और दूसरा प्रमाणिक ग्रंथ महाभारत है ! इसमें…

400 वर्ष पूर्व गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दुओं को जोड़ने के लिये शुरू की थी राम लीला ! Yogesh Mishra

रामलीला की अभिनय परंपरा के प्रतिष्ठापक गोस्वामी तुलसीदास हैं, इन्होंने हिन्दुओं को जोड़ने के लिये हिंदी में जन मनोरंजनकारी नाटकों का अभाव पाकर राम लीला का श्रीगणेश किया था । इन्हीं की प्रेरणा से पहले काशी फिर अयोध्या के तुलसी…

इत्र कैसे काम करता है ? कैसे ईश्वर के निकट ले जाता है ? | योगेश मिश्र

हम सभी जानते हैं कि कृतिम परफ्यूम और इत्र में मूल रूप से बहुत अंतर है | कृतिम परफ्यूम केमिकल से बनाया जाता है और इसमें सुगंध के लिए अनेक तरह के केमिकल या मूल इत्र के कुछ अंश का…

जानिये : भविष्य में कहाँ होंगे ‘बद्रीनाथ भगवान’ के दर्शन ! Yogesh Mishra

भगवान बद्रीनाथ के बारे में तो आप जानते ही होंगे। नर और नारायण पर्वत के बीच बसा हुआ ये मंदिर हिंदू आस्था का प्रतीक है। एक मान्यता है कि कलियुग के आखिर में नर-नारायण पर्वत एक दूसरे से मिल जाएंगे।…

दान भी सोच समझकर दें ,नहीं तो हो सकता है सर्वनाश …Yogesh Mishra

संसार में जो भी वस्तुयें हमें दिखलाई दे रही हैं | वह सभी किसी न किसी ग्रह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं | होता यह है कि ईश्वर की व्यवस्था के तहत प्रकृति द्वारा जब किसी भी वस्तु का…