स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान है, वट सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है। भारतीय संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक बन …
Read More »जानिए । हनुमान जी को लाल सिंदूर ही क्यों लगता है । Yogesh Mishra
देवताओं के सेनापति मंगल हैं । स्वभाव से ये उग्र हैं। प्राचिन धर्म ग्रथों में लाल रंग को रजोगुण का प्रतीक स्वीकार किया गया है। रजोगुण शक्ति का केंद्र है। रजोगुण का ही परिणाम है गति। यही कारण है कि शक्ति उपासक विभिन्न अनुष्ठानों में लाल रंग के वस्त्रों को …
Read More »जानिए : हिन्दू परम्परा में तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व । Yogesh Mishra
हमारे शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो अपार शक्ति के भंडार हैं। इन्हें चक्र कहा जाता है। माथे के बीच में जहां तिलक लगाते हैं, वहां आज्ञाचक्र होता है। यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व …
Read More »जानिए क्यों ? भगवान श्रीकृष्ण ही कलयुग में कामधेनु हैं । और उनके मंत्रो की उपयोगिता !
भगवान श्रीकृष्ण ही कलयुग में कामधेनु हैं ! मित्रो आज कल युग का प्रभाव इतना हो चुका है की अब न व्यक्ति में माँ गायत्री की शुद्ध साधना करने का समर्थ बचा है और न ही भगवान शिव की अटूट (सैंकड़ों वर्ष )तपस्या करने का पुरुषार्थ ऐसी स्थिती में भगवान …
Read More »जानिए ।एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित क्यों कहा गया है । Yogesh Mishra
एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित क्यों कहा गया है चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए इसलिए चावल और जौ को जीव माना जाता है। जिस दिन महर्षि मेधा का अंश पृथ्वी में समाया, उस दिन एकादशी तिथि थी। इसलिए एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित …
Read More »जानिए मकर सक्रान्ति का वैज्ञानिक महत्व ,क्योंकि स्नान नहीं विज्ञान है मकर सक्रान्ति। Yogesh Mishra
मकर सक्रान्ति का पर्व आया और चला गया। नदी में एक डुबकी लगाई; खिचड़ी खाई और आगे बढ़ गये। क्या हमारे त्यौहारों का इतना ही मायने है अथवा इनका भी कोई विज्ञान है? मकर सक्रान्ति सूर्य पर्व है या नदी पर्व? हर सूर्य पर्व में नदी स्नान की बाध्यता है …
Read More »जानिए ! शिव आराधना कब और कैसे करें । क्या है इसका महत्व Yogesh Mishra
शिव आराधना कब और कैसे करें राहु सता रहा हो, मारकेश चल रहा हो, मृत्यु तुल्य कष्ट हो,विवाह न हो रहा हो, विवाह हो गया और विवाह में परेशानियां हो, मन अशान्त हो, मानसिक परेशानी हो, आर्थिक दिक्कत हो, समाज में सम्मान न मिल रहा हो तो शिव पूजा के …
Read More »जानिए ! स्वास्तिक को शुभ का प्रतीक क्यों माना जाता है क्या है स्वस्तिक का अर्थ ?। Yogesh Mishra
स्वास्तिक शुभ का प्रतीक स्वास्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभकार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्व अंकित करके उसका पूजन किया जाताहै। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। ’सु’ का अर्थ अच्छा, ’अस’ का अर्थ ’सत्ता’ या ’अस्तित्व’ …
Read More »जानिए ! सनातन जीवन पद्धति में भिक्षा का महत्व साधना। Yogesh Mishra
सनातन जीवन पद्धति में भिक्षा का महत्व भिक्षा सनातन शिक्षा पद्धति का आवश्यक अंग था क्योंकि भिक्षाटन से समाज का वास्तविक ज्ञान होता है, दुर्गुण दूर होकर अहंकार पूरी तरह नष्ट हो जाता है, मन शांति होता है और भविष्य का अज्ञात भय समाप्त हो जाता है, इससे जिज्ञासु को …
Read More »मूर्तिपूजा कितनी सही कितनी गलत ? जानिए ! मूर्तिपूजा का इतिहास। Yogesh Mishra
मूर्तिपूजा का इतिहास मूर्तिपूजकों तथा मूर्तिभंजकों के संघर्षों से इतिहास भरा पड़ा है। प्रारंभ में मूर्तिपूजकों के धर्म ही थे। मूर्तिपूजकों के धर्म के अंतर्गत ही मूर्तिभंजकों की एक धारा भी प्राचीनकाल से चली आ रही थी। मूर्तियां तीन तरह के लोगों ने बनाईं- एक वे जो वास्तु और खगोल …
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