देवताओं के सेनापति मंगल हैं । स्वभाव से ये उग्र हैं। प्राचिन धर्म ग्रथों में लाल रंग को रजोगुण का प्रतीक स्वीकार किया गया है। रजोगुण शक्ति का केंद्र है। रजोगुण का ही परिणाम है गति।
यही कारण है कि शक्ति उपासक विभिन्न अनुष्ठानों में लाल रंग के वस्त्रों को धारण करते हैं। सिंदूर का निर्माण सीसे से होता है,जो शक्ति का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
हनुमान जी शारीरिक,मानसिक और आध्यात्मिक बल का सकार विग्रह हैं । इसलिए उनके विग्रह पर सिंदूर का लेपन होता है। उनके सारे शरीर पर चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर लगाया जाता है। इसे अन्य स्थानों पर चोला चढ़ाना भी कहते हैं।